Bhopal : प्रदेश में आधी यानी 50 फीसदी आबादी पिछड़ा वर्ग की है। प्रदेश में किसकी सरकार बनेगी ये बहुत हद तक पिछड़ा वर्ग ही तय करता है। मध्यप्रदेश सरकार इस वर्ग को लुभाने के लिए बड़ा दांव चलने जा रही है। आने वाले पंचायत और निकाय चुनाव में ओबीसी वर्ग को 35 फीसदी आरक्षण दिया जा सकता है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस बड़े नीतिगत फैसले की जिम्मेदारी पिछड़ा वर्ग कल्याण आयोग के अध्यक्ष गौरीशंकर बिसेन को सौंपी है। मंगलवार को वल्लभ भवन में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह और आयोग के अध्यक्ष बिसेन की इस संबंध में बैठक भी हो चुकी है। बिसेन ने प्रस्ताव तैयार किया है जिसमें पंचायत और निकाय चुनाव में ओबीसी को 35 फीसदी आरक्षण देने की सिफारिश की गई है। इस प्रस्ताव पर अंतिम मुहर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान लगाएंगे।
राजनीति में पिछड़ा वर्ग का दखल
दरअसल प्रदेश की राजनीति में पिछड़ा वर्ग का बेहद अहम रोल है। प्रदेश की 230 विधानसभा सीटों में 120 सीटें सीधे तौर पर पिछड़ा वर्ग के प्रभुत्व वाली मानी जाती हैं। आबादी के हिसाब से पिछड़ा वर्ग को राजनीति में हिस्सेदारी नहीं मिल पाई है। कांग्रेस के 96 विधायकों में से पिछड़ा वर्ग के 23 विधायक हैं जबकि सत्ताधारी बीजेपी के 124 में से 28 विधायक ओबीसी से आते हैं। पिछड़ा वर्ग कल्याण आयोग ने पूरे प्रदेश का दौरा कर ओबीसी की शैक्षणिक और आर्थिक हालातों पर भी सर्वे कराया है। इस सर्वे के मुताबिक पिछड़ा वर्ग की स्थिति आर्थिक और शैक्षणिक तौर पर कमजोर है। चुनाव से पहले सरकार इस वर्ग के लिए कुछ अहम घोषणाओं की तैयारी भी कर रही है। बिसेन कहते हैं कि पिछड़ा वर्ग के कल्याण के लिए ठोस कदम उठाना आवश्यक है। वे पंचायत और निकाय चुनाव में पिछड़ा वर्ग का प्रतिनिधित्व बढ़ाने के लिए 35 फीसदी आरक्षण देने की सिफारिश सरकार को कर रहे हैं।
27 फीसदी आरक्षण की काट
पिछड़ा वर्ग को निकाय और पंचायत चुनावों में 35 फीसदी आरक्षण देने के पीछे सरकार का एक और मकसद है। दरअसल ओबीसी को 14 फीसदी से बढ़ाकर 27 फीसदी आरक्षण करने का काम पूर्ववर्ती कमलनाथ सरकार ने किया था। बीजेपी इस दांव की काट के लिए भी 35 फीसदी आरक्षण की तैयारी कर रही है। कांग्रेस इसे छलावा करार दे रही है। कांग्रेस प्रवक्ता भूपेंद्र गुप्ता कहते हैं कि ओबीसी के लिए कांग्रेस सरकार ने ही आरक्षण 27 फीसदी किया था। अब बीजेपी सरकार पिछड़ा वर्ग को नया झुनझुना पकड़ा रही है।
मिशन 2023 पर नजर
बीजेपी—कांग्रेस की नजर मिशन-2023 पर है। बीजेपी पार्टी विधानसभा चुनाव के नजरिए से पूरी ताकत लगाती नजर आ रही है। कांग्रेस के प्रदेश महासचिव पवन पटेल ने ओबीसी वर्ग को 27 प्रतिशत आरक्षण मिलने पर प्रदेश में आभार यात्रा भी निकाली थी। हालांकि इस यात्रा को लेकर कांग्रेस में गुटबाजी भी नजर आई थी. लेकिन कांग्रेस की कोशिश है कि कमलनाथ को ओबीसी हितैषी के छवि के रूप में पेश किया जाए, ताकि 2023 में होने वाले विधानभा चुनाव में पार्टी को फायदा मिल सके। वहीं बीजेपी सरकार कांग्रेस की इस काट के लिए पंचायत और नगरीय निकाय चुनाव में 35 फीसदी ओबीसी आरक्षण का दांव चलने जा रही है।