व्यापारियों पर अब दस गुना तक लगेगा ट्रेड लाइसेंस शुल्क, मप्र शासन का नोटिफिकेशन जारी, जानें क्या होंगे नियम

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Jitendra Shrivastava
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व्यापारियों पर अब दस गुना तक लगेगा ट्रेड लाइसेंस शुल्क, मप्र शासन का नोटिफिकेशन जारी, जानें क्या होंगे नियम

संजय गुप्ता, INDORE. चुनावी साल में मप्र के व्यापारियों को मप्र शासन ने तगड़ा झटका दे दिया है। नगरीय निकायों की आमदनी बढ़ाने के लिए ट्रेड लाइसेंस शुल्क (व्यापार अनुज्ञप्ति शुल्क) अब प्रति वर्गफीट और दुकान, संस्थान के सामने वाली रोड़ की चौड़ाई के आधार पर नियत कर दिया है। अभी तक यह शुल्क आपके व्यापार पर निर्भर था, हर व्यापार की अलग-अलग कैटेगरी के आधार पर यह दस रुपए से लेकर 15-20 हजार रुपए तक होता था। जैसे कि विधवा महिला के कारोबार करने पर शुल्क दस रुपए मात्र था, लेकिन अब दुकान, संस्थान की माप और सामने की रोड़ चौड़ाई के आधार पर यह शुल्क लगेगा।



इस तरह होगा नया शुल्क...




  • यदि आपके संस्थान के सामने सड़क की चौड़ाई 7.5 मीटर तक है तो निगम में शुल्क चार रुपए प्रित वर्गफीट, नगर पालिका परिषद में तीन और नगर परिषद में दो रुपए प्रति वर्गफीट प्रति साल लगेगा।


  • यदि आपके संस्थान के सामने सड़क की चौड़ाई 7.5 से 15 मीटर तक है तो निगम में शुल्क 5 रुपए प्रति वर्गफीट, नगर पालिका परिषद में 4 और नगर परिषद में 3 रुपए प्रति वर्गफीट प्रति साल लगेगा।

  • यदि आपके संस्थान के सामने सड़क की चौड़ाई 15 मीटर से अधिक है तो निगम में शुल्क 6 रुपए प्रति वर्गफीट, नगर पालिका परिषद में 5 और नगर परिषद में रुपए प्रति वर्गफीट प्रति साल लगेगा।



  • व्यापार परिसर की स्थिति के आधार पर



    यदि यह मोहल्ला, कॉलोनी में हैं तो निगम में चार रुपए, नगर पालिका परिषद में तीन रुपए और नगर परिषद में रुपए प्रति वर्गफीट प्रति साल लगेगा। छोटे मकान और मध्यम बाजार में यह क्रमशं पांच रुपए, चार रुपए और तीन रुपए प्रति वर्गफीट होगा। वहीं बड़े बाजारों में यह क्रमश: छह, पांच और चार रुपए प्रति वर्गफीट होगा।



    गुमटी, कच्ची दुकान के लिए यह रहेगा न्यूनतम दर



    गुमटी व कच्ची दुकान के लिए यह निगम एरिया में 250 रुपए, नगर पालिका परिषद में 150 रुपए और नगर परिषद में टोटल 100 रुपए प्रति साल लगेगा। 



    वाहनों से होने वाले कारोबार पर टैक्स



    अब मोटरयान छोटे ट्रक, पिकअप वाहन, जीप से कारोबार करने पर यह प्रति साल निगम में 400 रुपए, नगर पालिका परिषद में 300 रुपए और परिषद में 200 रुपए होगा। वहीं ऑटो रिक्शा या तिपहिया वाहन से कारोबार पर यह क्रमशः 250, 200 और 150 रुपए प्रति साल होगा। 



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    इंदौर के एबी रोड, एमजी रोड जहां चौड़ाई अधिक हैं, यहां पर अधिकतम छह रुपए प्रति वर्गफीट का दाम लग जाएगा। अभी कारोबार क्या कर रहे हैं इस आधार पर सामान्यत: 300 रुपए से लेकर 1000 रुपए तक का दाम प्रति साल लगता है। अब यदि आपकी दुकान एक हजार वर्गफीट की हुई तो यह दाम 6000 रुपए प्रति वर्गफीट हो जाएगा। लोहा कारोबारी मनोज शर्मा ने कहा कि मेरी दुकान एक हजार वर्गफीट में हैं और अभी मैं साल का एक हजार रुपए लाइसेंस शुल्क देता हूं, लेकिन इस हिसाब से तो यह पांच से छह हजार रुपए प्रति वर्गफीट हो जाएगा। 

