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CHHATARPUR. मध्यप्रदेश के छतरपुर जिले के बिजावर थाना क्षेत्र के ललगुवां पाली गांव (Lalguwa Pali Village) में खेलते समय तीन साल की बच्ची नैंसी विश्वकर्मा खुले बोरवेल में गिर गई थी। बच्ची 30 फीट गहरे बोरवेल में फंसी थी। उसे बचाने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू कर दिया गया था। जेसीबी से खुदाई भी की गई। बोरवेल में बच्ची तक ऑक्सीजन पहुंचाई जा रही थी। पुलिस और प्रशासन बच्ची को रस्सी को बोरवेल से बाहर निकालने के लिए रस्सी डालकर रात करीब 10 बजे देशी जुगाड़ कर बाहर निकाल लिया गया। लेकिन बार-बार ऐसी घटनाएं क्यों हो रही है, इस पर सख्त एक्शन लेने की जरूरत है।
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— TheSootr (@TheSootr) February 26, 2023
रेस्क्यू के लिए जिले से संसाधन इकठ्ठे गए थे
एसपी सचिन शर्मा का कहना है कि 3 साल की बच्ची नैंसी विश्वकर्मा बोरवेल में गिर गई थी। जिसके लिए जिले से सभी संसाधन इकठ्ठे किए गए थे। हम सभी लोगों ने जिला मुख्यालय से बिजावर जाकर रेस्क्यू टीम के साथ कोशिश कर करीब रात 10 बजे बच्ची को बोरवेल के बाहर निकाल लिया।
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खुला बोरवेल कौन जिम्मेदार
खुले बोरवेल की घटनाएं कई बार सामने आई हैं, लेकिन इसके बावजूद भी जिम्मेदार लोगों का इसके प्रति रवैया उदासीन ही दिखता है। कई बार खुले बोरवेल को ढका नहीं जाता है और ये जानलेवा साबित हो जाता है। बच्चे इसकी चपेट में ज्यादा आते हैं। बोरवेल को खुला छोड़ दिया जाता है और खेलने कूदने में मग्न बच्चों को इसका पता नहीं चलता और वो इसमें गिर जाते हैं। इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए ठोस कदम उठाए जाने की जरूरत है। इस घटना में भी बोरबेल खुला हुआ था जिस वजह से 3 साल की मासूम बच्ची उसमें गिर गई।
चेतावनी के बावजूद बोरवेल खुले छोड़े जा रहे हैं
बता दें कि इससे पहले दिसंबर 2022 में बैतूल जिले के मांडवी गांव में 400 फीट गहरे खुले बोरवेल में 8 साल का तन्मय साहू गिर गया था। वो 50 फीट की गहराई में फंसा था। जिसे 84 घंटे के रेस्क्यू के बावजूद नहीं बचाया जा सका था। सरकार और प्रशासन के बार-बार चेतावनी देने के बावजूद बोरवेल खुले छोड़े जा रहे हैं। जिससे इस तरह की घटनाएं हो रही हैं। इसमें प्रशासन की भी गंभीर लापरवाही देखने को मिली है। अधिकारी समय पर निरीक्षण करने नहीं पहुंचते हैं।