छत्तीसगढ़ में कांग्रेस संगठन प्रभारी सैलजा ने समन्वय के लिए मंत्रियों की ली थाह, जाना कितना है असंतोष, क्यों है नाराजगी! 

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Jitendra Shrivastava
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छत्तीसगढ़ में कांग्रेस संगठन प्रभारी सैलजा ने समन्वय के लिए मंत्रियों की ली थाह, जाना कितना है असंतोष, क्यों है नाराजगी! 

याज्ञवल्क्य मिश्रा, RAIPUR. संगठन प्रभारी कुमारी सैलजा का दो दिवसीय दौरा समाप्त हो गया और वे दिल्ली लौट गईं। लेकिन इन दो दिनों में राजीव भवन से लेकर पहुना और सर्किट हाउस से लेकर सीएम हाउस में हलचल भरपूर रही। संगठन प्रभारी कुमारी सैलजा यह चाहती हैं कि, 2018 का नतीजा लौटे, लेकिन उन्हें यह भी समझना था कि, आखिर इस राह में मुश्किलें क्या हैं। इन दो दिनों में कुमारी सैलजा ने मंत्रियों को सामने बैठाया और उनसे समन्वय को लेकर सीधे सवाल किए। यह जानने की कवायद की है कि, सीएम भूपेश और मंत्रियों के बीच सब ठीक है या नहीं है। संगठन प्रभारी कुमारी सैलजा से पीसीसी चीफ मोहन मरकाम की आधे घंटे की मुलाकात भी नजरों में रही। संगठन प्रभारी कुमारी सैलजा जब दिल्ली के लिए लौटी हैं तो जिला लेवल से आए कांग्रेस कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों के बंद लिफाफे के साथ साथ उन हालात से और बेहतर तरीके से वाकिफ हुई हैं जिन्हें लेकर कहा जाता है कि, कांग्रेस के भीतरखाने सब कुछ कतई ठीक नहीं है।



पहुना में सीएम भूपेश की मौजूदगी में मंत्रियों से संवाद



संगठन प्रभारी कुमारी सैलजा ने इस बार अनूठा प्रयोग किया, और इस प्रयोग के नतीजे शायद आने वाले समय में दिख भी सकते हैं।यह प्रयोग उन्होंने पहुना में किया। यहां मंत्रियों को बुलाया गया और संगठन की प्रदेश में सर्वोच्च शक्ति ने सीएम भूपेश की उपस्थिति में वन टू वन संवाद किया। 



मंत्री सिंहदेव को सबसे लंबा वक्त मिला



मंत्रियों के साथ यह बैठक यह जानने के लिए थी कि, सीएम बघेल के साथ सामंजस्य में कहीं कोई गतिरोध तो नहीं है। और यदि है तो इसकी वजह क्या है। खबरें हैं कि चार मंत्रियों ने वो बातें रखीं जो सत्ता प्रतिष्ठान को अप्रिय लगी होंगी। सबसे लंबा वक्त मंत्री टीएस सिंहदेव को मिला। सूत्रों के अनुसार करीब एक घंटे तक उन्होंने विषय वार पूरा मसला रखा। इनके अतिरिक्त तीन अन्य मंत्रियों को लेकर भी खबरें हैं कि, उन्होंने बातों को मुकम्मल रखा और बताया कि गतिरोध कहां है। मुलाकात का एक क्रम सीएम हाउस में भी हुआ। 



राजीव भवन और सर्किट हाउस में भी मुलाकात



संगठन पर गहरी पकड़ रखने वाली और सुदीर्घ अनुभव की कुमारी सैलजा से संगठन के लोगों ने मुलाकात की। इनमें जिलों से आए पदाधिकारियों के साथ साथ कार्यकर्ता भी शामिल थे। खबरें हैं कि इन्होंने बंद लिफाफे सौंपे हैं। 



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पीसीसी चीफ मरकाम से अलग चर्चा



पीसीसी चीफ मोहन मरकाम से कुमारी सैलजा ने अलग से चर्चा की। सूत्रों के अनुसार उन्होंने पीसीसी चीफ मरकाम से यह जानने की कवायद की है कि, संगठन में और सत्ता में तालमेल क्यों नहीं है। प्रभारी कुमारी सैलजा ने ब्लॉक स्तर से आई शिकायतें जो सत्ता के प्रति शिकायती थीं, उसे लेकर भी जानकारी ली।



विधानसभा अध्यक्ष महंत से भी की बात



संगठन प्रभारी कुमारी सैलजा ने प्रवास पर निकले विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत से दूरभाष पर संवाद किया। खबरें हैं कि उनसे सत्ता संगठन के मसलों पर रायशुमारी की गई है। विदित हो कि, लंबे अरसे तक केंद्रीय राजनीति में रहे डॉ. चरणदास महंत और केंद्र की ही राजनीति में रही कुमारी सैलजा बेहद अच्छे समन्वय वाले परिचित माने जाते हैं।



हालात जानकर लौटीं अब आगे क्या



संगठन प्रभारी कुमारी सैलजा दो दिवसीय दौरे के बाद शाम दिल्ली रवाना हो गईं। जिस अंदाज में उन्होंने संवाद किया है, फिर वो मंत्री हों या कार्यकर्ता। किसी को भी इस बात की निराशा नहीं होगी कि, उनकी बात सुनी नहीं गई। संगठन प्रभारी कुमारी सैलजा 2023 में कांग्रेस की सत्ता पर हर सूरत वापसी की राह तलाशते हुए कोई चूक स्वीकार नहीं करना चाहतीं और इसलिए इस बात पर अब नजरें टिकी हैं कि, आखिर आगे क्या होगा। जो कुमारी सैलजा जान समझ कर गई हैं आखिर उससे कोई परिवर्तन होगा, कांग्रेस के भीतरखाने जो समन्वय तालमेल का मसला है जो यक्ष प्रश्न की तरह है। उसका आखिर जवाब क्या निकलता है।


सीजी न्यूज छत्तीसगढ़ में मंत्रियों की वन टू वन संगठन प्रभारी कुमारी शैलजा समन्वय की राह साध रही कितना है अंसतोष क्यों है नाराजगी