द सूत्र, भोपाल। भोपाल सहकारी दुग्ध संघ (Bhopal Cooperative Milk Union) के मुख्य कार्यपालन अधिकारी (Chief Executive Officer) आरपीएस तिवारी (RPS Tiwari) अधिकारी, कर्मचारियों की भर्ती करने में गड़बड़ी के आरोप लगे हैं। दुग्ध महासंघ के प्रबंध संचालक (Managing Director) शमीम उद्दीन (Shamim Uddin) ने उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। जवाब नहीं देने पर ठोस कार्रवाई की बात कही है। आरपीएस तिवारी के खिलाफ राज्यपाल, मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव को 22 सितंबर 2021 को वीके पांडेय ने षिकायत की थी। षिकायत में आरोप थे कि जब आरपीएस तिवारी दुग्ध महासंघ में महाप्रबंधक प्रशासन थे, तब दुग्ध महासंघ में विभिन्न पदों पर भर्ती के लिए व्यापमं के जरिए परीक्षा कराई गई थी। जिसमें उत्तीर्ण उम्मीदवारों का चयन करने के लिए मप्र स्टेट कोआपरेटिव डेयरी फेडरेशन कर्मचारी भर्ती वर्गीकरण एवं सेवा शर्ते विनियम 1985 की कंडिका 23 के बिंदु 1 व 2 में अनुसूची 5 के अनुसार चयन समिति का गठन करना था। इसी समिति को प्रत्येक पदों के लिए उम्मीदवारों का चयन करना था लेकिन यही समिति गठित नहीं की गई। तिवारी पर आरोप है कि उस वक्त स्थानीय स्तर पर दुग्ध महासंघ के अधिकारियों की समिति बना दी गई और उस समिति के जरिए भर्ती कर दी गई, जिसमें गड़बड़ी हुई है।
स्मिति गठन का यह था नियम: अनुसूची पांच के अनुरूप जो समिति गठित की जानी थी, उसमें शासन स्तर, पशुपालन विभाग, सहकारिता विभाग एवं राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड के सदस्य, उनके प्रतिनिधि, विषय वस्तु विशेषज्ञ को शामिल किया जाना था जिसमें आरक्षित वर्ग के एक प्रतिनिधि को रखने के भी प्रविधान है। दुग्ध महासंघ द्वारा आरपीएस तिवारी को जारी कारण बताओ नोटिस में साफ कहा गया है कि इस सूची के अनुरूप संबंधित अधिकारियों को जांच समिति में शामिल ही नहीं किया गया था। अभिलेखों में इस बात की पुष्टि हो चुकी है। जिम्मेदारियों और कर्तव्यों का पालन नहीं करना गंभीर दुराचार की श्रेणी में आता है। इस कृत्य की वजह से दुग्ध महासंघ की छवि धूमिल हुई है।
सीईओ तिवारी का विवादों से है गहरा नाता: सीईओ तिवारी के खिलाफ पूर्व से सीबीआई में जांच लंबित है, जिसमें व्यापमं द्वारा ली गई भर्ती परीक्षा की अवधि खत्म होने के बाद अभ्यर्थियों की भर्ती करने के आरोप हैं। दूसरे मामलों में निर्धारित सदस्यों की जांच कमेटी न बनाकर स्थानीय स्तर के अधिकारियों की कमेटी बनाने और भर्ती करने से जुड़े मामले की शिकायत भी पूर्व से लंबित है। तिवारी के समय ही भोपाल सहकारी दुग्ध संघ में परिवहन शाखा की जिम्मेदारी आशीष पटेल को दी गई थी, जो पूर्व में डीजल चोरी जैसे आरोपों के बाद हटाए गए थे। यही आशीष पटेल लंबी दूरी तक टैंकर चलवाने के लिए रुपये लेने के मामले में लोकायुक्त में आरोपी बनाए गए हैं।
जेएन कंसोटिया पर सीईओ का तबादला रूकवाने के आरोप: पूर्व में सीईओ तिवारी का भोपाल सहकारी दुग्ध संघ से ग्वालियर तबादला किया गया था। सीईओ तिवारी पर गंभीर आरोपों के बावजूद पशुपालन विभाग के अपर मुख्य सचिव जेएन कंसोटिया ने हस्तक्षेप कर उनका तबादला रुकवा दिया था। इस मामले में वीके पांडेय ने 22 सितंबर 2021 को ही पशुपालन विभाग के अपर मुख्य सचिव जेएन कंसोटिया की भी षिकायत की थी।