    मैरिज गार्डन, अस्पताल, बड़े शोरूम सब 50 हजार के दायरे में आएंगे। नोटिफिकेशन में एक नियम है कि निगम एरिया में अधिकतम शुल्क 50 हजार रुपए प्रति वर्गफीट होगा, नगर पालिका परिषद में यह 25 हजार और परिषद में 15 हजार रुपए प्रति साल अधिकतम होगा। भले ही फिर एरिया कितना भी हो। अभी मैरिज गार्डन की बात करें तो इस पर न्यूनतम दर अभी एक हजार वर्गमीटर पर यह दस हजार रुपए है, नए मान से यह पांच रुपए प्रति वर्गफीट स्लैब से भी 50 हजार होगा ही। यानि छोटा से छोटा गार्डन भी अधिकतम स्लैब के दायरे में आएगा, इसी तरह शोरूम, सुपर बाजार, अस्पताल यह सभी इसी दायरे में आ जाएंगे। यानि दस हजार वर्गफीट से बढा है तो यह अधिकतम के दायरे में आ जाएगा, जो अभी सामान्य तौर पर 10 से 20 हजार रुपए प्रति वर्गफीट के दायरे तक ही सीमित थे।

     

    अभी इस तरह बनी हुई है लिस्ट



    निगम की वर्तमान लिस्ट के अनुसार इसमें 686 काम के हिसाब से ट्रेड लाइसेंस शुल्क की लिस्ट जारी हुई है। अधिकांश कारोबार पर 500 से एक हजार रुपए का ही अधिकतम शुल्क है। वहीं न्यूनतम इसमें पांच रुपए, दस रुपए से लेकर अधिकतम 15-20 हजार रुपए तक की दर कारोबार के हिसाब से तय है। कार शोरूम के लिए भी दस हजार रुपए है। प्ले स्कूल के लिए एक हजार रुपए, मैरिज गार्डन पर एरिया के हिसाब से दस हजार से लेकर 15 हजार रुपए अधिकतम है। कोचिंग सेंटर के लिए 4500 रुपए है, कोचिंग क्लास में टर्नओवर के हिसाब से एक हजार से लेकर 7500 रुपए प्रति वर्गफीट तक है। होटल के लिए अधिकतम पांच हजार तो भोजनालय के लिए 1500 रुपए अधिकतम है, दस कमरों से अधिक नर्सिंग होम के लिए यह तीन हजार रुपए है, किराना दुकान के लिए अधिकतम दो हजार रुपए, निजी स्कूल के लिए अधिकतम पांच हजार है। थिएटर के लिए भी अधिकतम पांच हजार है।

     

    पहले ही नाराज चल रहे हैं व्यापारी



    पूरे प्रदेश में व्यापारियो के बीच पहले से ही सरकार के खिलाफ गुस्सा है। एजेंसियों द्वारा जटिल कानून बनाने और नोटिस देने से कारोबारी नाराज है। हाल ही में व्यापारियों के लिए बीजेपी इंदौर द्वारा किए कार्यक्रम में 500 लोग भी नहीं पहुंचे थे साथ ही उन्होंने मंच से ही पार्टी को आईना दिखा दिया था कि जीएसटी व अन्य नियमों से हम परेशान है और एजेंसियां व्यापारी को चोर समझकर ही व्यवहार करती है।



    व्यापारी नाराज, बुलाई बैठक



    वहीं इस नोटिफिकेशन के बाद व्यापारियों में नाराजगी है और अहिल्या चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री ने इसे लेकर 26 अप्रैल को बैठक बुला ली है। संस्था के अध्यक्ष रमेश खंडेलवाल व महामंत्री सुशील सुरेका ने कहा कि सफाई कर के बाद अब एक और नया कर। अब व्यापारियों के लिए ट्रेड लाइसेंस के लिए नई भारी-भरकम राशि सरकार ठोकने जा रही है । व्यापारी पहले ही टैक्सों की भरमार के नीचे दबा हुआ है और अब रोज नए-नए तरीके से व्यापारियों पर असहनीय भार लादे जा रहे हैं।  बजाए इज ऑफ डूइंग बिजनेस के व्यापार करना मुश्किल होता जा रहा है।  इस संबंध में विरोध की क्या प्रक्रिया क्या होना चाहिए,  इस हेतु समस्त व्यापारिक संस्थानों की महत्वपूर्ण मीटिंग आयोजित की गई है। बैठक सियागंज सभागृह में शाम चार बजे 26 अप्रैल को होगी।



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