Jabalpur. जबलपुर में अमृत योजना के तहत कई टंकियां ऐसी हैं जो बनकर तो तैयार हो चुकी हैं लेकिन उन्हें राइजिंग पाइपलाइन से नहीं जोड़ा गया है। टंकी बनने के बाद 3 साल बीत चुके हैं लेकिन पाइप लाइन से न जुड़ पाने की वजह से एक बड़े इलाके के करीब 35 हजार परिवार दूर-दूर से पानी ढोने को मजबूर हैं। आलम यह है कि टैंकरों से होने वाली सप्लाई के दौरान आए दिन लोगों में झगड़े और बहसबाजी की घटनाएं होती रहती हैं।
सुभाषचंद्र बोस वार्ड में पानी की दो टंकियां हैं इसके बावजूद वार्ड के लोगों को दूरदराज से पानी लाना पड़ता है। भड़पुरा में साल 2007 में पानी की टंकी बन चुकी थी। लेकिन इससे भी ऊंचाई पर पानी नहीं पहुंचता है। यही हाल मिल्क स्कीम में बनी टंकी का है, जहां 2019 में टंकी बनी है। वार्ड के पार्षद महेश राजपूत ने बताया कि टंकी की जलभराव क्षमता साढ़े 6 मीटर की है, लेकिन टंकी 3 से 4 मीटर ही भरी जा रही है। जिसके कारण वार्ड में पर्याप्त पानी नहीं मिल पा रहा है। ऊपरी इलाकों में रहने वाले बाशिंदे इसके चलते काफी ज्यादा परेशान होते हैं।
बता दें कि शहर में संजय गांधी वार्ड, रानी दुर्गावती वार्ड, सुभाषचंद्र बोस वार्ड और उजार पुरवा क्षेत्र में हाल ही टंकियां बनी थीं। इस बीच कोरोना काल भी आ गया और पाइप लाइन का कार्य लटक गया।
नगर निगम के अधीक्षण यंत्री कमलेश श्रीवास्तव का कहना है कि इन इलाकों में जो भी समस्या आ रही है उसका रिव्यू किया जाएगा। टंकी पर्याप्त भरी जाए इसके लिए हरसंभव प्रयास किया जाएगा। जहां पानी पहुंचना संभव नहीं हो पा रहा है उन्हें अमृत फेस-2 में शामिल कर नए जलापूर्ति नेटवर्क से जोड़ा जाएगा।