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BHOPAL. पूर्व सीएम कैलाश जोशी के बेटे और पूर्व मंत्री दीपक जोशी को मनाने की बीजेपी की आखिरी कोशिशें भी नाकाम हो गई हैं। बुधवार (3 मई) को बीजेपी के वरिष्ठ नेता रघुनंदन शर्मा से दीपक जोशी की भोपाल में मुलाकात हुई। यह मान मन्नोव्वल भी बेअसर साबित हुई। दीपक जोशी ने शर्मा से सीधे कह दिया कि वे कांग्रेस पार्टी में जा रहे हैं और 6 मई को ज्वॉनिंग तय है। अब वे बीजेपी के किसी भी नेता से बात नहीं करेंगे। यहां बता दें, दीपक जोशी लम्बे समय से पार्टी में हाशिए पर बने हुए हैं।
पिता कैलाश जोशी की तस्वीर लेकर कांग्रेस दरवाजे जाएंगे दीपक
दीपक जोशी की बीजेपी नेता रघुनंदन शर्मा के बुलावे पर मुलाकात के बाद अब उनका पार्टी छोड़ना तय हो गया है। भेंट के बाद दीपक ने भी साफ कर दिया है कि अब उनका कांग्रेस में जाना तय हो गया है। यह भी बताया गया कि वे 6 मई को कांग्रेस ज्वॉइन करेंगे। उन्होंने यहां तक कह दिया है कि वे अपने पिता कैलाश जोशी की तस्वीर कांग्रेस कार्यालय ले जाने वाले हैं। दीपक जोशी ने मीडिया से बातचीत में कहा कि वह अपने पिता की फोटो लेकर कांग्रेस के दरवाजे पर जाएंगे। उन्होंने कहा, 'मैं कांग्रेस से कहूंगा कि इन्हें स्थापित करना है तो करो, मैं आपके साथ हूं। यहां बता दें कैलाश जोशी बागली विधानसभा सीट से बीजेपी के टिकट से आठ बार विधायक बने थे और आजीवन बीजेपी में रहे थे। तीन साल पहले कैलाश जोशी का निधन हो गया।
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बीजेपी पर उपेक्षा का आरोप
दीपक जोशी ने बीजेपी पर उपेक्षा करने का आरोप लगाया है और इसलिए वह बीजेपी छोड़ 6 मई को कांग्रेस में शामिल हो जाएंगे। पूर्व शिक्षा मंत्री दीपक जोशी के इस फैसले से कांग्रेस उत्साहित है तो बीजेपी में खलबली मच गई है। मंगलवार, 2 मई को दीपक जोशी के यू टर्न लेने की बात सामने आई थी, हालांकि, बाद में दीपक जोशी ने इसे खुद ही खारिज कर दिया। दीपक जोशी ने मीडिया से चर्चा करते हुए कहा कि वह 6 छह मई को कांग्रेस ज्वाइन करेंगे और साथ में अपने पिता स्व. कैलाश जोशी की तस्वीर लेकर भी जाएंगे।
कमलनाथ ने सिर्फ 3 मिनट में पिता के स्मारक के लिए जमीन दे दी
दीपक जोशी ने कहा कि मैं अपने पिताजी का पारम्परिक मकान छोड़ रहा हूं। अब मैं भोपाल में अपने बहनोई के घर रहूंगा। पूर्व मंत्री जोशी ने कहा कि पिताजी भोपाल से सांसद रहे, लेकिन एक चीज का नामकरण भी उनके नाम पर नहीं किया। देवास में लंबी लड़ाई लड़ी, वहां भी नामकरण नहीं किया, आखिर ऐसा क्यों? विचारधारा की बात नहीं है, जो पालेगा-पोसेगा अब मैं उनके साथ ही रहूंगा। कमलनाथ जी से प्रभावित हूं। उन्होंने सिर्फ तीन मिनट में ही पिताजी के स्मारक के लिए जमीन दे दी थी। बीजेपी ने 30 महीने में स्मारक को खडंहर बनाकर रख दिया।
2018 में दीपक चुनाव हार गए थे
बता दें पूर्व सीएम कैलाश जोशी अपनी पार्टी बीजेपी में संत कहलाए जाते थे, उसकी वजह था कि 1967 से उन्होंने अपनी विधानसभा क्षेत्र बागली में बीजे का झंडा ऊंचा रखा। वह भोपाल लोकसभा सीट से सांसद भी चुने गए। बागली विधानसभा क्षेत्र बीजेपी का गढ़ है। यहां से साल 1962 में पहली बार कैलाश चंद्र जोशी भारतीय जनसंघ से विधायक चुने गए, इसके बाद 1967-1972 में भी जनसंघ से कैलाश जोशी विधायक बने। 1977 में जनता पार्टी से कैलाश जोशी विधायक बने, इसके बाद साल 1980, 1985, 1990 और 1993 में भी कैलाश जोशी बीजेपी की ओर से विधायक चुने गए। इसके बाद दीपक जोशी बीजेपी से विधायक निर्वाचित हुए। उन्हें मंत्री भी बनाया गया। हालांकि 2018 में वह चुनाव हार गए।