भोपाल (दीपेश कौरव). मध्यप्रदेश में शैक्षणिक गुणवत्ता बढ़ाने के लिए राज्य सरकार उत्कृष्ट और मॉडल स्कूल योजना के बाद अब केंद्रीय विद्यालयों की तर्ज पर सीएम राइज स्कूल योजना के तहत 9 हजार 200 स्कूलों को सर्वसुविधा युक्त बनाने का दावा कर रही है। इस योजना के पहले चरण में प्रदेश के 375 स्कूलों की सूची जारी की गई है, जो आगामी सत्र 2022-23 तक शुरू करने की तैयारी है, लेकिन इन स्कूलों के लिए अभी तक स्कूल शिक्षा विभाग प्राचार्य, उप-प्राचार्य और अन्य शैक्षणिक स्टाफ भी नहीं जुटा पा रहा है। जबकि प्रदेश में संचालित सरकारी स्कूलों में से हायर सेकंडरी स्कूलों में करीब 2 हजार और हाई स्कूलों में करीब 3200 प्राचार्य हैं। वहीं अन्य स्कूल प्रभारी प्राचार्यों के भरोसे हैं। नियमों में कई बदलाव और प्राचार्यों की इतनी बड़ी संख्या होने के बाद भी विभाग को 275 स्कूलों के लिए प्राचार्य नहीं मिल पा रहे हैं। अब तक विभाग को करीब 120 प्राचार्य ही मिल सके हैं। वहीं, 150 स्कूलों के लिए अभी भी प्राचार्य की व्यवस्था नहीं हो सकी है। हालांकि विभागीय जानकारों का कहना है कि सीएम राइज स्कूलों में प्राचार्यों और शिक्षकों की रूचि नहीं है, वह जहां हैं वहीं पढ़ाना चाहते हैं। इसके अलावा जो आवेदन आए हैं उनके अधिकतर प्राचार्य और शिक्षक इसी स्कूल में कार्यरत हैं। ऐसे में सभी सुविधाओं के साथ नए सत्र से सीएम राइज स्कूल शुरू होना संभव नजर नहीं आ रहा है। मामले में अब स्कूल शिक्षा विभाग के अधिकारी कुछ भी बोलने से बच रहे हैं। जब विभागीय अधिकारियों से बात करने का प्रयास किया तो उन्होंने मिलने से इनकार कर दिया। इसके साथ ही फोन और मैसेज का भी कोई जवाब नहीं दिया।
ऐसे हो रही है प्राचार्यो और शिक्षकों की नियुक्ति: दरअसल, सीएम राइज स्कूलों में शैक्षणिक स्टाफ की नियुक्ति के लिए विभाग ने अगस्त 2021 में प्रक्रिया शुरू की थी। सीएम राइज स्कूलों में प्रिंसिपल के लिए इंटरव्यू और शिक्षकों के पद पर परीक्षा के माध्यम से नियुक्ति करने की व्यवस्था लागू की गई थी। इन दोनों पदों के लिए विभाग ने मापदंड तय किए थे।
प्राचार्यों की नियुक्ति में यह हुआ: सीएम राइज स्कूलों के लिए स्कूल शिक्षा विभाग और आदिम जाति कल्याण विभाग के स्कूलों में कार्यरत प्राचार्यो में नियुक्ति की जानी है। चयनित प्राचार्य का कार्यकाल 5 साल का होगा। 5 साल के बाद प्राचार्य के काम के मूल्यांकन के आधार समयसीमा बढ़ाई जाएगी। प्राचार्यों के लिए पहले निर्धारित की गई प्रक्रिया के तहत 50 अंकों के आधार पर प्राचार्यों का चयन किया जाना था। जिसमें बीते 3 वर्षों के कक्षा 10वीं बोर्ड परीक्षा परिणाम के औसत के 30 प्रतिशत पर 30 अंक, साक्षात्कार पर 10 अंक, एमएड के 5 अंक, पुरूस्कार (जिसमें जिला स्तरीय के लिए 2 अंक, राज्य स्तरीय के लिए 3 अंक, राष्ट्रीय के 5) के लिए कुल 10 अंक मिलने थे। आवदेक के स्कूल में बीते 3 सालों मे से कम से 2 वर्ष का परीक्षा परिणाम दर्ज संख्या के विरूद्ध 50 प्रतिशत से कम नहीं होना था। इसके साथ ही कोई भी विभागीय जांच, लोकायुक्त, EOW में शिकायत लंबित नहीं होनी चाहिए।
