देव श्रीमाली, GWALIOR. जिले में डेंगू का प्रकोप कम होने की जगह बढ़ता ही जा रहा है । हर रोज होने वाले सैंपल में से जांच के बाद पचास से पिचहत्तर प्रतिशत तक पॉजिटिव निकलने से स्वास्थ्य विभाग की चिंता को बढ़ावा दे रहा है। लेकिन सबसे बड़ी चिंता इस बात की है कि इस बार डेंगू बच्चों को बड़ी संख्या में अपनी चपेट में ले रहा है। डेंगू के कुल मरीजों में से 15 साल तक के बच्चों की संख्या काफी बड़ी है। उधर नगर निगम और स्वास्थ्य विभाग दोनों अपनी जिम्मेदारी से बचने की कोशिश में जुटे हैं।
हर दिन बढ़ रही है रफ्तार
ग्वालियर जिले में डेंगू के मामले दिन प्रतिदिन बढ़ते जा रहे हैं। हर दिन डेंगू के नए मरीज मिल रहे हैं। डेंगू ने इस बार नवजात शिशुओं से लेकर 15 साल तक के बच्चों को सबसे अधिक अपना शिकार बनाया है, लेकिन स्वास्थ्य विभाग का अमला शायद अपनी जिम्मेदारी से बच रहा है। इसी तरह जयारोग अस्पताल समूह के अधीक्षक का भी कहना है कि उनके पास सीधे-सीधे डेंगू के मरीजों के इलाज की जिम्मेदारी नहीं है। लेकिन सामान्य मरीजों के अलावा बाल रोग विभाग में कोई बच्चे मरीज आते हैं तो उनका पूरी तरीके से इलाज किया जाता है। लेकिन जिला अस्पतालों और डिस्पेंसरी की ही इलाज की पूरी जिम्मेदारी है।
बच्चों के सैंपल में तैतीस फीसदी डेंगू पाॅजीटिव
ग्वालियर अंचल में अब तक 680 डेंगू के मरीजों में से 252 मरीज 15 साल से कम उम्र के बच्चे हैं ।16 साल से लेकर वृद्धावस्था के 428 डेंगू के मरीज अब तक मिले हैं। ये आंकड़े मेडिकल कॉलेज की लेब के हैं जबकि जिला अस्पताल मुरार और जीआरएमसी के माइक्रोबायोलॉजी विभाग में 57 सैंपल की जांच की गई । जांच में 23 मरीजों को डेंगू होने की पुष्टि हुई है ।इनमें ग्वालियर के 11 मरीज हैं। इसके अलावा 12 मरीज दूसरे जिलों के हैं। गुरुवार को मिले 11 मरीज सहित जिले में अब तक 680 डेंगू के मरीज मिल चुके हैं। इसके अलावा दूसरे जिलों के अब तक 313 मरीज हो चुके हैं। इनमें से दो बच्चों की मौत भी हो चुकी है।
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डेंगू लार्वा नष्ट करने में हो रही है लापरवाही
डेंगू का मच्छर जमा पानी के एक खास लार्बा में पनपता है । बरसात के पहले स्वास्थ्य विभाग डेंगू मच्छर से काटने से बचने के लिए जागरूकता अभियान चलाता है वहीं मलेरिया विभाग और नगर निगम बरसात के बाद डेंगू के मच्छरों और उसके लार्बा को नष्ट करने के लिए विशेष अभियान चलाते है । ग्वालियर नगर निगम के अफसर दावा तो अभी भी ऐसा ही कर रहे है लेकिन हकीकत ये है कि ये अभियान कागजों से बाहर निकला ही नहीं । यही वजह है कि लार्वा में मच्छर खूब पनप रहे हैं और पूरे शहर को डेंगू का डंक देकर रोज मरीजों की संख्या में इजाफा कर रहे हैं।