कर्नाटक में चुनाव प्रचार थमा, अब सबकी नजरें 10 मई को मतदान पर; बजरंग बली, महंगाई, भ्रष्टाचार जैसे मुद्दे छाए रहे

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BP Shrivastava
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कर्नाटक में चुनाव प्रचार थमा, अब सबकी नजरें 10 मई को मतदान पर; बजरंग बली, महंगाई, भ्रष्टाचार जैसे मुद्दे छाए रहे

BANGALORE. कर्नाटक चुनाव प्रचार का शोर सोमवार (8 मई) की शाम पांच बजे थम गया। सभी पार्टियों ने प्रचार के अंतिम दौर तक अपने-अपने ढंग से जोरआजमाइश की है। कर्नाटक में 10 मई को मतदान है और 13 मई को रिजेल्ट (मतगणना) आएंगे। चुनाव प्रचार में इस बार मुस्लिम आरक्षण, बजरंग बली, महंगाई, भ्रष्टाचार समेत कई मुद्दे छाए रहे हैं। इस दौरान सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों के बीच जुबानी जंग खूब चली, वहीं नेताओं ने व्यक्तिगत स्तर पर भी एक-दूसरे पर जमकर आरोप-प्रत्यारोप किए। इस बीच कई चुनावी सर्वे भी सामने आए, जिसमें अधिकतर ने कांग्रेस के पक्ष में राय बनती बताई है।



बजरंग दल और बजरंग बली पर खूब हुई सियासत



कांग्रेस कर्नाटक में रणक्षेत्र में शुरू से आगे चल रही थी, लेकिन उसने जैसे ही अपने चुनावी घोषणा पत्र का जिक्र किया तो मानों बीजेपी ने उसे चौतरफा घेर लिया। कांग्रेस ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में बजरंग दल को बैन करने की घोषणा की। इसके बारे में जैसे ही सभी को मालूम हुआ वैसे ही एकाएक कर्नाटक में नाटक का स्तर अपने चरम पर पहुंच गया। बीजेपी ने मौका देख कर ना सिर्फ लपका बल्कि इसे भुनाने के लिए पीएम नरेंद्र मोदी ने अपनी रैलियों में जमकर कांग्रेस पर बरसे और बजरंग दल की तुलना बजरंग बली से करते हुए कांग्रेस पर खूब निशाना साधा। चूंकि कर्नाटक में 80 प्रतिशत मतदाता हिंदू हैं और कांग्रेस शुरू से महंगाई, भ्रष्टाचार और मुस्लिम आरक्षण के मुद्दे पर बीजेपी को घेर रही थी तो इससे बीजेपी भी थोड़ा असहज महसूस कर रही थी। बजरंग दल को बैन करने वाली घोषणा ने बीजेपी को एक जबर्दस्त मौका दे दिया। मजबूरन कांग्रेस के लोगों को यह तक कहना पड़ गया कि जब वह पार्टी सत्ता में आएगी तो राज्य में बजरंग बली के ढेर सारे मंदिर बनवाएगी।



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मस्लिम आरक्षण पर घिरी कांग्रेस



कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में कहा कि 13 मई को अगर राज्य में कांग्रेस की वापसी होगी तो वह मुस्लिमों को आरक्षण देने पर विचार करेगी। चूंकि चुनाव से ऐन पहले बीजेपी ने लिंगायत और वोक्कालिगा को 2-2 प्रतिशत आरक्षण दिया है और ये कुल चार प्रतिशत काटे गए वोट मुस्लिम आरक्षण का हिस्सा था। इस पर भी जमकर राजनीति हुई। बीजेपी ने कांग्रेस को इस मुद्दे पर घेरा कि कांग्रेस संविधान से परे जाकर धर्म के आधार पर आरक्षण देने की बात करती है तो कांग्रेस ने भी कहा कि अगर बीजेपी लिंगायत और वोक्कालिगा के लिए इतनी ही चिंतित थी तो चुनाव से ठीक पहले ही ये कदम क्यों उठाया। चार साल से सत्ता में थी तब से क्यों नहीं किया?



