BHOAPL. सियासत की तासीर भी बहुत अलग होती है। यह वक्त के साथ तेजी से बदलती भी जाती है। केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ग्वालियर में पूर्व सांसद प्रभात झा से मिलने उनके घर गोला का मंदिर पहुंचे। सिंधिया ने प्रभात झा को फूलों का गुलदस्ता दिया तो झा ने शॉल ओढ़ाकर उनका स्वागत किया। दोनों ने आपस में गलबहियां करते हुए फोटो भी खिंचवाई। इन नेताओं ने इसे सौजन्य मुलाकात बताया। कभी एक दूसरे के धुर विरोधी कहे जाने वाले प्रभात झा और सिंधिया अब आपस में गले मिल रहे हैं जो जाहिर है कि रिश्तों पर जमी बर्फ पिघलने लगी है। हालांकि, सिंधिया की झा से यह पहली मुलाकात नहीं थी। सिंधिया जब से बीजेपी में शामिल हुए हैं तबसे वे बीजेपी के सभी वरिष्ठ नेताओं से लगातार मुलाकात कर रहे हैं। चुनाव के ऐन पहले इन मुलाकातों को बेहद अहम माना जा रहा है। राजनीति के जानकार अपने हिसाब से इसका अर्थ निकाल रहे हैं।
ज्योतिरादित्य भी अपने रिश्ते सुधारने की कोशिश कर रहे हैं
केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने आज शाम बीजेपी के प्रदेश के पूर्व अध्यक्ष, पूर्व सांसद प्रभात झा से उनके गोला का मंदिर स्थित निवास पर मुलाकात की। प्रभात झा का ज्योतिरादित्य सिंधिया से मिलना विशुद्ध सियासी कारण हैं। बीजेपी में जाने के बाद ज्योतिरादित्य भी इनके साथ अपने रिश्ते सुधारने की कोशिश कर रहे हैं। मध्य प्रदेश के ग्वालियर की सियासत का केंद्र सिंधिया का महल है। पिछले कई दशकों से यह महल पूरे ग्वालियर-चंबल क्षेत्र की राजनीति को कंट्रोल करता है। इस पूरे इलाके में सियासी जमात स्पष्ट रूप से दो धड़ों में बंटा होता है, महल के समर्थक और विरोधी। बीजेपी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष प्रभात झा ने हमेशा से महल के विरोध की राजनीति की है, लेकिन अब इसमें बदलाव दिखने लगा है। ज्योतिरादित्य सिंधिया की बीजेपी में एंट्री के बाद अब महल के विरोधियों को इसके अंदर एंट्री मिलने लगी है।
ग्वालियर-चंबल क्षेत्र में बैलेंस बनाए रखने की कवायद
तोमर ग्वालियर-चंबल क्षेत्र से आते हैं। इस क्षेत्र को बैंलेस बनाए रखने के लिए सिंधिया, वीडी शर्मा को भी इसमें शामिल हैं। सिंधिया और वीडी शर्मा भी इसी क्षेत्र से आते हैं। केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया को चुनाव प्रबंधन समिति का सदस्य बनाया गया है। केन्द्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर को चुनाव प्रबंधन समिति लिस्ट जारी होने से पहले ही संयोजक बनाए जाने की घोषणा कर दी गई थी। विधानसभा चुनाव की इस हाईपावर समिति का संचालन नरेन्द्र सिंह तोमर की देखरेख में होगा। केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को चुनाव प्रबंधन समिति के संयोजक बनाना ज्योतिरादित्य सिंधिया के लिए झटका भी माना जा रहा है। इसके दो कारण हैं। पहला तो तोमर को सिंधिया का राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी माना जाता है। दूसरा यह भी कि केंद्रीय मंत्री सिंधिया की तरह तोमर भी ग्वालियर-चंबल क्षेत्र से आते हैं। तमाम सर्वे में ग्वालियर-चंबल में बीजेपी की हालत कमजोर बताई जा रही है।