संजय गुप्ता/योगेश राठौर, INDORE. मप्र शासन के दबंग और धाकड़ मंत्री कुंवर विजय शाह, साल 2018 के विधानसभा चुनाव शपथ-पत्र के हिसाब से दस करोड़ से ज्यादा संपत्ति के मालिक, लेकिन इनका नाम इंदौर नगर निगम के संपत्ति कर के टॉप बकायादारों की सूची में शामिल है। इन पर 19.51 लाख का टैक्स बकाया है, लेकिन यह तो एक बात है। द सूत्र की इन्वेस्टिगेशन में सामने आया है इस बकाया राशि में ही झोल है, मंत्री जी उस जमीन का लैंडयूज तो कभी का होटल में कन्वर्ट करा चुके हैं और निगम संपत्ति कर बकाया नोटिस भेज रहा है आवासीय के हिसाब से। यानि यह नोटिस बनता है 40 लाख से ज्यादा का, वहीं एक और बात, मंत्री जी ने चुनाव के समय भरे शपथ पत्र में निगम का बकाया शुल्क जीरो बताया है, जबकि साल 2014 से वह निगम को टैक्स ही नहीं भर रहे हैं।
यह है पूरा मामला
नगर निगम ने मार्च एंड में संपत्तिकर वसूली के लिए सख्ती शुरू की, बकायादारों की लिस्ट जारी की गई, इसमें 50 नाम थे, जिसमें 45वें नंबर पर एक नाम मप्र शासन के वन मंत्री विजय शाह का भी था। इसमें कनाडिया की उनकी एक जमीन सर्वे नंबर 416/1 जो 51 हजार वर्गफीट है, इसके लिए 19 लाख का संपत्ति कर उन पर बकाया बताया गया था। निगम ने यह नोटिस भी उनके आनंदवन स्कीम 140 स्थित फ्लैट पर उनके पीए को थमा दिया है। जब द सूत्र ने इस पूरी जमीन की जानकारी निकाली तो चौंकाने वाली बात सामने आई। यह जमीन साल 2011 में मंत्री शाह ने खरीदी थी, मौके पर जमीन खाली है और कच्चा निर्माण है। जमीन खेती की थी, जिसे बाद मंत्री जी ने साल 2012 में व्यावसायिक उपयोग के लिए कन्वर्ट कर लिया, यानि लैंडयूज बदलवा लिया। लैंडयूज भी होटल के लिए किया गया है। इस दौरान कनाडिया गांव की यह जमीन पंचायत क्षेत्र में थी।
साल 2014 में आई निगम के दायरे में, तभी से टैक्स नहीं भरा
शहरी सीमा में 29 गांव शामिल होने पर कनाडिया एरिया भी साल 2014 में नगर निगम सीमा में आ गया और यह जमीन नगर निगम ने संपत्ति कर खाता कुंवर विजय शाह के नाम पर खोलते हुए आवासीय खाते में चढ़ा दी। इसमें न निगम ने सुधार किया और न ही मंत्री ने सुधार के लिए कहा, क्योंकि मंत्री ने तो कभी टैक्स भरा ही नहीं। साल 2014 से नगर निगम के खाते में हर साल उनके द्वारा चुकाए गए टैक्स की राशि जीरो चढ़ रही है और बकाया जुड़ता जा रहा है, जो अब 19 लाख 51 हजार 251 रुपए हो चुकी है।
इस तरह बनता है 40 लाख से ज्यादा का टैक्स
नगर निगम द्वारा आवासीय मामले में 12 रुपए प्रति वर्गफीट की दर से संपत्तिकर लिया जाता है, इसमें जलकर, कचरा शुल्क, सरचार्ज भी जुड़ता है। वहीं व्यावसायिक मामले में यह 21 रुपए करीब होता है। इस हिसाब से टैक्स और ब्याज जोड़कर जो राशि अभी 19.51 लाख रुपए हो रही है, वह दोगुनी से ज्यादा हो जाएगी, यानि बकाया राशि का हिसाब 40 लाख से ज्यादा का बनेगा।
अब शपथ-पत्र में क्या दिया है मंत्री जी ने
विधानसभा चुनाव के दौरान हरसूद (खंडवा) से चुनाव लड़ने वाले शाह ने अपने शपथपत्र में बताया है कि उन पर किसी भी तरह का टैक्स बकाया नहीं है, नगर निगम, नगर पालिक टैक्स बकाया राशि में यह जीरो बताया है, वहीं इसी साल 2018-19 की बात करें तो नगर निगम इंदौर का उन पर दो लाख 57 हजार 411 रुपए बकाया था। यानि शपथपत्र में सही जानकारी नहीं दी गई।
शपथ पत्र के हिसाब से मंत्री जी की हर साल कमाई 75 लाख
मंत्री द्वारा साल 2018 में दिए गए शपथपत्र के अनुसार साल 2018-19 के दौरान उनकी सालाना आय 75 लाख रुपए से ज्यादा है। वहीं उनकी चल संपत्ति 3.37 करोड की तो अचल संपत्ति का मुल्य 6.85 करोड़ रुपए था। यानि वह दस करोड़ से ज्यादा की संपत्ति के मालिक है। उनके पास लंबी-चौड़ी जमीन है तो कई तरह के वाहन है, खेती और गैस एजेंसी से कमाई है। लेकिन इसके बाद भी संपत्तिकर नहीं भर रहे हैं।
सहारा सिटी से लेकर डॉ. मोहित भंडारी, खालसा स्कूल तक बड़े बकायादार
निगम द्वारा जारी सूची में कई बड़े बकायादार है। इसमें सहारा सिटी होम्स पर सबसे ज्यादा 21.49 करोड़ बकाया है। आरकेडीएफ कॉलेज पर 1.76 करोड, खालसा स्कूल पर 1.67 करोड़, डॉ. मोहित भंडारी पर 40.61 लाख रुपए बकाया है। इसके साथ ही साकार रियलिटी तर्फे संजय कुमार, दयोदय चैरिटेबल फाउंडेशन ट्रस्ट, मेसर्स कल्याण लोक निर्माण प्रालि, मनीष चंडोक, फैनी कोआपरेटिव, एचआरजे इटंरनेशनल तर्फे हेमराज जायसवाल, रायपुर इंदौर रोडवेज, महाराजा रणजीत सिंह कॉलेज आदि शामिल है।