Jabalpur. नेताओं के नाज नखरों से कौन वाकिफ नहीं है। बात चाहे जनता के हित की हो या फिर विकास की नेताओं को हर जगह तवज्जो चाहिए होती है। खासकर सरकारी महकमे के अधिकारियों से तो हद से ज्यादा तवज्जो की अपेक्षा जनप्रतिनिधि रखते ही हैं। और जब तवज्जो नहीं मिलती तो नेता मुंह फुलाकर अपना रोष प्रगट कर देते हैं या फिर बहिष्कार करके। कुछ ऐसा ही वाकया जबलपुर में पिछले दिनों हुआ। जबलपुर में पश्चिम मध्य रेलवे की बैठक हुई जिसमें जबलपुर मंडल के सभी सांसदों को निमंत्रित किया गया और उनके इलाकों में रेलवे की सुविधाओं पर राय मांगी जानी थी। लेकिन बैठक से रीवा सांसद जनार्दन मिश्र नदारद रहे।
स्टेशन पर आगवानी के लिए नहीं पहुंचा था कोई
बैठक में शामिल होने रीवा सांसद जबलपुर तो आए लेकिन होटल से बैठक स्थल तक पहुंचाने के लिए रेलवे कोई वाहन की व्यवस्था कराना भूल गया, न ही कोई अधिकारी सांसद जी को लेने गया। इस बात से खफा सांसद जनार्दन मिश्रा ने इस बेअदबी की जानकारी पमरे के महाप्रबंधक को फोन पर दे दी और रीवा के लिए रवाना हो गए। जिसके बाद प्रोटोकॉल के उल्लंघन की खबर लगते ही रेलवे के अधिकारियों में हड़कंप मच गया। जीएम ने दो अधिकारियों को सांसद को मनाने के लिए भेजा भी। वे अधिकारी सिहोरा तक सांसद मिश्रा के पीछे-पीछे पहुंचे और उन्हें मनाकर लाने की कोशिश की। लेकिन जनार्दन मिश्रा का पारा ठनका हुआ था और वे रीवा रवाना हो गए।
सांसदों ने रखी अपने-अपने क्षेत्र की व्यथा
इस बैठक में समस्त सांसदों ने अपने क्षेत्र में रेलवे की सुविधाओं की कमी की चर्चा की। लेकिन रीवा की जनता की बात अधिकारियों तक नहीं पहुंच पाई। हालांकि रेलवे सूत्रों की मानें तो रीवा सांसद से अलग से उनके क्षेत्र की मांगों की जानकारी ले ली जाएगी। इधर प्रोटोकॉल उल्लंघन की शिकायत सांसद ने ऊपर तक कर दी है। वहीं पमरे के अधिकारी इस पर सफाई दे रहे हैं।