योगेश राठौर, INDORE. बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर की हिंदू धर्म के ग्रंथ रामचरित मानस पर की गई विवादित टिप्पणी से जहां देशभर में उनका विरोध किया जा रहा है तो वहीं मध्यप्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री ने भी विवादित टिप्पणी पर बड़ा बयान दिया है। उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव ने इंदौर में कहा कि ये केवल अल्पसंख्यक वोटों के लिए इस तरह की बयान बाजी करते हैं।
बिहार के मंत्री के बयान को दुर्भाग्यपूर्ण बताया
उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव ने बिहार के शिक्षा मंत्री के बयान को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है। उन्होंने कहा कि स्वयं शिक्षा मंत्री होने के बावजूद भगवान राम पर इस तरह की विवादित टिप्पणी देते हैं जो अशोभनीय है। मोहन यादव ने कहा कि केवल वोटों के लालच में हमारे गौरवशाली इतिहास के बारे में अभद्र टिप्पणी करते हैं, मैं उनके बयान को दुर्भाग्यपूर्ण मानता हूं।
'किसी भी धर्म के बारे में विवादित टिप्पणी सही नहीं'
उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव ने कहा कि संविधान के अंतर्गत शपथ ली जाती है। उस संविधान में भगवान राम के राज्याभिषेक वाला चित्रण होता है। देश-दुनिया में भगवान राम को सभी हिन्दू लोग आस्था का केंद्र मानते हैं उन्होंने कहा कि केवल भगवान राम ही नहीं बल्कि दुनिया के किसी भी धर्म के आस्था के केंद्र के विषय में इस तरह की विवादित टिप्पणी देना सही नहीं मानता हूं।
बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर पर निशाना
अभी तक बिहार के शिक्षा मंत्री ने अपने इस बयान पर एक बार भी खेद प्रकट नहीं किया है। इस पर उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव ने कहा कि इस बात से उनका चरित्र उजागर होता है कि उनमें ओवैसी कल्चर आ गया है और इनका हिसाब आगामी चुनाव में जनता चुकता करेगी।
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बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने क्या कहा था ?
बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने एक कार्यक्रम में कहा था कि 'मनुस्मृति में समाज की 85 फीसदी आबादी वाले बड़े तबके के खिलाफ गालियां दी गईं। रामचरितमानस के उत्तर कांड में लिखा है कि नीच जाति के लोग शिक्षा ग्रहण करने के बाद सांप की तरह जहरीले हो जाते हैं। यह नफरत को बोने वाले ग्रंथ हैं। एक युग में मनुस्मृति, दूसरे युग में रामचरित मानस, तीसरे युग में गुरु गोवलकर का बंच ऑफ थॉट, ये सभी देश को, समाज को नफरत में बांटते हैं। नफरत देश को कभी महान नहीं बनाएगी। देश को महान केवल मोहब्बत ही बनाएगी'।
बिहार के शिक्षा मंत्री के रामचरित मानस पर दिए बयान पर बोले मंत्री डॉ. मोहन यादव, केवल अल्पसंख्यक वोटों के लिए करते हैं बयानबाजी
योगेश राठौर, INDORE. बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर की हिंदू धर्म के ग्रंथ रामचरित मानस पर की गई विवादित टिप्पणी से जहां देशभर में उनका विरोध किया जा रहा है तो वहीं मध्यप्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री ने भी विवादित टिप्पणी पर बड़ा बयान दिया है। उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव ने इंदौर में कहा कि ये केवल अल्पसंख्यक वोटों के लिए इस तरह की बयान बाजी करते हैं।
बिहार के मंत्री के बयान को दुर्भाग्यपूर्ण बताया
उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव ने बिहार के शिक्षा मंत्री के बयान को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है। उन्होंने कहा कि स्वयं शिक्षा मंत्री होने के बावजूद भगवान राम पर इस तरह की विवादित टिप्पणी देते हैं जो अशोभनीय है। मोहन यादव ने कहा कि केवल वोटों के लालच में हमारे गौरवशाली इतिहास के बारे में अभद्र टिप्पणी करते हैं, मैं उनके बयान को दुर्भाग्यपूर्ण मानता हूं।
'किसी भी धर्म के बारे में विवादित टिप्पणी सही नहीं'
उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव ने कहा कि संविधान के अंतर्गत शपथ ली जाती है। उस संविधान में भगवान राम के राज्याभिषेक वाला चित्रण होता है। देश-दुनिया में भगवान राम को सभी हिन्दू लोग आस्था का केंद्र मानते हैं उन्होंने कहा कि केवल भगवान राम ही नहीं बल्कि दुनिया के किसी भी धर्म के आस्था के केंद्र के विषय में इस तरह की विवादित टिप्पणी देना सही नहीं मानता हूं।
बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर पर निशाना
अभी तक बिहार के शिक्षा मंत्री ने अपने इस बयान पर एक बार भी खेद प्रकट नहीं किया है। इस पर उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव ने कहा कि इस बात से उनका चरित्र उजागर होता है कि उनमें ओवैसी कल्चर आ गया है और इनका हिसाब आगामी चुनाव में जनता चुकता करेगी।
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बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने क्या कहा था ?
बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने एक कार्यक्रम में कहा था कि 'मनुस्मृति में समाज की 85 फीसदी आबादी वाले बड़े तबके के खिलाफ गालियां दी गईं। रामचरितमानस के उत्तर कांड में लिखा है कि नीच जाति के लोग शिक्षा ग्रहण करने के बाद सांप की तरह जहरीले हो जाते हैं। यह नफरत को बोने वाले ग्रंथ हैं। एक युग में मनुस्मृति, दूसरे युग में रामचरित मानस, तीसरे युग में गुरु गोवलकर का बंच ऑफ थॉट, ये सभी देश को, समाज को नफरत में बांटते हैं। नफरत देश को कभी महान नहीं बनाएगी। देश को महान केवल मोहब्बत ही बनाएगी'।