अंकुश मोर्य. BHOPAL. मुख्यमंत्री, मंत्रियों और बीजेपी नेताओं पर हमलावर रहने वाले कांग्रेस नेताओं ने मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैस के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा हर हफ्ते नए खुलासे कर रहे है। सोमवार को विवेक तन्खा, पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह, पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण यादव, पूर्व मंत्री तरुण भनोत ने लोकायुक्त से पोषण आहार घोटाले की जांच से संबंधित दस्तावेज सौंपे। विवेक तन्खा ने इस मामले में सीएस इकबाल सिंह बैस और आजीविका मिशन के सीईओ ललित मोहन बेलवाल पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि एमपी के इतिहास में दुखद प्रसंग है कि चीफ सेक्रेटरी के खिलाफ लोकायुक्त में शिकायत देनी पड़ रही है।
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मुख्य सचिव ने कराई बेलवाल की वापसी
पूर्व विधायक पारस सकलेचा इस मामले में शिकायतकर्ता हैं। विवेक तन्खा ने बताया कि 2014 में आईएएस इकबाल सिंह बैस सीएम शिवराज के सचिव बने थे। 2017 में उन्होंने वन विभाग के अधिकारी ललित मोहन बेलवाल को आजीविका मिशन का सीईओ बनाया। जिसके बाद प्लानिंग के तहत पोषण आहार के 7 प्लांट एमपी एग्रो से लेकर आजीविका मिशन को सौंप दिए गए। 2018 में सरकार बदली तो, कमलनाथ सरकार न पोषण आहार के प्लांट वापस एमपी एग्रो को सौंप दिए। इस दौरान बेलवाल रिटायर हो गए। लेकिन जैसे ही शिवराज सरकार की वापसी हुई, मुख्य सचिव बनते ही इकबाल सिंह बैस, बेलवाल को एक्सटेंशन पर वापस ले आए और दोबारा आजीविका मिशन का सीईओ बना दिया। इतना ही नहीं एक बार फिर पोषण आहार के प्लांट आजीविका मिशन के हवाले कर दिए गए।
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सीएजी की रिपोर्ट में हुआ खुलासा
विवेक तन्खा समेत तमाम नेताओं ने सीएजी की रिपोर्ट के आधार पर लोकायुक्त में शिकायत की है। उनका कहना हैं कि सीएजी की रिपोर्ट में खुलासा हुआ था कि पोषण आहार में 500 करोड़ रुपए का घोटाला हुआ है। अकाउंटिंग जनरल (एजी) ने मामले की जांच विजिलेंस से कराने को कहा था। लेकिन सरकार ने मामले को दबा दिया। कोई जांच नहीं कराई। लिहाजा अब एक बार फिर मामले को लोकायुक्त ले जाया गया है। तन्खा ने कहा कि उन्हें लोकायुक्त पर पूरा भरोसा है। नहीं तो कांग्रेस कोर्ट का दरवाजा भी खटखटाएगी।
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मुख्य सचिव के एक्सटेंशन पर भी सवाल
कांग्रेस ने एक बार फिर सीएस इकबाल सिंह बैस के एक्सटेंशन पर सवाल उठाए। विवेक तन्खा ने कहा कि किसी भी अधिकारी को एक्टेंशन देने से पहले विजिलेंस की रिपोर्ट लगती है। लेकिन सीएस और बेलवाल पर भ्रष्टाचार के तमाम आरोप लगने के बावजूद उन्हें एक्टेंशन दिया गया। वहीं नेता प्रतिपक्ष गोविंद सिंह ने कहा कि भ्रष्टाचार की गंगा सीएम हाउस से ही निकलती है, यहीं वजह है कि कोई जांच नहीं होती।