NEW DELHI. लोकसभा से 2 तिहाई बहुमत के साथ महिला आरक्षण पास हुआ। इसके पक्ष में 454 और विरोध में 2 वोट पड़े। वोटिंग के दौरान पीएम मोदी सदन में मौजूद रहे। महिला आरक्षण बिल पर चर्चा में करीब 60 सांसदों ने हिस्सा लिया था। अब इस बिल को राज्यसभा में पेश किया जाएगा।
विपक्षी पार्टियों ने भी किया समर्थन
लोकसभा में ज्यादातर विपक्षी पार्टियों ने महिला आरक्षण बिल का समर्थन किया। इसे जल्द लागू करने और इसमें OBC कोटा शामिल करने की मांग की गई। सरकार ने इसे बड़ा कदम बताते हुए कहा कि जनगणना-परिसीमन जरूरी है।
कई महिला विपक्षी सांसदों का सरकार पर निशाना
महिला आरक्षण बिल पर चर्चा के दौरान विपक्ष के दावों का केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, स्मृति ईरानी, अर्जुन मेघवाल समेत अन्य नेताओं ने जवाब दिया। विपक्ष की ओर से कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी ने चर्चा की शुरुआत की। इसके बाद NCP की सांसद सुप्रिया सुले, समाजवादी पार्टी की सांसद डिंपल यादव, DMK सांसद कनिमोझी और TMC सांसद महुआ मोइत्रा समेत कई महिला विपक्षी सांसदों ने सरकार पर जमकर निशाना साधा।
शाह बोले- 2029 के बाद ही मिलेगा महिला आरक्षण
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बताया कि संसद से पास होने के बाद ये विधेयक 2029 से अमल में आएगा। उन्होंने कहा कि ये युग बदलने वाला विधेयक है। मेरी पार्टी और मेरे नेता प्रधानमंत्री मोदी जी के लिए महिला आरक्षण राजनीति का मुद्दा नहीं, मान्यता का सवाल है। तपती धूप में मई के महीने में पटवारी से लेकर मुख्यमंत्री तक पूरी सरकार गांव-गांव में जाती थी, ताकि बच्चियों को स्कूलों में पंजीकृत कर सकें। जब प्रधानमंत्री मोदी गुजरात प्रांत में भाजपा संगठन में महासचिव थे, तब वडोदरा कार्यकारिणी में ये फैसला हुआ कि संगठनात्मक पदों में एक तिहाई आरक्षण महिलाओं को दिया जाएगा। गर्व से कह सकता हूं कि ऐसा करने वाली हमारी पहली पार्टी है।
राहुल गांधी बोले- ये बिल OBC आरक्षण के बिना अधूरा
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने कहा कि महिला आरक्षण विधेयक बहुत महत्वपूर्ण है। इस बिल को तुरंत ही लागू किया जाना चाहिए। राहुल ने कहा कि वे इस विधेयक के समर्थन में हैं, लेकिन ओबीसी आरक्षण के बिना महिला आरक्षण अधूरा रहेगा। ये एक बड़ा कदम है, लेकिन मेरे लिए ये अधूरा है, क्योंकि ओबीसी महिलाओं के एक बड़े हिस्से के लिए आरक्षण का कोई प्रावधान नहीं है। इस देश में केंद्र सरकार में 90 सचिव हैं और उनमें से सिर्फ 3 ही अन्य पिछड़ा वर्ग से हैं और यही 5 फीसदी लोग बजट को कंट्रोल करते हैं। ये ओबीसी समुदाय का अपमान है।
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'जातिगत जनगणना के आंकड़े जारी कीजिए'
राहुल गांधी ने कहा कि सवाल ये है कि इस देश में कितने ओबीसी, कितने दलित, कितने आदिवासी हैं, इसका जवाब सिर्फ जातिगत जनगणना से मिल सकता है। महिला आरक्षण विधेयक को आज पारित कीजिए और लागू कीजिए। परिसीमन और जनगणना की कोई जरूरत नहीं है। सीधे 33 फीसदी आरक्षण महिलाओं को दे दीजिए। आप जातिगत जनगणना के आंकड़े जारी कीजिए। अगर आपने जारी नहीं किए तो हम जारी कर डालेंगे।
'मैं इस भवन में भारत के राष्ट्रपति को भी देखना पसंद करूंगा'
राहुल गांधी ने कहा कि भारत की महिलाओं को सत्ता हस्तांतरित करने की दिशा में सबसे बड़ा कदम था पंचायती राज, जहां उन्हें आरक्षण दिया गया और बड़े पैमाने पर राजनीतिक व्यवस्था में प्रवेश करने की अनुमति दी गई। राहुल ने संसद भवन के बारे में कहा कि ये एक अच्छी इमारत है। इसकी दीवारों पर सुंदर मोर बने हैं, लेकिन मैं इस भवन में भारत के राष्ट्रपति को भी देखना पसंद करूंगा।