देव श्रीमाली, GWALIOR. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और प्रदेश के पूर्व सहकारिता मंत्री भगवान सिंह यादव को विशेष कोर्ट ने जिला सहकारी बैंक में स्टेशनरी खरीदी में भ्रष्टाचार से जुड़े एक मामले में साल की सज़ा सुनाई है। इस मामले में दो लोगों को तीन-तीन जबकि चार लोगों को चार चार साल की सजा के साथ कोर्ट ने जुर्माना भी लगाया है। आरोपियों में यादव के अलावा चार आरोपी जिला सहकारी केंद्रीय बैंक के कर्मचारी तथा एक महिला सहकारी समिति की अध्यक्ष हैं।
खरीदी में अनियमितता से जुड़ा है केस
यह मामला जिला सहकारी केंद्रीय बैंक से जुड़ा था। 2004 में भगवान सिंह यादव इस बैंक के अध्यक्ष थे उस दौरान साढ़े चार लाख रुपए की स्टेशनरी खरीदी गई थी और ग्रीटिंग कार्ड छपवाए गए थे। इस मामले में भ्रष्टाचार और अनियमितता की शिकायत बैंक के ही एक पूर्व कर्मचारी सतीश शर्मा ने की थी कि इस खरीद में कूटरचित दस्तावेजों का उपयोग हुआ है साथ ही जिस सहकारी समिति से खरीदी दिखाई गई है उसका कार्यक्षेत्र ही नहीं है और न ही उसके विधान में स्टेशनरी का कारोबार करने का उल्लेख है।
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एईओडब्ल्यू ने किया था केस दर्ज
अनेक वर्षों तक चली जांच-पड़ताल के बाद आर्थिक अपराध ब्यूरो द्वारा इनमें बैंक के तत्कालीन अध्यक्ष भगवान सिंह यादव और मैनेजर मुकेश माथुर सहित आठ लोगों के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत केस दर्ज किया था। इसमें दो लोगों की गिरफ्तारी हुई थी, जबकि यादव सहित 6 आरोपियों को जमानत मिल गई थी। लंबी सुनवाई के बाद इस मामले में एमएलए, एमपी विशेष न्यायालय ने इस मामले में आरोपियों पर चार्ज फ्रेम किए। इस दौरान आरोपियों ने अदालत से निवेदन किया कि आरोपी ईशान अवस्थी कैंसर का मरीज है, शीला गुर्जर महिला है जबकि भगवान सिंह यादव सहित अन्य अपराधी बुजुर्ग है और लंबे समय से सुनवाई के दौरान अदालती कार्यवाही का सामना कर रहे हैं इसलिए अब इन्हें दण्ड मुक्त कर दिया जाए, लेकिन कोर्ट ने साक्ष्यों को देखते हुए सज़ा मुकर्रर कर दी गई।
किसे कितनी सज़ा
सहकारी बैंक के तत्कालीन अध्यक्ष भगवान सिंह यादव और डीके जैन को दो अलग-अलग मामलों में तीन-तीन साल की सज़ा सुनाई गई। साथ ही 15 हजार रुपए का अर्थदंड भी लगाया गया। ये दोनों सजाएं एक साथ चलेंगी। आरोपी ईशान चंद्र अवस्थी, गजेंद्र श्रीवास्तव, शीला गुर्जर और संजीव शुक्ला को दो अलग-अलग मामलों में क्रमशः तीन और चार-चार वर्ष के कारावास और 15-15 हजार रुपए का जुर्माना लगाया गया।
कोर्ट ने चार लोगों को जेल भेजा
सज़ा सुनाने के बाद भगवान सिंह यादव और डीके जैन के एडवोकेट ने अदालत के समक्ष जमानत के लिए आवेदन दिया कि उनके पक्षकार को तीन-तीन वर्ष की सज़ा हुई है जिसमें उन्हें जमानत दी जा सकती है। कोर्ट ने इस आवेदन को स्वीकार कर फौरी राहत दी गई और उन्हें जमानत पर रिहा कर निर्देश दिया गया कि वे एक माह के अंदर अपनी पक्की जमानत करा लें लेकिन बाकी चार आरोपियों को चार-चार वर्ष की सज़ा होने पर उन्हें जेल भेज दिया गया।