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देव श्रीमाली, GWALIOR. ग्वालियर जिला एवं सत्र न्यायालय के विशेष न्यायिक मजिस्ट्रेट ने फिलहाल पूर्व मंत्री एवं कांग्रेस नेता राजा पटेरिया को राहत प्रदान नहीं की है। पूर्व में पन्ना की पवई पुलिस द्वारा पूर्व मंत्री राजा पटेरिया के खिलाफ दर्ज मामले में अधिकतम 3 साल की सजा का प्रावधान है।
कल फिर हो सकती है सुनवाई
मामले में विशेष न्यायिक मजिस्ट्रेट सुनवाई कर सकते हैं लेकिन जांच के दौरान बढ़ाई गई। आईपीसी की धारा-115 और 117 में सुनवाई का अधिकार विशेष न्यायालय यानी एमपी-एमएलए कोर्ट को है। इसलिए अब इस मामले पर एक दिन के लिए सुनवाई टल गई है। अब पूर्व मंत्री राजा पटेरिया की जमानत अर्जी पर गुरुवार को एमपी-एमएलए कोर्ट में सुनवाई होने की संभावना है। वे पिछले 10 दिनों से दमोह की जेल में बंद है। दमोह की हटा पुलिस ने उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार किया था।
कल नही पहुंची थी केस डायरी
मंगलवार को भी इस जमानत याचिका पर मामले पर सुनवाई होनी थी लेकिन केस डायरी नहीं आने के कारण ये सुनवाई बुधवार तक के लिए टल गई थी। सरकार की ओर से मौजूद वकील ने कहा कि एक जिम्मेदार नागरिक द्वारा अपने देश के प्रधानमंत्री के लिए आपत्तिजनक भाषा का इस्तेमाल गंभीर मामला है। ऐसे में उन्हें जमानत का लाभ नहीं दिया जा सकता है। दमोह के हटा कस्बे में पूर्व मंत्री एवं कांग्रेस नेता राजा पटेरिया ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को संविधान के लिए खतरा बताते हुए उनकी हत्या की बात कही थी। हालांकि उनके वकील ने इस वीडियो को एडिट वीडियो बताया था और पूरा वीडियो भी कोर्ट में पेश किया था।
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राजा पटेरिया के वकील ने क्या कहा
पूर्व मंत्री के अधिवक्ता राजीव शर्मा ने कहा कि इस मामले को अब विशेष न्यायालय एमपी-एमएलए कोर्ट में सुना जाएगा क्योंकि जांच के दौरान 2 धाराएं बढ़ा दी गई हैं। इसलिए जमानत आवेदन गुरुवार को एमपी-एमएलए कोर्ट में पेश किया जाएगा। वहीं राजा पटेरिया के बेटे ने कहा कि उन्हें न्यायिक प्रणाली पर पूरा भरोसा है। उनके साथ न्याय होगा ऐसी पूरी संभावना है।