BHOPAL. मध्यप्रदेश में बेमौसम बारिश से मई में नवंबर जैसा अहसास हो रहा है। एक हफ्ते से वेस्टर्न डिस्टर्बेंस (पश्चिमी विक्षोभ) एक्टिव है। जिसके कारण पूरे प्रदेश में बादल छाए हुए हैं। कहीं बौछारें तो कहीं बूंदाबांद हो रही है। कुछ जगहों पर ओलावृष्टि के साथ बारिश हो रही है। इस दौरान ठंडी हवाओं ने मौसम का मिजाज बदल कर रख दिया है। गुरुवार (4 मई) को भोपाल, जबलपुर, नर्मदापुरम, बैतूल और छिंदवाड़ा में जोरदार बारिश हुई। भोपाल के भेल क्षेत्र में शाम को हुई बारिश ने लोगों को खूब भिगोया। मार्च से अब तक सामान्य से चार गुना से अधिक बारिश हुई है। वर्तमान में तीन सिस्टम एक्टिव हैं। इस कारण बारिश का दौर जारी है। मौसम विभाग ने कई जिलों के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है।
भोपाल में दिनभर बूंदाबांदी, शाम को भेल क्षेत्र में तेज बारिश
मौसम विभाग के अनुसार, मार्च से अब तक प्रदेश में 2.4 इंच (63 मिमी) बारिश हो चुकी है। जो सामान्य से 11.3 मिमी से चार गुना से ज्यादा है। मार्च-अप्रैल में 14 बार वेस्टर्न डिस्टर्बेंस (पश्चिमी विक्षोभ) एक्टिव हुए हैं। इस दौरान चक्रवात और ट्रफ लाइनें भी गुजरीं। वर्तमान में तीन सिस्टम एक्टिव हैं। इस कारण बारिश का सिलसिला जारी है। गुरुवार दोपहर जबलपुर, नर्मदापुरम, छिंदवाड़ा और बैतूल में तेज बारिश हुई। भोपाल में दिनभर कई क्षेत्रों में हल्की बूंदाबांदी हुई। वहीं शाम को भेल क्षेत्र में आधा घंटे करीब जोरदार बारिश से सबको भिगो दिया।
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अब तक 63 मिली बारिश
मौसम वैज्ञानिक अनुसार, 1 मार्च से प्री-मानसून की एक्टिविटी शुरू हो जाती है, जो 31 मई तक जारी रहती है। इसके बाद जून में मानसून की एंट्री प्रदेश में हो जाती है। मार्च-अप्रैल में सामान्य बारिश का आंकड़ा एवरेज 11.3 मिमी है, लेकिन इस बार 63 मिमी बारिश हो चुकी है। मई के पहले सप्ताह में भी बारिश का दौर जारी है। प्रदेश के लगभग सभी जिलों में बादल छाए रहे और कई शहरों में बूंदाबादी हुई।
भोपाल में हुई 4 इंच बारिश
प्रदेश के चार बड़े शहरों में भोपाल में सबसे ज्यादा बारिश हुई है। भोपाल में सामान्य बारिश 10.2 मिमी है, जबकि अब तक 108.4 मिमी यानी 4 इंच से ज्यादा बारिश हो चुकी है। इंदौर में 39.1 मिमी, ग्वालियर में 42.5 मिमी और जबलपुर में 70.6 मिमी बारिश हुई है। बीते 24 घंटे में प्रदेश के कई क्षेत्रों में बारिश हुई। छिंदवाड़ा में 7.2, सतना 4.2, उज्जैन 3.0, पचमड़ी 2.6, इंदौर 0.4, धार 1.4, सागर 0.4, जबलपुर और मंडला में 0.2 एमएम बारिश हुई।
सीहोर में सबसे ज्यादा बारिश
मौसम वैज्ञानिकों अनुसार 10 साल में पहली बार मार्च-अप्रैल और अब मई में सामान्य से ज्यादा बारिश हुई है। इनमें सीहोर में सबसे ज्यादा करीब 4 इंच बारिश दर्ज की गई है। यहां सामान्य बारिश 6.5 मिमी है, जबकि 95.2 मिमी बारिश हो चुकी है। यहां 1364% ज्यादा बारिश हो चुकी है। अशोकनगर, बड़वानी, बुरहानपुर, बैतूल, अनूपपुर, बालाघाट, मंडला और शहडोल में भी बारिश का प्रतिशत ज्यादा है। मार्च-अप्रैल में देवास, धार, गुना, हरदा, खरगोन, नीमच, रायसेन, श्योपुरकलां, रीवा, दतिया, झाबुआ, विदिशा समेत कई जिलों में सामान्य से काफी ज्यादा बारिश हुई है।
मार्च -अप्रैल में 14 वेदर डिस्टर्बेंस
मौसम विभाग के अनुसार, मार्च में 6 और अप्रैल में कुल 8 वेस्टर्न डिस्टर्बेंस एक्टिव हुए हैं यानी अब तक कुल 14 वेदर डिस्टर्बेंस हुए। जो अभी तक जारी है। इस कारण प्रदेशभर में बारिश का दौर जारी है। 15 मई तक मौसम का मिजाज ऐसा ही रहने का अनुमान है। इसके बाद गर्मी का असर बढ़ेगा।