10 मई को मतदान



सभी पार्टियों ने चुनाव प्रचार के अंतिम दिन अपनी पूरी ताकत झोंक दी। बीजेपी के स्टॉलवार्ट नेता और राज्य के पूर्व सीएम बीएस येदियुरप्पा ने शिवमोगा में रोड-शो किया। यहां से उनके बेटे बीवाई विजयेंद्र चुनाव मैदान में हैं। शिरलकोप्पा में पार्टी के उम्मीदवार और उनके बेटे भी साथ दिखे। वहीं, कांग्रेस ने भी बीजेपी की वापसी ना हो इसके लिए पूरी कोशिश की है। जाते-जाते बीजेपी के एक नेता पर जिन्होंने कि चुनाव प्रचार के दौरान कांग्रेस के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरड़े के परिवार को मार देने की बात कही तो कांग्रेस के एक नेता ने एफआईआर दर्ज करा दी है। कुल मिलाकर देखें तो दोनों तरफ से अंतिम दिन भी खूब घमासान रहा। अब सबकी निगाहें 10 मई गुरुवार पर टिक गई हैं।



3 प्री पोल सर्वे में कांग्रेस की जीत की भविष्यवाणी



कर्नाटक चुनाव से पहले, तीन प्री पोल सर्वे ने कांग्रेस को बड़ी जीत दर्ज करने की भविष्यवाणी की गई है, जबकि जी न्यूज-Matrize ने अपने ओपिनियन पोल में बीजेपी के लिए फिर से जीत सुनिश्चित करने का अनुमान लगाया है।




  • एबीपी- सीवोटर ओपिनियन पोल के मुताबिक कर्नाटक में कांग्रेस की सरकार बनने की संभावना है। जबकि बीजेपी को इस बार यहां बड़ा नुकसान हो सकता है और जनता दल (JDS) का प्रदर्शन औसत से नीचे रहने का अनुमान जताया गया है। ओपिनियन पोल में यह भी कहा गया है कि कर्नाटक की 224 विधानसभा सीटों में से कांग्रेस 107 से 119 सीटों के बीच जीत दर्ज कर सकती है, जबकि और जेडीएस को 23 से 35 सीटों पर ही जीत मिलने की संभावना है। सर्वे के अनुसार कांग्रेस को तकरीबन 40 फीसदी, बीजेपी को 35 प्रतिशत और जेडी (एस) को 17 फीसदी वोट मिल सकते हैं।


  • इंडिया टुडे-सीवोटर सर्वे में  कर्नाटक विधानसभा चुनाव में बीजेपी के हारने का अनुमान लगाया गया है। बीजेपी को 2018 के चुनाव से 24 कम सीटें मिलेंगी यानी इस बार उसे सिर्फ 74-86 सीटें मिलना बताया है। हालांकि, सर्वे में कांग्रेस पार्टी के विपक्षी नेता सिद्धारमैया को 42 प्रतिशत के साथ सबसे पसंदीदा नेता के रूप में दिखाया गया है। वहीं, बीजेपी के वर्तमान सीएम बसवराज बोम्मई को 31 प्रतिशत वोट के साथ दूसरा सबसे ज्यादा पसंदीदा नेता बताया है।

  • एक कन्नड़ आउटलेट ईडीना ने अपने सर्वे में यह दावा किया है कि कांग्रेस को 32-140 तक की संख्या में सीटों पर जीत दर्ज करते हुए एक स्पष्ट बहुमत की ओर बढ़ रही है, जबकि बीजेपी के पाले में 33 फीसदी वोट शेयर के साथ 57-65 सीटें जीतने का अनुमान जताया है। हालांकि, Zee News-Matrize और कन्नड़ समाचार चैनल सुवर्णा न्यूज 24x7 ने अपने एक सर्वे में दावा किया गया है कि सत्तारूढ़ बीजेपी फिर से सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरेगी। वहीं, दूसरे नंबर पर कांग्रेस और तीसरे नंबर पर JDS रहेगी। कर्नाटक कभी कांग्रेस का गढ़ हुआ करता था, लेकिन 1999 के बाद से वह वापसी के लिए अब तक प्रयासरत है। 


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