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INDORE. भारत के संविधान निर्माता बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर की 132 वीं जयंती 14 अप्रैल, शुक्रवार को मनाई गई। इस अवसर पर इंदौर में 193 देशों के संविधान की 4 फीट पीतल की किताब का पहला पेज लांच किया गया है। इसका मुख्य पृष्ठ 14 बाई- 48 इंच है, जिसे लेजर के माध्यम से 1 घंटे 14 मिनट में उकेर कर तैयार किया गया है। इसमें 193 देशों के प्रतिक चिन्हों को भी शामिल किया गया है।
सांसदों, विधायकों, कलेक्टर्स और 1संविधान विशेषज्ञों की मदद से तैयार होगी किताब
इस किताब को बड़ी मेहनत से लेजर प्रिंट के जरिए तैयार किया जा रहा है। किताब में कुल 99 पेज होंगे, जिनका कुल वजन 57 किलो होगा। इसका मुख्य पृष्ठ तैयार हो चुका है और इसका वजन 10 किलो है। इसमें पीतल पर उकेरे गए 6 हजार चित्र होंगे। 25 सांसदों, 45 विधायकों, 20 कलेक्टर और 17 श्रेष्ठ संविधान विशेषज्ञों से रायशुमारी के बाद इस किताब को तैयार किया जा रहा है। इसमें राजनैतिक दल के राजनेताओं का सहयोग मिला है।
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युवा एडवोकेट लोकेश मंगल तैयार करवा रहे है किताब
इंदौर के युवा एडवोकेट लोकेश मंगल इस किताब को तैयार कर रहे हैं। लोकेश मानते हैं कि कागज की उम्र कुछ साल की होती है, लेकिन पीतल खराब नहीं होता है। इसलिए उन्होंने पीतल पर संविधान उतार दिया है। इसमें महज चित्रों के माध्यम से संविधान की मूल भावनाओं को दर्शाया गया है, जिससे अशिक्षित व्यक्ति भी अपने मौलिक अधिकारों और कर्तव्यों को जान सकें।
आमजन से 10-10 रुपए लेकर तैयार की जा रही है किताब
सबसे बड़ी बात इस किताब को आमजन से 10-10 रुपए इकट्ठा कर तैयार किया गया है। इसकी लागत 49 हजार रुपए है। पीतल की इस किताब की लेजर ड्राफ्टिंग करने वाले अक्षय आचार्य का कहना है पीतल को सबसे शुद्ध धातु माना जाता है। ये अजर अमर दस्तावेज है, जिसे आने वाले हजारों वर्ष तक सहेजकर रखा जा सकता हैद्ध धर्मगुरुओं ने भी पीतल को सबसे शुभ बताया है, इसलिए किताब पीतल पर बनाई गई। इसकी प्रेरणा महामंडलेश्वर अवधेशानंद गिरी से मिली है।