सीहोर. यहां की जयश्री गायत्री फूड फैक्टरी (Jayshri Gayatri Food factory) के खिलाफ बड़ी कार्रवाई हुई है। जिला प्रशासन ने फैक्टरी पर 18 लाख 92 हजार रुपए का जुर्माना लगाया है। इसके साथ ही फैक्टरी मालिक के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिए हैं। 17 मार्च को जिला प्रशासन ने इसका आदेश जारी किया है। सीहोर से 8 किमी दूर इस फैक्टरी से निकल रहे केमिकल युक्त पानी से ग्रामीणों में बीमारी फैल रही है। जहरीला पानी पीने की वजह से बीते 5 साल में एक दर्जन लोग दम तोड़ चुके हैं। द सूत्र ने इस मामले को प्रमुखता से छापा था। जिसके बाद पनीर फैक्टरी (Paneer factory) के खिलाफ किसानों ने आंदोलन किया था। ये मामला विधानसभा में भी गूंजा। बीजेपी विधायक प्रदीप लारिया ने विधानसभा में मामले को उठाते हुए कहा था कि किसानों के साथ अन्याय ना हो। मामले की निष्पक्ष जांच की जाए।
जांच पर ग्रामीणों के सवाल: फैक्टरी पर लगे आरोपों की जांच केंद्रीय प्रदूषण बोर्ड, मध्य प्रदेश प्रदूषण बोर्ड और शासन-प्रशासन की टीम ने की। सूत्रों के मुताबिक, पनीर फैक्टरी के मालिक पर जांच में भ्रष्टाचार करने के आरोप लगे हैं। यही कारण है कि जब शासकीय अधिकारी जांच करने के लिए आए तो इसकी सूचना किसी ग्रामीण को नहीं हुई। किसानों का आरोप है कि केंद्रीय प्रदूषण बोर्ड, मध्य प्रदेश प्रदूषण बोर्ड और जिला प्रशासन सीहोर (Sehore) पनीर फैक्टरी की जांच करने के लिए आया था। लेकिन इसकी जानकारी हम किसानों को नहीं दी गई। मौके पर किसी तरह का पंचनामा भी नहीं बनाया गया। पनीर फैक्टरी की बिजली सप्लाई ऑन कर दी गई। जबकि ये मामले में एनजीटी न्यायालय में विचाराधीन है।
मौतों की जानकारी परिजन से नहीं ली: जांच पर सवाल खड़े होने की वजह से क्षेत्रीय किसानों में आक्रोश है। किसानों का कहना है कि पनीर फैक्टरी से निकलने वाले जहरीले पानी से क्षेत्रीय जलाशयों, ट्यूबेल, तालाबों और गांव के हेडपंपों का पानी जहरीला हो गया है। लेकिन प्रशासन ने इसकी जांच नहीं की। जिन लोगों के परिजन की मौत फैक्टरी का जहरीला पानी पीने की वजह से हुई है। उनके परिजन से भी किसी तरह की जानकारी नहीं लगी गई। यह साफ-साफ भ्रष्टाचार की ओर इशारा करता है।
इसलिए लगा जुर्माना: गायत्री फूड फैक्टरी संचालकों ने बिना किसी परमिशन के ट्रीटमेंट प्लांट तक पाइप लाइन बिछाने के लिए 2 किमी लंबी सड़क खोद डाली थी। शिकायत मिलने के बाद एमपीआरडीसी ने फैक्टरी प्रबंधन के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए एसडीएम को पत्र लिखा था। इसमें बताया गया कि 25 फरवरी को फैक्टरी प्रबंधन को पाइपलाइन निकालने और क्षतिग्रस्त रोड का सुधार कार्य करने के लिए कहा गया था। लेकिन फैक्टरी प्रबंधन ने इस ओर ध्यान नहीं दिया। इसकी वजह से वहां कभी भी हादसे हो सकते हैं। ग्राम पंचायत पीपलिया मीरा ने भी इसका मांग की है। इसलिए फैक्टरी प्रबंधन से पाइपलाइन निकलवाने और रोड का सुधार कार्य करवाने के लिए वैधानिक कार्यवाही करे।
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सीहोर की गायत्री फूड फैक्टरी में बिजली सप्लाई बंद, केमिकल वेस्ट से लोग बीमार थे