भोपाल में प्रदेशभर के वनकर्मियों ने दिया एक दिवसीय धरना, 21 सूत्रीय मांगों को लेकर चरणबद्ध आंदोलन घोषणा, 6 मई से होगी हड़ताल

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The Sootr
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भोपाल में प्रदेशभर के वनकर्मियों ने दिया एक दिवसीय धरना, 21 सूत्रीय मांगों को लेकर चरणबद्ध आंदोलन घोषणा, 6 मई से होगी हड़ताल

BHOPAL. प्रदेशभर के वनकर्मियों ने अंबेडकर पार्क में 15 अप्रैल, शनिवार को धरना दिया। यह धरना मप्र वन कर्मचारी संघ के आह्वान पर किया गया। सभी कर्मचारी धरने के लिए एक दिन का अवकाश लेकर आए थे। बता दें कि संघ ने 21 सूत्रीय मांगों को लेकर वनकर्मियों के चरणबद्ध आंदोलन करने की घोषणा की है।



बंदूकें, बस्ते कार्यालय में जमा कर  करेंगे हड़ताल



6 मई से सभी बेमुद्दत हड़ताल पर जाएंगे। इसके पहले अपनी-अपनी बंदूकें, बस्ते आदि विभागीय कार्यालय में जमा कराएंगे।पूर्व मंत्री और कांग्रेस विधायक पीसी शर्मा भी धरने पर बैठे। उन्होंने प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनने पर वनकर्मियों की मांगों को पूरा करने का भरोसा भी दिया।



2008, 2011 और 2018 में हो चुका है आंदोलन 



वनकर्मियों ने वर्ष 2008, 2011 और 2018 में भी आंदोलन किया था। इस दौरान सरकार ने बुलाकर बातचीत कर मांगे पूरी करने का भरोसा दिलाते हुए समझौता किया था। संघ के पदाधिकारियों ने तीनों समझौतों का उल्लंघन किया। इस कारण संघ ने मजबूर होकर चरणबद्ध आंदोलन करने का निर्णय लिया है। आगामी समय में बड़े स्तर पर आंदोलन किया जा रहा है। जंगलों, अभयारण्यों समेत विभागीय कार्यालयों के 5600 स्थाईकर्मी, 12000 वनरक्षक, 550 वनपाल, 700 उपवन क्षेत्रपाल और 1192 वन क्षेत्रपाल शामिल होंगे। 



पुरानी पेंशन योजना लागू करने सहित ये की मांगें




  • कर्मचारियों की सेवा को तकनीकी सेवा घोषित की जाए। शहीदों के समान परिवार के सदस्यों को एक करोड़ रुपए की राशि और अन्य सुविधाएं प्रदान की जाए।


  • वनरक्षक को बीट परिसर में एवं अन्य शासकीय कार्यों में आने-जाने के लिए फिक्स टीए निर्धारित किया जाकर भुगतान किया जाए।

  • कर्मचारियों की पदोन्नति पुलिस, राजस्व विभाग के समान या उच्च पद के प्रभार दिए जाने के आदेश दिए जाए।

  • वनरक्षक के समयमान वेतनमान के आदेश जारी करने। 22 हजार वनरक्षकों एवं उनसे पदोन्नत वनपाल एवं उप वन क्षेत्रपाल को लाभ देने। वहीं, ग्रेड-पे बढ़ाया जाए।

  • राजस्व एवं पुलिस के समान वेतनमान और 13 माह का वेतन किया जाए।

  • कर्मचारियों को सशस्त्र बल घोषित करने के लिए आईपीसी एवं सीआरपीसी में संशोधन कर न्यायिक मजिस्ट्रेट के अधिकार प्रदान करे।

  • वनकर्मियों को महाराष्ट्र सरकार की तर्ज पर पांच हजार रुपए वर्दी भत्ता प्रदान किया जाए।

  • 13 माह का वेतन, पौष्टिक भत्ता, नक्सलाइट क्षेत्र में कार्य करने वाले कर्मचारियों को भत्ता एवं टाइगर रिजर्व की बीटों में दो वनरक्षकों की पदस्थिति हो।

  • पुरानी पेंशन योजना का लाभ दिया जाए।

  • वन विभाग में कार्यरत सभी वर्ग के लिपिक, निज सहायक और वरिष्ठ निज सहायक का वेतनमान मंत्रालय में कार्यरत लिपिकों के समान किया जाए।


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