अनूपपुर कलेक्टर हर्षल पंचोली को लापरवाही पड़ी भारी, अफसरों के सामने सीएम से मांगी माफी!
मुख्यमंत्री मोहन यादव के सख्त रुख से अनूपपुर कलेक्टर हर्षल पंचोली को माफी मांगनी पड़ी। इस घटना ने प्रशासन में अनुशासन और गंभीरता को फिर से उजागर किया। जानें क्या है पूरा मामला...
मध्यप्रदेश में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने प्रशासनिक अधिकारियों के बीच अनुशासन बनाए रखने के लिए एक जरूरी कदम उठाया है। हाल ही में एक घटना ने यह साबित कर दिया कि मुख्यमंत्री का रुख सख्त है और वे किसी भी प्रकार की लापरवाही को बर्दाश्त नहीं करेंगे। यह मामला समाधान ऑनलाइन बैठक से जुड़ा था। यहां अनूपपुर कलेक्टर ने कुछ ऐसा किया कि मुख्यमंत्री उनसे नाराज हो गए। जानकारी के मुताबिक, इसको लेकर सीएम मोहन यादव ने कलेक्टर से सार्वजनिक रूप से माफी मंगवाई।
जानें समाधान ऑनलाइन की बैठक में क्या हुआ?
बता दें कि, समाधान ऑनलाइन की बैठक में विभिन्न कलेक्टर, कमिश्नर और अन्य प्रशासनिक अधिकारी मुख्यमंत्री के साथ वर्चुअल तरीके से जुड़ते हैं और राज्य के विभिन्न मुद्दों पर चर्चा करते हैं। इस बैठक में मुख्यमंत्री जब अधिकारियों को बता रहे थे कि विधायकों को योजना समिति के माध्यम से 5-5 लाख रुपए के फंड दिए जाएंगे। ताकि वे अपने बंगलों में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग रूम (VC Room) बना सकें जिससे सीएम से सीधी बात हो पाए। जब सीएम इस योजना के बारे में बता रहे थे, तब अनूपपुर कलेक्टर हर्षल पंचोली एसपी से बात कर रहे थे। यह सीएम ने स्क्रीन पर देख लिया। तब उन्होंने पूछा कि अनूपपुर कलेक्टर बताएं कि अभी मैंने क्या कहा? तब हर्षल पंचोली एकदम अवाक हो गए। तब सीएम ने कहा कि देखिए आप लोग ध्यान दीजिए। मैं ऐसा कुछ नहीं कहना चाहता कि बुरा लगे। मैं कुछ ऐसा बोल दूंगा तो आप लोगों को बुरा लग जाएगा। आप लोग मीटिंग को गंभीरता से लीजिए।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, मुख्यमंत्री की बात सुनने के बाद आईएएस हर्षल पंचोली तुरंत माफी मांगने लगे। यह घटना प्रशासनिक ढांचे में अनुशासन की अहमियत को फिर से उजागर करती है। मुख्यमंत्री ने यह स्पष्ट कर दिया कि वे किसी भी प्रकार की लापरवाही और ढिलाई को बर्दाश्त नहीं करेंगे, खासकर जब राज्य के नागरिकों की सुरक्षा और उनके कल्याण का सवाल हो।
यह घटना पहली बार नहीं थी जब मुख्यमंत्री ने प्रशासनिक अधिकारियों के खिलाफ सख्त कदम उठाया हो। इससे पहले भी, सीएम ने मध्यप्रदेश की कानून-व्यवस्था और अपराध नियंत्रण पर कड़ी नजर रखी है। हाल ही में, मुख्यमंत्री ने एक समीक्षा बैठक में पुलिस अधिकारियों को आदेश दिया था कि अपराधियों के खिलाफ बिना देरी के कड़ी कार्रवाई की जाए और जो अधिकारी लापरवाही करेंगे, उनके खिलाफ एक्शन लिया जाएगा।