उमरिया कलेक्टर पर हाईकोर्ट ने लगाया जुर्माना, महिला के खिलाफ दिया था ये आदेश

मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने महिला के खिलाफ जिलाबदर आदेश को रद्द किया और उमरिया कलेक्टर पर जुर्माना लगाया। कोर्ट ने कलेक्टर और कमिश्नर के काम करने के तरीके पर भी सवाल उठाए हैं।

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Raj Singh
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मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने एक महिला के खिलाफ जिलाबदर की कार्रवाई को रद्द कर दिया है। कोर्ट ने उमरिया कलेक्टर धरणेन्‍द्र कुमार जैन के फैसले को न सिर्फ निरस्त किया, बल्कि कलेक्टर पर 25 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है। साथ ही, कमिश्नर पर भी तल्ख टिप्पणी की है।

कोर्ट ने जताई हैरानी

हाईकोर्ट ने इस आदेश पर हैरानी जताई कि उमरिया कलेक्टर ने बिना पर्याप्त सबूतों के महिला के खिलाफ जिलाबदर की कार्रवाई की। कोर्ट ने कमिश्नर की भूमिका पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि वे अपने विवेक से काम नहीं करते। वे सिर्फ आई हुई डाक पर मुहर लगाने का काम कर रहे हैं, जैसे किसी डाकघर का कर्मचारी।

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महिला का पक्ष

उमरिया निवासी माधुरी तिवारी ने हाईकोर्ट में याचिका दायर करते हुए बताया कि उनके खिलाफ छह आपराधिक मामले हैं, जो साधारण धाराओं के तहत दर्ज हैं। फिर भी कलेक्टर ने बिना किसी ठोस कारण के जिलाबदर की कार्रवाई की। महिला का कहना था कि उसे किसी भी मामले में सजा नहीं हुई है।

वहीं जस्टिस विवेक अग्रवाल की कोर्ट ने यह भी पाया कि कलेक्टर ने एसएसओ मदन लाल मरावी के बयान पर महिला के खिलाफ जिलाबदर आदेश जारी किया। वहीं इस पूरे मामले को लेकर एसएसओ ने यह स्वीकार किया कि एनडीपीएस मामले में आरोपी रमेश सिंह सेंगर के बयान पर महिला को आरोपी बनाया गया था। कोर्ट ने बताया कि महिला के पास कोई भी प्रतिबंधित पदार्थ नहीं मिला था।

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याचिकाकर्ता के वकील का पक्ष

याचिकाकर्ता के वकील संजीव सिंह ने कोर्ट को बताया कि माधुरी के खिलाफ उमरिया कलेक्टर ने अक्टूबर 2024 में जिलाबदर की कार्रवाई की थी। महिला के खिलाफ दो मामले तो धारा 110 और मारपीट से संबंधित थे, जबकि दो अन्य एनडीपीएस एक्ट के तहत दर्ज हुए थे। कोर्ट ने पाया कि महिला के पास कोई प्रतिबंधित पदार्थ नहीं मिला था।

हाईकोर्ट का आदेश

हाईकोर्ट ने फैसला सुनाते हुए कलेक्टर की कार्रवाई को गलत ठहराया और 25 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया। कोर्ट ने कहा कि कलेक्टर ने मामले की सही तरीके से जांच नहीं की थी, और कमिश्नर ने भी दस्तावेजों की जांच नहीं की। अब कोर्ट ने यह आदेश दिया कि कानून के अनुसार ही कार्रवाई होनी चाहिए।

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