MANDLA. मंडला जिला नर्मदा किनारे बसा है लेकिन मंडला के गांव प्यासे हैं। मंडला का एक ऐसा गांव तेंदुआ बमनी जहां पानी के लिए लोग तरस रहे और जानवर प्यास से मर रहे हैं, वहीं नल जल योजना का कोई पता ही नहीं है। हम विशेष तौर पर इस गांव की बात इसलिए कर रहे हैं क्योंकि यह गांव बीजेपी से विधायक देवीसिंह सैयाम का गांव है। यहां लोग पानी के लिए बहुत परेशान हैं, लेकिन विधायक जी सुनते ही नहीं। जब विधायक के गांव के यह हाल हैं तो और गांव की स्थिति क्या होगी आप समझ सकते हैं।
गांववासी पानी के लिए तरस रहे हैं, यहां बोर भी नहीं
यही स्थिति बीजेपी की विकास यात्रा की पोल खोल रही है। जब हमने विधायक देवीसिंह सैयाम से गांव की समस्या की बात कही तो उनका कहना है की हमारे गांव में नल जल योजना चालू है और योजनाएं बहुत सुचारू रूप से चल रही है। नल जल योजना बहुत अच्छी चल रही है और जहां कार्य पूर्ण नहीं हुए उधर हम लोग कार्य पूर्ण कराने की पूरी कोशिश कर रहे हैं। जबकि हकीकत कुछ और है। गांववासी पानी के लिए तरस रहे हैं, यहां बोर भी नहीं है। नर्मदा किनारे बसे मंडला जिले के गांवों में लोगों को पानी नहीं मिल रहा है।
कमिश्नर बी चंद्रशेखर राव को समस्याओं से अवगत कराया
जबकि मुख्य मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा था कि गांव में पानी की कमी नहीं होने दी जाएगी। आदिवासियों को कोई समस्या नहीं होगी। पानी की समस्या और आदिवासियों की अन्य समस्याओं को लेकर निवास विधायक डॉ. अशोक मर्सकोले और मंडला जिले के जयस अध्यक्ष हेमंत बरकड़े के नेतृत्व में पिछले सप्ताह करीब 75 किमी की पैदल यात्रा करके आदिवासी जबलपुर पहुंचे और कमिश्नर बी चंद्रशेखर राव को अपनी समस्याओं से अवगत कराया।
द सूत्र की टीम ने मंडला के गांव में नल जल योजना की जमीनी जानी हकीकत
ग्रामीणों को नहीं मिल रहा लाभ
मंडला में पीएचई विभाग के माध्यम से ग्रामीण अंचलों में पेयजल आपूर्ति के लिए हैंडपंपों के अलावा नल-जल योजना के घर घर पानी देने की व्यवस्था की थी लेकिन यह योजना सालों बीतने के बाद भी योजना का लाभ धरातल पर ग्रामीणों को नहीं मिल पा रहा है। परिणाम यह है कि करोड़ों रुपए खर्च कर गांवों में टंकी निर्माण, पाइप लाइन बिछाना, घर-घर नल कनेक्शन देना आदि का निर्माण करने के बाद भी ग्रामीण दो किमी दूर से पानी लाने के लिए मजबूर हो रहे हैं। विभागीय अफसरों की लापरवाही और ग्राम पंचायतों द्वारा समय पर रख रखाव ना करने के कारण नल-जल योजना में बिछी पाइप लाइनें क्षतिग्रस्त हो तथा कई गांवों में तो गायब हो चुकी है। वहीं टंकी भी क्षतिग्रस्त अवस्था में पहुंच रही है। जिसके चलते ग्रामीणों को पानी नसीब नहीं हो पा रहा है। मंडला के ग्राम तेंदुआ बमनी ग्राम पंचायत जो की मंडला विधानसभा के बीजेपी से विधायक का गांव है जिसमें पानी की बड़ी समस्या है ग्राम के लोगों ने बताया की हम बहुत दूर से पानी लाते हैं हमारे ग्राम में नल जल योजना भी नही है हमें बहुत दिक्कत होती है तथा हमारे जानवर कभी-कभी प्यार से रहते हैं गर्मी के दिनों में बहुत दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।
विधायक का गांव चकाचक होना चाहिए
