ग्वालियर-चम्बल में चुनावी घमासान में सिंधिया के सामने होंगे दिग्गी राजा, हर पांचवां दिन यहां गुजार रहे है सिंधिया

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BP Shrivastava
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ग्वालियर-चम्बल में चुनावी घमासान में सिंधिया के सामने होंगे दिग्गी राजा, हर पांचवां दिन यहां गुजार रहे है सिंधिया

देव श्रीमाली, GWALIOR. जैसे-जैसे विधानसभा चुनाव नजदीक आते जा रहे हैं, वैसे-वैसे ग्वालियर-चम्बल में राजनीतिक गतिविधियां बढ़ती जा रही हैं। खास बात ये है कि यहां बीजेपी की सारी गतिविधियों की कमान केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने संभाल रखी है। पार्टी के बाकी नेता हाशिए पर है। वहीं सिंधिया से मुकाबले की रणनीति बनाने का जिम्मा पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने संभाल रखा है। अगले 15 दिन में दिग्गी हर जिले में लंबी-लंबी बैठकें करने वाले हैं। वहीं बीएसपी ने भी अपनी सियासी चॉपर बिछानी शुरू कर दी है। 



दोनों दलों ने तय किए सेनापति 



ग्वालियर-चम्बल अंचल में ही आगामी कुछ माह बाद होने वाले विधानसभा चुनाव का प्रमुख रण क्षेत्र रहने वाला है। इसको लेकर सेनापति भी तय हो गए हैं। बीजेपी में अगले विधानसभा चुनावों की पूरी कमान कांग्रेस छोड़कर आए और केंदीय नागरिक उड्डयन मंत्री बने ज्योतिरादित्य सिंधिया के सुपुर्द कर दी है। इसके संकेत पार्टी की एक्टिविटी में भी देखने को मिल रहा है। सिंधिया यहां लगातार दौरे कर रहे हैं और बीजेपी के कद्दावर नेता नरेंद्र सिंह तोमर हों या जयभान सिंह पवैया या प्रभात झा सब यहां के सियासी सीन से बाहर है। 



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हर पांचवां दिन ग्वालियर में गुजार रहे हैं सिंधिया 



बीजेपी में शामिल होने के बाद से ज्योतिरादित्य सिंधिया ने ग्वालियर अंचल में अपने को बीजेपी का उसी तरह  एकछत्र नेता साबित करने का बीड़ा उठा रखा है। जैसे उनका रसूख कांग्रेस में था। यहां के पूरे प्रशासन पर उनका प्रभाव है और वे ही अधिकारियों के साथ बैठकें करते हैं। विकास योजनाओं की समीक्षा करते हैं और सारे विकास कार्यों को देखते हैं। पहले यह सब काम केंद्रीय कृषि मंत्री  नरेंद्र सिंह तोमर किया करते थे। सिंधिया, बीते चार माह से इस अंचल में लगातार जबरदस्त मेहनत कर रहे हैं। अगर इस समय के उनके दौरों का विश्लेषण किया जाए तो उन्होंने हर पांचवां दिन ग्वालियर-चम्बल में गुजारा है। इस दौरान वे ज्यादातर समय ग्वालियर, गुना,अशोकनगर और शिवपुरी में रहे हैं। 



सिंधिया के बिना नहीं हुआ कोई आयोजन 



सिंधिया प्रतीकों के जरिए अपने को अंचल में बीजेपी का सबसे बड़ा नेता साबित करने का कोई मौका नहीं छोड़ रहे हैं। उनके बिना कोई आयोजन नहीं हो रहा है। चाहे कूनो में पीएम नरेंद्र मोदी का कार्यक्रम हो, ग्वालियर में गृहमंत्री अमित शाह का आगमन हो, गडकरी का दौरा हो, नरेंद्र तोमर के संसदीय क्षेत्र श्योपुर में सीएम शिवराज सिंह का दौरा हो, सिंधिया सब जगह मौजूद रहे और उन्होंने सभाओं को सम्बोधित भी किया। जब शिवपुरी में बाघ छोड़ने के समारोह में मुख्यंमंत्री शिवराज सिंह आए तो उसमें केंद्रीय मंत्री तोमर की गैरमौजूदगी की चर्चाएं सियासी गलियारों में चल पड़ी हैं। 



