BHOPAL. किसान संगठनों के बुलाने पर कर्नाटक से दिल्ली जा रहे किसानों को पुलिस ने भोपाल में हिरासत में लेकर नजरबंद कर दिया। कर्नाटक एक्सप्रेस से सफर कर रहे किसानों को आधी रात को ट्रेन रुकवाकर उतार लिया। किसान अपने घरों पर ट्रेन से अयोध्या जाने का बोलकर रवाना हुए थे। उधर पंजाब के किसान 13 फरवरी को दिल्ली कूच करेंगे। सोमवार को चंडीगढ़ के सेक्टर-26 स्थित महात्मा गांधी राज्य लोक प्रशासन संस्थान परिसर में केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा, पीयूष गोयल और नित्यानंद राय के साथ किसानों की बैठक बेनतीजा रही। जानकारी के अनुसार बैठक में पिछले किसान आंदोलन के दौरान किसानों पर दर्ज हुई एफआईआर और अन्य मामले वापस लेने पर सहमति बन गई थी। वहीं किसानों के सभी प्रकार के लोन और कर्ज माफी पर पेंच फंसा हुआ था।
किसान आंदोलन में जा रहे 66 किसान नजरबंद
इंटेलिजेंस से मिली जानकारी के बाद देर रात भोपाल में देर रात किसानों को कर्नाटक एक्सप्रेस से स्टेशन पर उतार लिया गया। दिल्ली में 13 फरवरी से शुरू हो रहा है किसान आंदोलन ऐसे में भोपाल रेलवे स्टेशन पर कर्नाटक एक्सप्रेस से जा रहे किसानों को रेलवे स्टेशन पर रोका गया। करीब 66 किसानों को भोपाल रेलवे स्टेशन पर उतारकर पुलिस रेलवे स्टेशन के नजदीक चांदबढ़ इलाके के एक मैरिज हॉल में नजरबंद कर रखा है। किसानों को जैसे ही हिरासत में लिया गया उन्होंने नारेबाजी शुरू कर दी।
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क्या हम पाकिस्तानी या आतंकवादी हैं
दिल्ली में 13 फरवरी से किसान आंदोलन का आह्वान किया गया है। ऐसे में दिल्ली पहुंचने से पहले ही किसान नेताओं को रोका जा रहा है। मध्यप्रदेश के नर्मदापुरम, जबलपुर और ग्वालियर में किसान नेताओं की गिरफ्तारियां हुई हैं। धारा 151 लगाकर किसान संगठनों के पदाधिकारियों को जेल भेजा जा रहा है। उन्हें जमानत नहीं दी जा रही है। भोपाल रेलवे स्टेशन पर रविवार रात दिल्ली जा रहे कर्नाटक के किसानों को उतार लिया गया। किसानों ने कहा- क्या हम पाकिस्तानी या आतंकवादी हैं, जो हमें गिरफ्तार कर लिया गया है
ग्वालियर, जबलपुर, रीवा और इंदौर में भी किसानों को रोका
संयुक्त किसान मोर्चा और किसान-मजदूर मोर्चा हरियाणा में प्रदर्शन कर रहे हैं। ये सभी 13 फरवरी को दिल्ली पहुंचेंगे, इसके पहले देश के सभी हिस्सों से किसान इकट्ठा हो रहे हैं। वहीं सरकार और प्रशासन भी इन लोगों को दिल्ली नहीं पहुंचने देना चाहता है इसके लिए मध्य प्रदेश में कई शहरों में किसानों को रोका गया है। ग्वालियर, जबलपुर, रीवा और इंदौर में भी कुछ किसानों को रोका गया है।
संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले नहीं हो रहा किसान आंदोलन
पंजाब-हरियाणा और उत्तर प्रदेश सहित कई राज्यों के सैंकड़ों किसान अपनी मांगों के लिए एक बार फिर दिल्ली कूच के लिए तैयार हैं। वे सभी कल 13 फरवरी को राजधानी दिल्ली की ओर बढ़ेंगे। इस आंदोलन को भी साल 2021 के आंदोलन से ही जोड़कर देखा जा रहा है, लेकिन इस बार के आंदोलन को सभी किसान संगठनों का समर्थन हासिल नहीं है। इस बार का किसान आंदोलन संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले नहीं हो रहा बल्कि इसे पंजाब-हरियाणा और कई राज्य के अलग-अलग किसान संगठन मिलकर आयोजित कर रहे हैं। MSP पर कानून बनाने सहित किसान कई मांगों को लेकर सड़कों पर उतरे हैं।
केंद्र सरकार से किसानों ने इस बार ये मांग की...
1. सभी किसान नेताओं की न्यूनतम समर्थन मूल्य पर कानून बनाने की मांग।
2. केंद्र सरकार ने जिन मांगों को पूरा करने का भरोसा दिया था उन्हें पूरा करने की मांग।
3. 2021-22 के किसान आंदोलन में किसानों पर दर्ज मुकदमें रद्द करने की मांग।
4. पिछले आंदोलन में जिन किसानों की मौत हुई थी उनके परिवार को मुआवजा और एक सदस्य को नौकरी की मांग।
5. लखीमपुर खीरी हिंसा के पीड़ितों को केंद्र सरकार न्याय दें और परिवार के एक सदस्य को नौकरी दें।
6. लखीमपुर खीरी हिंसा के आरोपियों पर कड़ी कार्रवाई कर उन्हें जेल भेजने की मांग।
7. इस बार सरकार से मांग है कि वह सभी किसानों का सरकारी और गैर सरकारी कर्ज माफ करें।
8. 60 साल से ऊपर के किसानों को 10 हजार रुपए पेंशन देने की मांग भी शामिल है।
9. कृषि वस्तुओं, दूध उत्पादों, फलों, सब्जियों और मांस पर आयात शुल्क कम करने के लिए भत्ता बढ़ाने की मांग की गई है।
10. स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को किसान लागू करने की मांग भी कर रहे हैं।