स्कूल शिक्षा एवं जनजातीय कार्य विभाग के अंतर्गत हाई स्कूल एवं हायर सेकेंडरी स्कूलों में कार्यरत नियमित प्राचार्य ही आवेदन के लिए पात्र थे। यानी प्रभारी प्राचार्य को यह मौका नहीं दिया गया था। लेकिन प्रतिनियुक्ति पर वर्तमान में स्कूल शिक्षा अथवा जनजातीय कार्य विभाग में कार्यरत प्रभारी जिला शिक्षा अधिकारी, जिला परियोजना समन्वयक, प्रभारी सहायक संचालक अथवा एडीपीसी आवेदन कर सकते थे। ऐसे में विभागीय सूत्रों की मानें तो विभाग के पास करीब 238 प्राचार्यों के आवेदन पहुंचे थे। जिसके बाद स्कूल शिक्षा विभाग ने 25, 26, 27 नवंबर 2021 को इनके इंटरव्यू कराना तय किया था। हालांकि संभाग स्तर पर 26 नवंबर से 1 दिसंबर के बीच इनके इंटरव्यू कराए गए। जिसके बाद विभाग को मात्र करीब 66 प्राचार्य ही मिल सके। बाद में विभाग ने कुछ नियमों को आसान करते हुए एक बार फिर करीब 40 आवेदन बुलाए। इसमें विभाग ने व्याख्याता, उच्च माध्यमिक शिक्षा व उप प्राचार्य को प्राचार्य के लिए मौका दिया और शिक्षकों के लिए कराई गई परीक्षा में 60 अंक से अधिक हासिल करने वाले करीब 180 लोगों को चयनित किया। हालांकि इन 230 लोगों में से भी करीब 60 प्राचार्य ही पात्र मिले। यानी कुल मिलाकर विभाग को अब तक करीब 120 प्राचार्य ही मिल सके हैं। बाकी स्कूलों को लेकर विभाग प्रक्रिया में ही उलझा हुआ है।
शिक्षकों की नियुक्ति में यह हुआ: विभाग ने स्कूलों में पदस्थ शिक्षकों से इन 275 स्कूलों में 2700 पदों पर टीचर बनने के लिए आवेदन बुलवाए थे। करीब 30 हजार शिक्षकों ने आवेदन किए थे। जिसके बाद 7 नवंबर 2021 को शिक्षकों की परीक्षा का आयोजन होना था, लेकिन लिखित परीक्षा दो सत्रों में 28 नवंबर 2021 को आयोजित की गई। यह परीक्षा मप्र राज्य मुक्त स्कूल शिक्षा बोर्ड द्वारा कराई गई और ग्वालियर, जबलपुर, इंदौर, भोपाल, सागर, होशंगाबाद में 58 परीक्षा केंद्र बनाए गए थे। परीक्षा में प्रदेश भर से प्राथमिक, माध्यमिक व उच्च माध्यमिक श्रेणी के तीन हजार 382 शिक्षक शामिल हुए थे। पहली पाली में 14,913 शिक्षक शामिल हुए। वहीं दूसरी पाली में 15,469 शिक्षकों ने परीक्षा दी थी। परीक्षा में पास होने के बाद ही शिक्षक सीएम राइज स्कूल में पढ़ाने के लिए योग्य माने जाएंगे। इन शिक्षकों का कार्यकाल 5 साल होगा। इसके बाद संबंधित शिक्षकों के काम की मूल्यांकन के आधार पर ही उनके कार्यकाल में वृद्धि होगी। हालांकि विभाग अब तक इनका रिजल्ट जारी नहीं कर सका है। मप्र ओपन बोर्ड के अधिकारियों का कहना है कि वह स्कूल शिक्षा विभाग को रिजल्ट सौंप चुके हैं। आगे की प्रक्रिया विभाग ही करेगा।