दिग्गी संभालेंगे कांग्रेस का मोर्चा 



उधर लगता है कांग्रेस ने ग्वालियर-चम्बल अंचल में सिंधिया के खिलाफ मोर्चाबंदी का जिम्मा भी उनके कट्टर विरोधी पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह को सौंप दिया है। वैसे भी सिंधिया के बीजेपी में जाने के बाद से ही दिग्विजय सिंह इस क्षेत्र में खासे सक्रिय हैं। मुरैना का जिम्मा पहले से ही उनके बेटे पूर्व मंत्री जयवर्धन सिंह ने संभाल रखा है। वे तकरीबन हर माह मुरैना जाते हैं और पार्टी के नेताओं के पारिवारिक आयोजनों तक में शिरकत करते हैं। 



दिग्विजय ने आज से शुरू किया अभियान 



अगर कांग्रेस के जिम्मेदार सूत्रों की मानें तो दिग्विजय सिंह अब पांच महीने में बहुत समय ग्वालियर-चम्बल में गुजारेंगे। लेकिन वे परदे के पीछे सिर्फ पार्टी संगठन को खड़ा करने और कार्यकर्ताओं को इकठ्ठा करने का काम करेंगे। चुनावी मंच पर सामने सिर्फ कमलनाथ ही दिखाई देंगे। दिग्विजय सिंह की योजना पार्टी के ब्लॉक लेवल तक के कार्यकर्ताओं से मिलकर उन्हें बूस्ट करने की है। इसके लिए उन्होंने चरणबद्ध योजना बनाई है। पहले चरण की शुरुआत उन्होंने आज 16 मार्च से कर दी है।  



पहले चरण में सभी जिलों में जाएंगे 



अपनी रणनीति के तहत दिग्विजय सिंह पहले चरण में सभी जिलों में जाएंगे और इसकी शुरुआत उन्होंने 16 मार्च से कर दी है। उन्होंने इसका श्रीगणेश प्रदेश के कद्दावर बीजेपी नेता और गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा के विधानसभा क्षेत्र दतिया से की। वे आज (16 मार्च) दतिया पहुंचे और उन्होंने पार्टी के नेता,कार्यकर्ताओं,पदाधिकारियों और प्रकोष्ठों से जुड़े लोगों की अलग-अलग बैठकें लीं और खास बात ये भी रही कि जो जिस बैठक में अपेक्षित था उसे ही उस बैठक में प्रवेश दिया गया। 



तीन दिन में चार जिलों में रहेंगे दिग्गी राजा 



घोषित कार्यक्रम के अनुसार पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह अगले तीन दिन ग्वालियर संभाग में ही गुजारने वाले हैं। वे इस दौरान दतिया, शिवपुरी, गुना, अशोकनगर जिलों में ऐसी ही मैराथन बैठक करने वाले हैं। इस दौरान वे उन  कांग्रेसी परिवारों के घर जाकर या बुलाकर उनसे मिलने वाले हैं जो सिंधिया के हाथ कांग्रेस की कमान आने के बाद हाशिए पर डाल दिए गए। 



दूसरा चरण 26 मार्च से 



दिग्विजय सिंह अगले चरण में 26 मार्च से फिर दो तीन दिन के लिए ग्वालियर पहुंचेंगे। इस दौरान वे ग्वालियर में पार्टी की अलग-अलग मैराथन बैठक करेंगे और अनेक लोगों के घर जाएंगे। इसके अलावा वे स्वर्गीय सुमेर सिंह पर आधारित पुस्तक का विमोचन भी करेंगे। इन्हीं दिनों वे ग्वालियर और भिंड जिले का दौरा भी करेंगे और अनेक बैठकें लेंगे। 



सिंधिया ने भी बनाया दो दिन का कार्यक्रम 



उधर दिग्विजय सिंह की खबर मिलते ही सिंधिया ने भी आनन-फानन में ग्वालियर का दो दिन का कार्यक्रम बना लिया। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार सिंधिया 18 मार्च को ग्वालियर आएंगे और हजीरा चार शहर के नाका के पास स्थित शासकीय भगवत सहाय महाविद्यालय के वार्षिकोत्सव में भाग लेंगे। इसके बाद शर्मा फार्म क्षेत्र में एक कार्यक्रम में भाग लेंगे। लक्ष्मीगंज, शिंदे की छावनी, मुरार क्षेत्र में आयोजित विभिन्न कार्यक्रमों में शिरकत करने के बाद रात्रि  विश्राम ग्वालियर में ही करेंगे। दूसरे दिन वे फूलबाग पर एक नेत्र चिकित्सालय का शुभारंभ करेंगे। इसके बाद नाका चंद्रवदनी पर आयोजित एक कार्यक्रम में शामिल होकर दिल्ली रवाना होंगे।


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