MP पंचायत चुनाव: OBC सीटों को छोड़कर सभी सीटों पर होंगे चुनाव, सुप्रीम कोर्ट का फैसला

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MP पंचायत चुनाव: OBC सीटों को छोड़कर सभी सीटों पर होंगे चुनाव, सुप्रीम कोर्ट का फैसला

नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट ने पंचायत चुनाव (Supreme court on panchayat election) के मामले में शिवराज सरकार को फटकार लगाई है। शीर्ष अदालत ने कहा कि ओबीसी आरक्षण के मामले में सरकार आग से न खेलें। सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई में ओबीसी सीटों पर स्टे (obc seats stay) लगाया है। इस कारण ओबीसी सीटों पर अभी चुनाव नहीं होंगे। लेकिन बाकी सभी सीटों पर चुनाव होंगे। ओबीसी समेत चुनाव की सभी सीटों पर रिजल्ट एक साथ जारी होगा। जनवरी के पहले सप्ताह में मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में इस मामले की सुनवाई होगी। वहीं, जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव के लिए होनी वाली आरक्षण प्रक्रिया (Reservation process) को भी रद्द कर दिया गया है।

इस कारण लगा स्टे

नए प्रावधान में मध्यप्रदेश में पंचायत चुनाव में अनुसूचित जनजाति को 14 फीसदी, अनुसूचित जाति को 8 फीसदी और ओबीसी को 27 फीसदी आरक्षण है। यह आरक्षण 59 प्रतिशत है यानी 50 फीसदी से ज्यादा। इस कारण सुप्रीम कोर्ट ने ओबीसी की सीटों पर स्टे लगा दिया है। अब इस पर फैसला हाईकोर्ट लेगा। 

आरक्षण प्रक्रिया पर बेंच का तर्क

जस्टिस खानविलकर और जस्टिस सीटी रविकुमार की बेंच ने कहा- "मध्य प्रदेश में स्थानीय निकाय चुनावों की अधिसूचना में ओबीसी के लिए 27% सीटों को आरक्षित रखा गया है। यह आरक्षण महाराष्ट्र के संबंध में हाल ही में आए सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ है। हम राज्य निर्वाचन आयोग को निर्देश देते हैं कि वह सभी स्थानीय निकायों में ओबीसी सीटों के लिए आरक्षित चुनाव प्रक्रिया पर रोक लगाए। उन सीटों को सामान्य वर्ग के लिए दोबारा नोटिफाई किया जाए।"

याचिकाकर्ताओं ने अपनी जीत बताई

याचिकाकर्ता सैय्यद जफर ने बताया कि मध्यप्रदेश सरकार और राज्य निर्वाचन आयोग से कहा कि आप जो ग्राम पंचायत, नगर निगम और नगर पंचायत चुनाव कर रहे हैं। उसमें ध्यान रखे कि संविधान के हो, अगर चुनाव संविधान के अनुसार है तो जारी रखे। संविधान के अनुसार नहीं है तो उसे रद्द करें। ये निर्णय राज्य निर्वाचन आयोग खुद करे। याचिकर्ताओं ने सुप्रीम कोर्ट की इस टिप्पणी को अपनी जीत बताया है। 

चुनाव रद्द भी हो सकते हैं

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर चुनाव में कानून का पालन नहीं होता है तो भविष्य में चुनाव को रद्द भी कर सकते हैं। याचिकाकर्ता के वकील विवेक तन्खा (Vivek Tankha) के मुताबिक राज्य निर्वाचन आयोग को निर्देश दिए गए हैं कि चुनाव संविधान के हिसाब से हो तो ही कराइए। मध्यप्रदेश में आरक्षण रोटेशन का पालन नहीं किया गया, यह संविधान की धारा 243 (C) और (D) का साफ उल्लंघन है। अभी सुप्रीम कोर्ट का विस्तृत आदेश आना शेष है। 

फैसले के अध्ययन के बाद SEC लेगा निर्णय

पंचायत चुनाव के बारे में राज्य निर्वाचन आयोग (SEC) को सुप्रीम कोर्ट के फैसले की प्रति का इंतजार है। आयोग के सचिव बीएस जामोद ने बताया कि फैसले का अध्ययन करने के बाद ही आयोग निर्णय लेगा। 

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