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जनकराम, DINDORI. डिंडौरी में प्रेग्नेंसी टेस्ट के मामले को लेकर महिला कांग्रेस ने सीएम शिवराज का पुतला फूंका। राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंपा। आम आदमी पार्टी की प्रदेश अध्यक्ष रानी अग्रवाल ने इसे निजता का हनन बताया। पूर्व सीएम कमलनाथ ने ट्वीट करके शिवराज सरकार को महिला विरोधी बताया था।
महिला कांग्रेस ने जलाया सीएम शिवराज का पुतला
डिंडौरी महिला कांग्रेस ने रैली निकालकर अवंती बाई चौक में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का पुतला जलाया और राज्यपाल के नाम दोषियों के खिलाफ कार्रवाई को लेकर एसडीएम को ज्ञापन सौंपा है। शिवराज सरकार को बर्खास्त करने की मांग की है। इस दौरान इस मुद्दे को उठाने वाले कांग्रेस विधायक ओमकार मरकाम भी मौजूद रहे।
ये महिलाओं की निजता का हनन- रानी अग्रवाल
आम आदमी पार्टी की प्रदेश अध्यक्ष रानी अग्रवाल ने भी प्रदेश सरकार पर जमकर हमला बोला है। उन्होंने कहा कि दुल्हनों का प्रेगनेंसी टेस्ट कराना बेहद आपत्तिजनक है। ये महिलाओं की निजता का हनन और आदिवासी बहनों का अपमान है। रानी अग्रवाल ने कहा कि ये केवल टेस्ट नहीं बल्कि बहनों के चरित्र पर उठाए गए सवाल है। उन्होंने कहा कि मामले की सरकार को जांच करानी चाहिए और दोषियों पर कार्रवाई करनी चाहिए।
मुख्यमंत्री कन्या विवाह समारोह में कराया गया था प्रेग्नेंसी टेस्ट
बीते दिनों गाड़ासरई में आयोजित मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना में 219 जोड़ों का विवाह जिला प्रशासन द्वारा कराया गया। इस दौरान बछरगांव की कुछ युवतियों ने आरोप लगाया था कि स्वास्थ्य परीक्षण के साथ-साथ उनका प्रेग्नेंसी टेस्ट किया गया था। इस मामले पर विधायक ओमकार सिंह मरकाम ने बच्चियों की निजता का हनन बताते हुए मध्यप्रदेश की शिवराज सरकार पर सवाल उठाए थे। राज्यपाल के नाम सौंपे गए ज्ञापन में उल्लेख किया है कि प्रेग्नेंसी टेस्ट के क्या मापदंड हैं उन्हें सार्वजानिक किया जाए। किस नियम के तहत प्रदेश की बहनों को सार्वजनिक रूप से अपमान कर रहे हैं? इस तरह से बहनों की बेइज्जती का हक किसने दिया,साथ ही अन्य बातों का उल्लेख है।
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कलेक्टर बोले- सभी लड़कियों का प्रेग्नेंसी टेस्ट नहीं किया गया
वहीं पूरे घटनाक्रम पर उठ रहे सवाल को लेकर डिंडौरी कलेक्टर विकास मिश्रा का कहना है कि इसमें सीधा-सीधा मामला केवल स्वास्थ्य परीक्षण का है। क्योंकि अपना इलाका (डिंडौरी) सिकिल सेल एनीमिया से ग्रसित है, तो हम लोग वहां पर लड़कियों का फिटनेस लेते हैं। इसमें बहुत सारी गाइडलाइन भी हैं। इसी आधार पर जांच की गई थी। इसमें जो स्थानीय स्तर के डॉक्टरों ने अपने विवेक से जिन बच्चियों ने बताया कि पीरियड मिस हुए हैं तो उनका यूरिन टेस्ट किया था। इसमें से 4 बच्चियों का पॉजिटिव आया था तो उन्हें एहतियात तौर पर इस बार विवाह में शामिल नहीं किया गया। इसके अलावा बाकी तथ्य हैं जो विस्तार से बताए जा रहे हैं। कलेक्टर विकास मिश्रा ने बताया कि सभी बच्चियों का प्रेग्नेंसी टेस्ट नहीं किया गया है।