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INDORE. शहर के सबसे बड़े अस्पताल में से एक बॉम्बे हॉस्पिटल में इलाज करा रही महिला को ब्रेन डैड घोषित करने के बाद ऑर्गन डोनेट किए गए हैं। इसके लिए इंदौर में सोमवार को चार ग्रीन कॉरिडोर बनाए गए हैं। बॉम्बे हॉस्पिटल से उसकी दोनों किडनियां, लंग्स लीवर और दोनों हाथ मुंबई, चेन्नई और इंदौर के दो हॉस्पिटल को डोनेट किए गए हैं। इसके साथ ही दोनों आंखें और स्किन भी डोनेट की गई है। परिजनों की इस पहल से सात से ज्यादा लोगों को नई जिंदगी मिलेगी। इस मामले में खास बात यह है कि महिला के परिवार में पहले भी तीन लोगों की निधन के बाद उनकी स्किन, आंखें और देह दान हो चुकी है।
इंदौर में 47वां अंगदान
महिला का नाम विनीता खजांची निवासी रतलाम कोठी है, पति ट्रांसपोर्ट व्यवसायी हैं। ब्रेन संबंधी बीमारी के चलते उन्हें 13 जनवरी को बॉम्बे हॉस्पिटल में एडमिट किया गया था। रविवार दोपहर डॉक्टरों की टीम ने उनका पहला परीक्षण कर ब्रेन स्टेम डैड घोषित किया। रात 8 बजे फिर डॉक्टरों की पैनल ने दूसरा परीक्षण कर उन्हें ब्रेन स्टेम डैड घोषित किया। जिसके बाद परिजन ने उनके अगंदान करने का फैसला किया, परिजन के इस फैसले के बाद जरुरतमंद मरीजों को अंगदान के लिए प्रोसेस को आगे बढ़ाया गया, आपको बता दें कि इंदौर में ये 47वीं बार अंगदान हुआ है, अंगदान के मामले में भी इंदौर ने इतिहास रच दिया है।
दोनों हाथ भी पहली बार हुए ट्रांसप्लांट
प्राथमिकता के आधार पर लंग्स अपोलो हॉस्पिटल (चेन्नई), हाथ ग्लोबल हॉस्पिटल (मुंबई), लीवर चोइथराम हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर (इंदौर) व एक किडनी बॉम्बे हॉस्पिटल में एडमिट पेशेंट तथा दूसरी किडनी सीएचएल हॉस्पिटल में एडमिट पेशेंट को ट्रांसप्लांट की जाएगी। इसके लिए चार ग्रीन कॉरिडोर बनाने के लिए स्थानीय तथा चेन्नई व मुंबई के हॉस्पिटल से संपर्क कर योजना तैयार की गई।
खजांची परिवार में चौथा अंगदान
इंदौर के ट्रांसपोर्ट व्यवसायी खजांची की पत्नी दिवंगत विनीता के ससुर के निधन के बाद उनकी भी आंखें, स्किन और देह का दान हुआ था, दो साल पहले उनकी बड़ी भाभी शिरोमणि खजांची के बॉम्बे हॉस्पिटल से ही अंगदान हुए थे। करीब 20 दिन पहले मौसा ससुर संतोषी लाल जैन के निधन के बाद उनकी आंखें, स्किन और देहदान की गई थी। श्री सप्त नगरीय जैन श्री संघ के सामाजिक कार्यकर्ता व ट्रांस्पोर्ट व्यवसायी सुनील खजांची पूर्व में भी समाज में हुए अंगदान में अपनी सक्रिय भूमिका निभाते आए हैं।
आखिर क्या होता है ग्रीन कॉरिडोर
ग्रीन कॉरिडोर एक तरह का रूट होता है, जो किसी भी मेडिकल इमरजेंसी परिस्थिति के बनाया जाता है, इससे माध्यम से किसी भी एम्बुलेंस या जरूरी चिकित्सा से जुड़े किसी भी मेडिकल वाहन को स्पेशल रूट उपलब्ध करवाया जाता है। जैसे कई बार किसी मरीज की स्थिति काफी गंभीर होती है और उसे एम्बुलेंस से अस्पताल ले जाता है तो इस ग्रीन कॉरिडोर में उनके लिए खास व्यवस्था की जाती है। इसमें एक विशेष रूट तैयार किया जाता है और सड़क पर मुख्य ट्रैफिक से अलग एम्बुलेंस के लिए एक रास्ता बना दिया जाता है, इससे एम्बुलेंस ट्रैफिक में बिना फंसे मरीज को अस्पताल तक पहुंचा सकती है।