मध्य प्रदेश में नशे के खिलाफ सरकार के 20 से ज्यादा कार्यक्रम, दूसरी तरफ 20 फीसदी बढ़ गई शराब की खपत

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Jitendra Shrivastava
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मध्य प्रदेश में नशे के खिलाफ सरकार के 20 से ज्यादा कार्यक्रम, दूसरी तरफ 20 फीसदी बढ़ गई शराब की खपत

BHOPAL. नशे के खिलाफ भारत सरकार के नशामुक्त भारत अभियान की तर्ज पर शिवराज सरकार ने 2 अक्टूबर 2022 को नशामुक्ति अभियान की शुरुआत की थी। इस अभियान में प्रदेश के सभी विभागों के साथ-साथ एनजीओ, सामाजिक संगठन, धर्मगुरु, स्वयंसेवियों को भी जोड़ने का दावा किया गया। अभियान का लंबा-चौड़ा ड्राफ्ट तैयार किया गया। सामाजिक न्याय विभाग को इस अभियान की नोडल एजेंसी बनाया और अभियान के तहत 25 तरह की एक्टीविटी चलाई गई, लेकिन इस सारी कवायद से क्या हासिल हुआ, ये बड़ा सवाल है। एक तरफ शिवराज सरकार ने नशामुक्ति अभियान को जोर-शोर से चलाने के लिए पूरा प्रशासनिक अमला झोंक दिया, दूसरी तरफ प्रदेश में शराबखोरी बढ़ गई। 



नशामुक्ति अभियान सरकारी कागजों में ही सिमटकर रह गया



नशामुक्ति और शराबबंदी के लिए मोर्चा खोले बैठी पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती और योगगुरु बाबा रामदेव के साथ मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान गांधी जयंती यानी 2 अक्टूबर 2022 को मंच पर नजर आए थे। मध्यप्रदेश में नशामुक्ति अभियान की शुरुआत के कार्यक्रम में किए गए दावों और वादों से तो ऐसा लगा मानों अभियान से नशे के खिलाफ आंदोलन खड़ा हो जाएगा, लेकिन सरकारी ड्राफ्ट कागजों में ही सिमट कर रह गया। इसके उलट प्रदेश में शराब की खपत बढ़ गई। 



2 अक्टूबर से 30 नवंबर तक हुए ​थे कार्यक्रम 



नशामुक्ति अभियान के शुरुआती दो महीनों यानी 2 अक्टूबर से 30 नवंबर तक के लिए विशेष कार्यक्रम तय किए गए थे। इस दौरान प्रदेशभर में 20 तरह के अलग-अलग कार्यक्रम किए गए। 






 






कम्यूनिटी अवेयरनेस सेशन     


3640





स्कूल कॉलेज, यूनिवर्सिटी प्रोग्राम 


4256





यूथ क्लब युवा मंडल प्रोग्राम 


1200





वूमन ग्रुप, महिला मंडल प्रोग्राम


1086





आशा, आंगनवाड़ी, एएनएम के द्वारा चलाए प्रोग्राम 


1276





नशे की गिरफ्त में आ चुके लोगों को चिन्हित करके काउंसलिंग 


1767





अन्य कार्यक्रम


708





जागरुकता रैली, मोर्चा, दौड़ 


5385





हॉटस्पाट चिन्हित करना


784





स्टेट, डिस्ट्रिक्ट लेवल इवेंट


 368





जिलास्तर कमेटी की बैठक


411





मीडिया कैंपेन 


 51





आईईसी मटेरियल डेवलपड


906





यूथ रीचड आउट


357





स्कूल, कॉलेज, यूनिवर्सिटी रीच्ड आउट


780





यूथ क्लब बनाना 


 550





कम्यूनिटी प्रोग्राम 


2307





विलेज कवर्ड 


128





ट्रेनिंग प्रोग्राम 


  2182





इंटेलीजेंस शेयर्ड ऑन सप्लाई ऑफ सबस्टेंस


 2064





संस्थाओं में विजिट करना   


114





थीम बेस्ड इवेंट का आयोजन


 251





टोटल एक्टीविटी


30792






प्रदेश में 30 हजार से ज्यादा कार्यक्रम होने का दावा किया 



प्रदेश के अलग-अलग इलाकों में 30 हजार से ज्यादा कार्यक्रम आयोजित किए जाने का दावा किया जा रहा है। सामाजिक न्याय विभाग के अधिकारियों का दावा है कि इन आयोजनों के सकारात्मक परिणाम मिलेंगे, लेकिन फिलहाल कितना फायदा मिला ये कह नहीं सकते। लेकिन शराब की खबत में हुई बढ़ोत्तरी बता रही हैं कि सरकार की तमाम कवायदें कागजी ही साबित हुई। राज्य सरकार के नशा मुक्ति अभियान की शुरुआत अक्टूबर में की थी। लिहाजा अक्टूबर से पहले के तीन महीने यानी जुलाई, अगस्त और सितंबर 2022 के आंकड़ों और अक्टूबर, नवंबर, दिसंबर के आंकड़ों की तुलना से ही पता चलता हैं कि सरकार का नशा मुक्ति अभियान कितना कारगर साबित हुआ। 



बढ़ती शराब की खपत के माहवार आंकड़े 




  • प्रदेश में जुलाई में देशी शराब की खपत करीब 4 लाख 42 हजार लीटर और अंग्रेजी शराब की खपत करीब 1 लाख 44 हजार लीटर थी। वहीं अक्टूबर में देशी शराब की खपत बढ़कर 5 लाख 55 हजार लीटर पर पहुंच गई और अंग्रेजी शराब की खपत करीब 1 लाख 76 हजार लीटर हो गई।


  • अगस्त में देशी शराब की खपत करीब 5 लाख लीटर थी और अंग्रेजी शराब की खपत करीब 1 लाख 60 हजार लीटर थी। वहीं नवंबर में देशी शराब की खपत बढ़कर 5 लाख 20 हजार लीटर और अंग्रेजी शराब की खपत बढ़कर करीब 2 लाख 22 हजार लीटर पर पहुंच गई।

  • सितंबर में प्रदेश में देशी शराब की खपत करीब 4 लाख 67 हजार लीटर और अंग्रेजी शराब की खपत करीब 1 लाख 76 हजार लीटर थी। वहीं दिसंबर में देशी शराब की खपत बढ़कर 5 लाख 60 हजार लीटर और अंग्रेजी शराब की खपत करीब 2 लाख 85 हजार लीटर हो गई। 



  • इन आंकड़ों के मुताबित नशामुक्ति अभियान शुरू होने के बाद शराबखोरी कम होने की बजाए 20 फीसदी तक बढ़ गई है।


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