BHOPAL. शराब के खिलाफ मध्य प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती की दिनों-दिन तेज होती मुहिम के बहाने कांग्रेस सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) पर निशाना साध रही है। इसे लेकर राज्य के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने 3 फरवरी को पलटवार किया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के पास अपना कोई मुद्दा या विचार नहीं बचा है। इसके अलावा इंदौर में निर्वाचित जन प्रतिनिधियों और नौकरशाही के बीच खींचतान के मसले को मंत्री ने सिरे से खारिज किया।
मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने संवाददाताओं से कहा कि अच्छी बात है
उमा भारती ने सूबे के ओरछा कस्बे में गुरुवार को शराब की एक दुकान के सामने गायों को बांधकर उन्हें घास खिलाई थी और लोगों से शराब त्याग कर गाय का दूध पीने का आह्वान किया था। पूर्व मुख्यमंत्री के इस कदम के बारे में पूछे जाने पर मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने इंदौर में बेहद संक्षिप्त प्रतिक्रिया में संवाददाताओं से कहा कि अच्छी बात है।
कांग्रेस पर साधा निशाना
राज्य के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा मध्य प्रदेश सरकार के प्रवक्ता भी हैं। जब उनके सामने जिक्र किया गया कि शराब के खिलाफ उमा भारती की मुहिम के बहाने कांग्रेस सत्तारूढ़ बीजेपी पर लगातार निशाने साध रही है, तो उन्होंने कहा कि अब कांग्रेस के पास स्वयं का कोई मुद्दा या विचार तो बचा नहीं है। वे (कांग्रेस नेता) दूसरे के ललना (बच्चे) को अपने पलना (पालने) में खेलाने की कोशिश कर रहे हैं। प्रतिबंधित संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के एक संदिग्ध कार्यकर्ता को सूबे के श्योपुर से पकड़े जाने की खबरों को गृह मंत्री ने सिरे से खारिज किया और कहा कि उनके पास ऐसा कोई समाचार नहीं है।
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इस्लाम नगर का नाम जगदीशपुर जनता की मांग पर किया गया
सूबे की राजधानी भोपाल के पास स्थित ऐतिहासिक इस्लाम नगर का नाम बदलकर जगदीशपुर किए जाने पर उन्होंने कहा कि यह फैसला जनता की मांग पर विचार के बाद किया गया। मंत्री नरोत्तम मिश्रा इंदौर के प्रभारी मंत्री भी हैं। स्थानीय पार्षदों ने गुरुवार को एक हंगामेदार बैठक में शहर के महापौर पुष्यमित्र भार्गव से शिकायत की थी कि सरकारी अफसर उनकी बात नहीं सुनते और इसके बाद महापौर ने नौकरशाही के रवैये को लेकर कड़ी नाराजगी जताई थी।
जन प्रतिनिधियों और नौकरशाही के बीच खींचतान को खारिज किया
बहरहाल, प्रभारी मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने इंदौर में निर्वाचित जन प्रतिनिधियों और नौकरशाही के बीच खींचतान के मसले को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि महापौर ने उन्हें ऐसी किसी बात से अब तक अवगत नहीं कराया। गृह मंत्री ने कहा कि ऐसा संभव ही नहीं है कि जन प्रतिनिधियों की बात अधिकारी ना सुनें। गौरतलब है कि जब मिश्रा ने यह बात कही, तब महापौर भार्गव एकदम उनके पास बैठे थे। हालांकि, महापौर इस दौरान खामोश बने रहे।