ग्राम तेंदुआ बमनी के नबल सिह कहते हैं कि विधायक का गांव चकाचक रहना चाहिए पर गांव में पानी ही नहीं है इसकी शिकायत विधायक से भी की पर शिकायत दे दे कर हम लोग थक गए हैं पर पानी नहीं आया।
नल जल योजना नहीं है
ग्राम तेंदुआ बमनी की ही परमिला बाई कहती हैं गर्मी में पानी नहीं मिलता। हमें सिवनी जिला से पानी लाना पड़ता है। नल जल योजना नहीं है। दो बोर खुदवाए, पानी नहीं मिला।
नल जल योजना नहीं है
ग्राम पंचायत तंदुआ बमनी के उप सरपंच खालिक खान ने कहा कि ग्राम में कई जगह नल जल योजना है तो कुछ जगह पर नल जल योजना ही नहीं है विभाग के ठेकेदार द्वारा पंचायत भवन के बाजू में दो तीन सालों से पाइप बस डले हैं, लेकिन ग्राम में लाइन नहीं बिछ पाई।
पानी नहीं मिल रहा
ग्राम पंचायत नहर बेली की रामवती बाई कहती हैं कि पानी की समस्या है। नर्मदा से पानी लाते हैं।
कार्य चालू है
मण्डला में पीएचई के ईई मनोज भास्कर इस संबंध में जिले में टोटल 718 नल जल योजना स्वीकृत हैं। जिसमें 597 योजनाओं में काम चालू है और 2024 तक काम पूरा करने का प्रयास करेंगे।
पैदल चलकर जबलपुर पहुंचे
आदिवासी नारायणगंज से पैदल चलकर पिछले सप्ताह जबलपुर पहुंचे विधायक डॉ. अशोक मर्सकोले व जयस के मंडला जिले के जिलाध्यक्ष रतन बरकड़े के नेतृत्व में आदिवासी पिछले सप्ताह नारायणगंज से पैदल चलकर जबलपुर पहुंचे और अपनी विभिन्न मांगों का ज्ञापन कमिश्नर को सौंपना चाहा। कमिश्नर शहर से बाहर थे तो वहां इन्होंने सभा की। रात को कमिश्नर बी चंद्रशेखर राव जब वापस लौटे तब ज्ञापन सौंपकर अपनी मांगों के संबंध में चर्चा की।
ये हैं मुख्य मांग
बरगी बांध और नर्मदा नदी से बीजाडांडी, नारायणगंज, मोहगांव और निवास में लिफ्ट सिंचाई योजना से खेत खलिहान तक पानी पहुंचाया जाए। चुटका,बसनिया और दलपतशाह अभयारण्य को निरस्त किया जाए। मंडला के विभिन्न परियोजनाओ से विस्थापित परिवारों की वर्तमान रहवास, सामाजिक और आर्थिक स्थिति पर जांच के लिए कमेटी गठित हो।उसके बाद विस्थापित परिवारों की स्थिति का आकलन कर उनका पुनर्वास किया जाए।पलायन को रोकने के लिए 10 वर्षीय दीर्घकालीन योजना स्थानीय समुदाय के सुझाव, विश्वास और प्राकृतिक संसाधनों की उपलब्धता के आधार बनाया जाए।
जबलपुर पहुंचे आदिवासियों का ये है दर्द
मोहगांव, रैयतवाली पंचायत की सरपंच बसोतिया बाई मरावी व देवकली का कहना है कि हमारे गांव में पानी नहीं मिल रहा। ग्राम रमपुरी मोहगांव के रामदयाल उरेती का कहना है कि पेसा एक्ट के अधिकार के तहत हम लड़ाई लड़ रहे हैं। बरसों से विस्थापित हो रहे हैं, कब तक विस्थापित होंगे।
आदिवासियों की समस्याओं का समाधान हो
विधायक निवास के डॉ. अशोक मर्सकोले कहते हैं कि पानी नहीं मिलने से आदिवासी पलायन कर रहे हैं। वे विस्थापन का दर्द झेल रहे हैं। मुख्यमंत्री केवल वादे करते हैं। वे हमारी समस्या का समाधान करें।
बरगी में पानी, लेकिन आदिवासियों को नहीं मिल रहा
जयस के मंडला जिलाध्यक्ष रतन बरकड़े बोले आदिवासी विस्थापित कर दिए गए लेकिन पुनर्वास के लिए जो वादे किए थे वे पूरे नहीं हुए। उनके खेत में पानी नहीं पहुंच रहा जबकि बरगी में अथाह पानी है। हमारे हितों की रक्षा की जाए।