संजय गुप्ता, INDORE. कलेक्टोरेट बाबू मिलाप चौहान द्वारा लेखा शाखा में किए गए घोटाले की राशि जांच के बाद 5.67 करोड़ निकली है। जांच के बाद जिला प्रशासन ने रावजी बाजार थाने में एफआईआर दर्ज करा दी है। चौहान के साथ ही लेखा शाखा का बाबू रणजीत किरोड़ और प्यून अमित निंबालकर ने भी इस घोटाले में साथ थे। जिला प्रशासन द्वारा कराई गई एफआईआर में कलेक्टोरेटे के बाबू चौहान, किरोडे, प्यून अमित के साथ ही उन सभी के नाम है जिनके खाते खुले और राशि गई। इसमें मनीषा चौहान, राहुल चौहान, पूजा परिहार, राकेश परिहार, अभिषेक सोलंकी, धापू राठौर, हिना कुरैशी, राहुल राठौर, सोनम राठौर, अतुल चौहान, दिनेश राठौर, गीता करोड, सोनू परेता, जगदीश गड़वाल, विकास वाविस्कर, संजय पाठक, ज्योति संजय पाठक, योगेश जाधव, शुभव यादव, गोलू शेकवात, खुशबू निम्बालकर, विवेक जागीरदार, कृतिका शर्मा, राजेश मौर्य और संतोषी बाई का नाम है।
इन धाराओं में रावजी बाजार थाने में हुआ केस
इन सभी पर 420, 467, 468, 408 और 120 बी की धाराओं में केस दर्ज हुआ है।
जांच के बाद जिला प्रशासन ने रावजी बाजार थाने में एफआईआर दर्ज कराई
कलेक्टोरेट बाबू मिलाप चौहान द्वारा लेखा शाखा में किए गए घोटाले की राशि जांच के बाद 5.67 करोड़ निकली है। जांच के बाद जिला प्रशासन ने रावजी बाजार थाने में एफआईआर दर्ज करा दी है। चौहान के साथ ही लेखा शाखा का बाबू रणजीत किरोड़ और प्यून अमित निंबालकर ने भी इस घोटाले में साथ थे। सभी ने मिलकर यह घोटाला किया। इसमें अकेले 3.67 करोड़ राशि तो चौहान के खाते में ही गई, इसके साथ ही पत्नी व अन्य परिजनों, दोस्तों, महिला दोस्तों के खाते में 1.55 करोड़ की राशि शिफ्ट हुई और 55 लाख राशि रणजीत किरोडे के पास गई है। कुल 33 खातों में यह राशि शिफ्ट की गई है, जिसमें से अधिकांश राशि निकालकर खर्च कर दी डाली गई है। चौहान ने यह राशि मुंबई की बार गर्ल पर उड़ाने के साथ ही, गोवा और कई शहरों में फ्लाइट से आने-जाने, महंगे होटलों में रहने, पार्टी करने और अनैतिक गतिविधियों में उड़ाए हैं। चौहान ने महू में डेढ़ करोड से फार्म हाउस भी खरीदा हुआ है।
किसानों के साथ चुनाव की राशि में घोटाला
यह राशि साल 2020 से 2023 तक के ट्रांजेक्शन की है। इसमें अधिकांश राशि किसान के फसल का मुआवजा है, जो कीट, व्याधि के कारण फसल नष्ट होने के कारण शासन ने मुआवजे के तौर पर दी थी। इसके साथ ही चुनाव संबंधी राशि भी थी। जांच अधिकारी अपर कलेक्टर राजेश राठौड़ ने द सूत्र को बताया कि अनाधिकृत तरीके से कूटरचना करके, गलत सील लगाकर गलत लोगों को जो अपात्र थे, उनके खातों में राशि डाली गई। खुद के खाते में, पत्नी के, साले के, भाई के, साथी कर्मचारियों और उनके परिजनों, महिला दोस्तों इस तरह 33 खातों में यह राशि शिफ्ट की गई। यह राशि 5.67 करोड़ की सामने आई है। मुख्य भूमिका चौहान की रही है, अन्य कर्मचारी भी इसमें शामिल रहे हैं, जिनके खातों में यह राशि गई उन्हें भी पता था कि यह गलत राशि है। राठौड़ ने कहा कि रिकवरी के लिए भी कार्रवाई होगी और एफआईआर के लिए हमने पुलिस थाने मामला भेज दिया है।
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इस तरह से किया गया खातों में खेल
जांच अधिकारी व अपर कलेक्टर राठौड़ ने बताया कि शासन द्वारा विविध योजनाओं में हितग्राहियों को राशि दी जाती है। जो भी बिल लगाए जाते हैं, वह किसी कारण से फेल हो जाते हैं तो बैंक द्वारा उन्हें एक अलग हैड में राशि शिफ्ट कर दी जाती है, यही राशि बाद में चौहान ने साथिययों के साथ मिलकर दूसरे खातों में शिफ्ट कर दी है। इसके लिए 33 खातों का उपयोग किया गया जो उनके खुद के नाम के साथ पत्नी, भाई, साले, दोस्तों, महिला दोस्तों, साथी कर्मचारियों और उनके रिश्तेदारों के नाम पर खुलवाए गए थे। इन सभी खातों में राशि गई है और वहां से फिर निकालकर इसका उपयोग किया गया है।
जांच कमेटी ने दो दिन-रात तक की बारीक जांच
कलेक्टर डॉ. इलैयाराजा टी द्वारा जांच कमेटी का प्रमुख बनाए जाने के बाद अपर कलेक्टर राठौड़ ने इसमें तेजी से काम किया, दो दिन तक लगातार दिन और रात जांच की गई, गुरुवार सुबह चार बजे तक जांच चलती रही। इसके बाद दिन में यह रिपोर्ट पूरी हो पाई और शाम होते-होते पुलिस के पास मामला भेज दिया गया। इसमें एसडीएम मुनीष सिकरवार, जिला कोषालय अधिकारी व अन्य टीम भी उनके साथ लगातार लगी हुई थी।