उज्जैन में सिंहस्थ का आयोजन 2028 में होना है, लेकिन उसको लेकर तैयारियां अभी से शुरू हो गईं हैं। मोहन सरकार ने ये फैसला लिया है कि सिंहस्थ की व्यवस्थाएं प्रयागराज और हरिद्वार कुंभ की तर्ज पर होंगी। इसका अध्ययन करने के लिए मध्य प्रदेश से अधिकारियों का एक दल दोनों स्थानों पर भेजा जाएगा। अधिकारी वहां कुंभ के दौरान की जाने वाली प्रत्येक व्यवस्थाओं का अध्ययन करके रिपोर्ट सरकार को देंगे और इसी आधार पर उज्जैन में सिंहस्थ के आयोजन की रूपरेखा बनाकर आगे की कार्ययोजना पर काम किया जाएगा।
उज्जैन सिंहस्थ को लेकर प्लानिंग
गुरुवार को नगरीय विकास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय और प्रमुख सचिव नीरज मंडलोई की मौजूदगी में उज्जैन सिंहस्थ को लेकर प्लानिंग पर एक प्रेजेंटेशन दिया गया। इसमें बताया गया कि वित्त वर्ष 2024-25 के आगामी बजट में सिंहस्थ नाम से मद खोल दिया जाएगा, जिसमें 475 करोड़ का प्रावधान इसी साल किया जाएगा।
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नमामि गंगे की तरह नमामि क्षिप्रे परियोजना
नमामि गंगे की तर्ज पर नमामि क्षिप्रे परियोजना प्रस्तावित की गई है। इसमें धार के काकरवर्दी से लेकर रतलाम के सिपावरा तक 195 किलोमीटर लंबी इस पवित्र नदी को प्रदूषण मुक्त और अविरल बनाने के कदम उठाए जाएंगे। साथ ही कई सारे प्रोजेक्ट भी शुरू होंगे।
ये प्रोजेक्ट जल्द होंगे शुरू
- इंदौर-उज्जैन फोरलेन, जावरा-उज्जैन और उज्जैन रेलवे स्टेशन की क्षमता बढ़ाने और उज्जैन के आस-पास फ्लैग स्टेशन विकसित किए जाएंगे।
- क्षिप्रा के लिए इंदौर-उज्जैन के बीच स्टॉप डेम बनाए जाएंगे। नदी में मिलने वाले नालों और गंदे पानी का डायवर्सन की योजना का क्रियान्वयन किया जाएगा।
- क्षिप्रा की सफाई के लिए आईआईटी से जरूरी सुझाव और विकल्प भी मांगे जाएंगे।
- जल-मल योजनाएं और सीवेज ट्रीटमेंट प्लान 2 साल से पहले पूरे होंगे।
- मेला क्षेत्र में अलग-अलग कामों के लिए जोनल प्लान बनेंगे।
हरिद्वार और प्रयागराज महाकुंभ का होगा अध्ययन
सीएम यादव ने कहा कि सिंहस्थ को बेहतर बनाने के लिए प्रयागराज और हरिद्वार में होने वाले महाकुंभ का अध्ययन किया जाएगा। इसके अब मध्य प्रदेश के अलग-अलग विभागों के अधिकारी प्रयागराज और हरिद्वार जाएंगे और वहां महाकुंभ की व्यवस्थाओं को देखेंगे। सिंहस्थ के लिए कुछ क्षेत्रों में काम शुरू हो चुका है। ट्रैफिक, सुरक्षा, सफाई, जन सुविधाओं और आईटी से जुड़े कामों के टेंडर 12 जून को खोले जाएंगे। शहर में पार्किंग और इलेक्ट्रिक बस जैसी सुविधाएं विकसित होंगी। प्रमुख अखाड़ा क्षेत्र का जोनल प्लान दिसंबर तक बनेगा। Simhastha Kumbh Mela 2028 | उज्जैन सिंहस्थ
शहर में बनेंगे नए घाट
नमामि क्षिप्रा योजना के जरिए क्षिप्रा को बेहतर स्वरूप में लाया जाएगा। उज्जैन के शहरी इलाकों में क्षिप्रा के नए घाट बनकर तैयार होंगे। साल 2040 की जनसंख्या को ध्यान में रखते हुए इंदौर, सांवेर, देवास व उज्जैन नगरीय क्षेत्रों में जल-मल योजनाएं और सीवेज ट्रीटमेंट प्लान तैयार की जाएंगी और इसे 2027 से पहले पूरा किया जाएगा। कान्ह नदी सहित क्षिप्रा नदी में मिलने वाले सभी नदी-नालों का दिसंबर 2027 तक ट्रीटमेंट प्लांट बनाया जाएगा। Simhastha 2028 उज्जैन सिंहस्थ | सिंहस्थ 2028 | Ujjain simhasth उज्जैन सिंहस्थ
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