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DAMOH. दमोह के कांग्रेस विधायक अजय टंडन ने कहा कि मेरी जीत सरकार के मुंह पर दमोह की जनता का एक तमाचा था। दमोह की जनता कहती है कि हम सबकुछ बर्दाश्त कर लेंगे, लेकिन बेईमानी बर्दाश्त नहीं करेंगे। जनता कह रही है कि हमें सबकुछ बर्दाश्त है, लेकिन दमोह को बेचने वालों को हम बर्दाश्त नहीं करेंगे।
'2-2 दर्जा प्राप्त मंत्री बैठे हैं फिर भी विकास नहीं'
अजय टंडन से पूछा गया कि दमोह विकास कार्य में पिछड़ रहा है, तो उन्होंने कहा कि विकास कराना उनका जिम्मा है जो सरकार में बैठे हैं। यहां पर 2-2 मंत्री का दर्जा लिए बैठे हैं। विकास नहीं करा पा रहे तो उन्हें अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए, क्योंकि वे केवल अपना विकास कर रहे हैं। मेरी जितनी हैसियत है मैं वो कर रहा हूं और जनता ये जानती है। वहीं, सामने वाला क्या कर रहा है, ये भी जनता जानती है। वो केवल फॉलो गार्ड और सरकारी गाड़ियों में घूम रहे हैं। क्या उन्हें जनता के बीच नहीं जाना, जो चुपचाप बैठे सब देख रहे हैं।
दमोह मेडिकल कॉलेज के लिए होगा जन आंदोलन
प्रेस कॉन्फ्रेंस में दमोह विधायक अजय टंडन ने कहा कि यदि इस बार के बजट में दमोह के मेडिकल कॉलेज का आवंटन नहीं होता है तो एक जन आंदोलन होगा, क्योंकि मुझे लगता है कि बगैर आंदोलन के ये सरकार मेडिकल कॉलेज दमोह में नहीं खोलेगी। ये तय है कि वो चुनावी वादे थे, झूठे वादे थे और झूठे वादे करने में ये सरकार माहिर है।
राजनीति में सक्रियता जरूरी
अजय टंडन से पूछा कि चुनाव नजदीक आते ही आप की सक्रियता अचानक बढ़ गई, ऐसा क्यों? उन्होंने कहा कि ये जनता की अदालत है, जो सबसे बड़ी है। सक्रियता राजनीति में जरूरी है, लेकिन जनता ये भी देख रही है कि कौन कितना सक्रिय है और कौन क्या कर रहा है। विधायक से सवाल किया कि ढाई साल के कार्यकाल में एक भी विकास कार्य नहीं हुआ है। कहीं आप की जीत का दमोह की जनता खामियाजा तो नहीं भुगत रही। इस पर उन्होंने कहा कि जनता ने उन्हें जिताकर सरकार के मुंह पर एक करारा तमाचा मारा था। दमोहवासी सबकुछ बर्दाश्त कर सकते हैं, लेकिन बेईमानी बर्दाश्त नहीं कर सकते।
2018 विधानसभा चुनाव में मेडिकल कॉलेज था मुद्दा
मेडिकल कॉलेज का मुद्दा 2018 के मुख्य चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी राहुल सिंह ने दमोह में मेडिकल कॉलेज लाने की जनता की मांग को चुनावी मुद्दा बनाया था। उस समय ये खबर फैलाई गई कि बीजेपी प्रत्याशी और बीजेपी सरकार के वित्त मंत्री जयंत मलैया नहीं चाहते कि दमोह में मेडिकल कॉलेज आए और इसी बात का फायदा कांग्रेस प्रत्याशी राहुल सिंह ने उठाया। इसी समय पथरिया में आयोजित एक चुनावी सभा के दौरान कांग्रेस सरकार के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने ये घोषणा की थी। यदि उनकी सरकार बनी और राहुल सिंह चुनाव जीते तो दमोह में मेडिकल कॉलेज बनेगा, लेकिन मेडिकल कॉलेज नहीं बना और 14 महीने बाद सरकार गिर गई। इसी बात का बहाना देकर कांग्रेस विधायक राहुल सिंह ने कांग्रेस से इस्तीफा दिया और बीजेपी में शामिल हो गए।
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दमोह में मेडिकल कॉलेज का पता नहीं
राहुल सिंह का कहना था कि कांग्रेस सरकार ने उनके मेडिकल कॉलेज के वादे को पूरा नहीं किया इसलिए उन्होंने कांग्रेस छोड़ दी, फिर उपचुनाव में बीजेपी ने कांग्रेस से आए राहुल सिंह को प्रत्याशी बनाया और फिर से मेडिकल कॉलेज चुनावी मुद्दा बन गया, लेकिन इस बार बीजेपी की ओर से था। इसी के चलते मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने उप में चुनाव में एक सभा में तहसील मैदान में दमोह में मेडिकल कॉलेज की घोषणा करते हुए उसका भूमिपूजन कर दिया, लेकिन ढाई साल बाद भी दमोह में मेडिकल कॉलेज का पता नहीं। अब इसी मेडिकल कॉलेज के मुद्दे को कांग्रेस के विधायक अजय टंडन चुनावी मुद्दा बनाना चाहते हैं, इसलिए चुनाव आने के पहले उन्होंने इस मामले में जन आंदोलन की बात शुरू कर दी है।