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KHANDWA. पिपलोद के बामंदा गांव में एक अजीबो गरीब मामला सामने आया। यहां चरित्र शंका के कारण कुछ लोगों ने एक लड़का और लड़की को बुरी तरह पीटा। जबकि लड़का-लड़की आपस में भाई-बहन थे। आरोपियों ने दोनों भाई-बहन के साथ ऐसी बर्बरता दिखाई कि इनके बिना कसूर के इन्हें पेड़ से बांधकर कोड़ों से पीटा। इस दौरान दोनों गिड़गिड़ाते रहे, लेकिन किसी ने एक न सुनी। घटना 6 अप्रैल, गुरुवार को पिपलोद के बामंदा गांव की है। 7 अप्रैल, शुक्रवार को थाने में शिकायत की गई। शुक्रवार रात पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया।
डायल 100 के जवानों ने आरोपियों को छुड़ाया
झारीखेड़ा का ज्ञानलाल बामंदा गांव अपनी बहन कलावती से मिलने गया था। बहन घर में अकेली थी। गांव के कुछ लोगों ने सोचा कि नया शख्स महिला से मिलने आया है। लोग जुटे और दोनों को घर से बाहर खींच लाए। चरित्र शंका को लेकर दोनों को पेड़ से बांधकर लकड़ी और कोड़ों से 1 घंटे तक पीटा। इसी दौरान किसी ने पुलिस को सूचना दे दी। मौके पर पहुंची डायल 100 के जवानों ने आरोपियों के चुंगल से छुड़वाकर भाई-बहन को अस्पताल पहुंचाया।
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लोगों ने घर में घुसकर पीटना शुरू कर दिया
ज्ञानलाल ने पुलिस को बताया कि मैं ड्राइवरी करता हूं। मैं काफी समय से बहन कलावती से मिल नहीं पाया था। उस दिन फुर्सत में था तो मिलने चला गया। मैं भीतर खटिया पर बैठा था, बहन घर का काम कर रही थी। इतने में आठ-दस लोग आए और मुझे पकड़ लिया। मेरे पीछे बहन को भी घर से बाहर किया। फिर पीटते-पीटते गांव के बाहर ले गए। नीम के पेड़ के पास ले जाकर रस्सी से बांध दिया। मुझे अर्धनग्न कर एक घंटे तक वो लोग पीटते रहे।
महिला के पति की भी भीड़ ने नहीं सुनी
मारपीट के दौरान गांव में भीड़ जुट गई। किसी ने कलावती के पति रमेश को फोन पर सूचना दी। रमेश ने आरोपियों को समझाया कि हम रिश्तेदार हैं, उसे मत पीटो। रमेश की बात को भी उन्होंने अनसुना कर दिया।