2019 में शुरू हुई थी मिशन एक हजार योजना: स्कूल शिक्षा विभाग ने स्कूलों को सर्व सुविधा युक्त बनाने के लिए 2019 में मिशन 1000 योजना शुरू की थी। हालांकि 2020 तक इस योजना से हटकर सीएम राइज योजना पर काम शुरू किया गया। जिसके बाद सभी जिलों से सीएम राइज स्कूलों के लिए नाम मांगे गए और पहले चरण में 275 स्कूलों की सूची जारी की गई। यह स्कूल सत्र 2021-22 तक शुरू होने थे, लेकिन अब विभाग इन्हे नए सत्र 2022-23 तक शुरू करने की तैयारी कर रहा है।
यह हैं सीएम राइज योजना: प्रदेश में चार स्तर पर सीएम राइज स्कूल प्रस्तावित है। जिला स्तर पर प्रत्येक जिले में एक (कुल 52) सीएम राइज स्कूल होंगे, जिसमें हर स्कूल 2000 से 3000 विद्यार्थी होंगे। विकास खंड स्तरीय 261 स्कूल होंगे, जिनमें हर स्कूल में 1500 से 2000 विद्यार्थी होंगे। इसी प्रकार संकुल स्तरीय 3200 स्कूल होंगे, जिनमें प्रति स्कूल 1000 से 1500 विद्यार्थी होंगे। ग्रामों के समूह स्तर पर 5687 सीएम राइज स्कूल होंगे, जिनमें प्रति स्कूल 800 से 1000 विद्यार्थी होंगे। प्रत्येक सीएम राइज स्कूल में लगभग 20 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। इन स्कूलों में हिंदी-अंग्रेजी दोनों माध्यम से पढ़ाई होगी। विद्यार्थियों को CBSE स्कूलों की तरह स्वीमिंग पूल, बैंकिंग काउंटर, डिजिटल स्टूडियो, कैफेटेरिया, जिम, थिंकिंग एरिया की सुविधाएं भी मिलेंगी। इनमें प्री-नर्सरी से हायर सेकंडरी की कक्षाएं संचालित होंगी। इन स्कूलों में 15 से 20 किमी की परिधि में रहने वाले बच्चे पढ़ेंगे और उन्हें स्कूल तक लाने व घर छोड़ने के लिए सरकार बस, वैन की सुविधा उपलब्ध कराएगी।
भोपाल के यह स्कूल शामिल: राजधानी में महात्मा गांधी भेल, सरदार वल्लभ भाई उमावि करोंद, शासकीय कन्या उमावि गोविंदपुरा, शासकीय उमावि निशातपुरा, शासकीय उमावि कमला नेहरू टीटी नगर, शासकीय कन्या उमावि बरखेड़ी जहांगीराबाद, शासकीय हाईस्कूल बर्रई, शासकीय बालक उमावि बैरसिया 275 सीएम राइज स्कूलों की सूची में शामिल है।
विभाग करेगा आगे की कार्यवाही: मप्र राज्य ओपन बोर्ड के निदेशक पी.आर तिवारी ने बताया कि परीक्षा ओपन बोर्ड के द्वारा कराई गई थी और रिजल्ट भी बोर्ड ने स्कूल शिक्षा विभाग को भेज दिया है। अब इस संबंध में आगे की जो भी कार्यवाही होगी, वह स्कूल शिक्षा विभाग करेगा।
शिक्षक संगठन ने ये कहा: शासकीय अध्यापक संगठन मप्र के कार्यकारी अध्यक्ष उपेंद्र कौशल ने बताया कि स्कूल शिक्षा विभाग बीते सत्र में भी सीएम राइज स्कूल शुरू करने की बात कह रहा था, लेकिन नहीं हो सके। अब आगामी सत्र में भी यह तैयारी है, लेकिन धरातल पर स्थिति यह है कि न तो शिक्षकों का रिजल्ट जारी किया गया है और न ही 275 प्राचार्यों की नियुक्ति हो पाई है। इसके साथ ही इन स्कूलों में वर्तमान में कार्यरत शिक्षकों में भी भय का माहौल है कि अगर वह परीक्षा में पास नहीं हुए तो उन्हे कहां भेजा जाएगा। विभाग को चाहिए कि वह सीएम राइज स्कूलों को लेकर स्थिति स्पष्ट करे।