GWALIOR News. बरसात शुरू होते ही ग्वालियर जिले में सांप जमीन से निकलकर घरों और सड़कों पर स्वछंद घूमने लगे हैं । वे मौका लगते ही लोगों को अपना शिकार बना लेते है । हालत ये है कि जयारोग्य अस्पताल मे दो से तीन सर्प दंश के शिकार रोज उपचार के लिए पहुंच रहे हैं। इस बजह से ग्रामीण इलाकों में भय का वातावरण है।
अभी नौ मरीज भर्ती
जे एच के मेडिसिन विभाग में इसके लिए एक अलग आईसीयू बनाया गया है। इस आईसीयू में अभी नौ मरीज भर्ती हैं । इनमे से एक की हालत गम्भीर है जिसे वेंटिलेटर पर लेना पड़ा है। डॉक्टर्स का कहना है कि हर दिन सांप काटे के दो से तीन मरीज उपचार के लिए अस्पताल में पहुंच रहे है। अच्छी बात है कि अभी तक अस्पताल तक पहुंचे सभी मरीज स्वस्थ्य हुए किसी की भी मौत नही हुई । हालाँकि गाँव मे अनेक मरीज स्थानीय उपचार से ठीक हो गए जबकि कई मरीजों की अस्पताल पहुंचने से पहले ही मौत भी हो गई।
स्नेक बाइट के बाद क्या न करें?
डॉक्टर्स का कहना है कि सर्पदंश के मरीज को अगर दर्द हो रहा है बिना डॉक्टर्स के परामर्श के दर्द निवारक ऐस्प्रिन न दें। इससे ब्लीडिंग बढ़ सकती है जिससे जहर शरीर मे तेजी से फैलकर जानलेबा हो सकता है।
कैसे करें पहचान के सांप ने ही काटा है
आमतौर पर देखा गया है कि सांप चुपके से डंसता है। व्यक्ति को बाद में दर्द या ब्लीडिंग से पता चलता है कि किसी ने काट लिया है । उपचार में देरी जानलेवा बन जाती है । जीआर मेडिकल कॉलेज के प्रोफेसर डॉ अजय पाल सिंह ने बताया कि किसी व्यक्ति को सांप ने ही काटा है,इसकी करने के लिए सबसे पहले ये देखें कि घाव के इर्द गिर्द सूजन और लाली है , काटने की जगह पर दर्द हो रहा है,सांस लेने में तकलीफ है ,उल्टी या मतली आ रही है ,आंखों से साफ नजर नहीं आ रहा तो समझो लक्षण सर्पदंश के हैं।
फिर ये करें तत्काल
डॉक्टर्स की सलाह है कि सांप ने जिस अंग पर काटा है उसे हिलाएं नहीं । काटे हुए स्थान से थोड़ा ऊपर हल्का दवाब बनाते हुये तत्काल कपड़े से बांध दें फिर डॉक्टर को दिखाएं