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संजय गुप्ता, INDORE. सीएम के निर्देश पर क्राइम ब्रांच टीआई धनेंद्र सिंह भदौरिया को सस्पेंड कर दिया गया है। क्राइम ब्रांच टीआई धनेंद्र सिंह भदौरिया पर भड़के सीएम ने यहां तक कह दिया है कि किसी टीआई को इस तरह गदर मचाने और वसूली की इजाजत नहीं दे सकते हैं। भदौरिया के खिलाफ शिकायतें तो ढेरों हैं लेकिन उद्योगपति जम्बू भंडारी और उनके पुत्र श्रेयांस ने जब सांसद शंकर लालवानी और उच्च अधिकारियों को उनकी प्रताड़ना की कहानी सुनाई तो इसके बाद सब्र का बांध टूट गया। सांसद ने सीएम को इंदौर एयरपोर्ट पर पूरी कहानी बता दी, इसके बाद सीएम भड़क गए। सांसद लालवानी ने कहा कि सीएम की मंशा जीरो टॉलरेंस की है। ये नीति प्रदेश के साथ इंदौर में सख्ती से लागू होगी।
TI धनेंद्र सिंह भदौरिया सस्पेंड...
इंदौर क्राइम ब्रांच के टीआई धनेंद्र सिंह भदौरिया अफसरों को दरकिनार कर खुद कारोबारी और बिल्डरों को नोटिस देने लगे थे। सीएम के पास पहुंची थी शिकायत। सीएम के निर्देश के 24 घंटे बाद कार्रवाई।@ChouhanShivraj @DGP_MP @OfficeOfKNath @iShankarLalwani pic.twitter.com/g6FyvUd0qb
— TheSootr (@TheSootr) October 9, 2022
यह है पूरा मामला
उद्योगपति जम्बू भंडारी और उनके पुत्र श्रेयांस भंडारी द्वारा हाल ही में भदौरिया द्वारा उन्हें प्रताड़ित करने की शिकायत की थी। इसके बाद यह पूरा मामला उठ गया। शिकायत में कहा गया है कि मेरी संपत्ति ओल्ड पलासिया में हैं। संजीव दुबे द्वारा इसके गलत दस्तावेज बनाकर लेने की कोशइश की जा रही है। मैंने दुबे की शिकायत पलासिया थाने में की है, जिसकी जांच चल रहा है। जब यह बात दुबे को पता चली तो उन्होंने क्राइम ब्रांच टीआई धनेंद्र सिंह भदौरिया से मिलकर मेरे और पुत्र श्रैयांश के खिलाफ एक आवेदन लगा दिया। इसके बाद टीआई भदौरिया ने सीधे जांच शुरू कर दी। इसके लिए फरवरी में नोटिस जारी किया गया। मुझे बार-बार बुलाया गया। मुझ पर दबाव बनाया गया कि पलासिया वाली संपत्ति संजीव दुबे को सौंप दो, अन्यथा बुढ़ापा बिगाड़ देंगे। हमने इसकी शिकायत क्राइम ब्रांच पुलिस उपायुक्त राजेश हिंगणकर और निमिष अग्रवाल को की और दस्तावेज दिए, जो जांच में सही पाए गए।
इस बात की जानकारी जब भदौरिया को लगी तो उन्होंने अप्रैल में मुझे और मेरे पुत्र को धोखाधड़ी के केस में फंसाया। इस पर हमने हाईकोर्ट इंदौर में जाकर जमानत ली। इसके बाद प्रताडित करने के लिए लगातार थाने बुलाकर घंटों बैठाया गया। वह बार-बार कहते थे कि जेल भिजवा देंगे, समझौता क्यों नहीं कर लेता। बात यहीं खत्म नहीं हुई सितंबर में उन्होंने दुबे से विजयगनर थाने में मेरे और पुत्र के खिलाफ झूठी एफआईआर करवा दी। उच्च अधिकारियों ने इस एफआईआर की जांच कराई, जो गलत पाई गई। क्योंकि घटना वाले दिन हम उस मौके पर थे ही नहीं। भदौरिया अभी भी हमारे घर पर कई असामाजिक तत्व और भूमाफियाओं को पहुंचाकर जमीन को लेकर दबाव बना रहे हैं।
विजयनगर टीआई भी घेरे में
इस पूरे मामले में यह बात सामने आई है कि विजयनगर टीआई रविंद्र गुर्जर (जो खुद गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा के क्षेत्र से हैं और वह खुद को उनका खास बताते हैं) ने भंडारी पिता और पुत्र को झूठे केस में फंसाया था। फिलहाल पुलिस विभाग ने उन पर कार्रवाई नहीं की है।
यह है अन्य शिकायतों का अंबार
- सिकलगीर से अवैध हथियार जब्त किए गए थे, इस मामले में कुख्यात गुंडा राहुल टोकनीवाला भी शामिल पाया गया था। लेकिन बाद में गुंडे से सांठगांठ कर उसे बाहर कर दिया गया। वहीं इस मामले में एक दिव्यांग को उलझा दिया गया। इस कार्रवाई को लेकर आजादनगर एससीपी मोती उर रहमान ने भी क्राइम ब्रांच की कार्रवाई पर सवाल खड़े किए थे।
सात विभागीय जांच, दो केस, एक बार जेल और बर्खास्त भी
भदौरिया अपनी नौकरी के दौरान अभी तक सात बार विभागीय जांच का सामना कर चुके हैं। एक बार बर्खास्त भी किया जा चुका है और उन पर दो क्रिमिनल केस हैं। जबकि एक बार जेल भी जा चुके हैं।
झाबुआ एसपी का दो घंटे में ट्रांसफर, टीआई पर कार्रवाई में देरी
झाबुआ एसपी अरविंद तिवारी का छात्रों से अभद्र तरीके से बात करने का एक ऑडियो वायरल हुआ था। सीएम ने तत्काल कार्रवाई की थी। सीएम झाबुआ दौरे पर जाते हैं, यहां कलेक्टर की शिकायत मिलती है और कलेक्टर पद से आईएएस सोमेश मिश्रा का ट्रांसफर कर दिया जाता है। आईएएस और आईपीएस पर तत्काल कार्रवाई हुई लेकिन जिन क्राइम ब्रांच टीआई धनेंद्र सिंह भदौरिया को तत्काल हटाने के लिए सीएम भरी बैठक में निर्देश देते हैं, लेकिन कार्रवाई करीब 24 घंटे बाद होती है।
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