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Photograph: (the sootr)
RAIPUR.छत्तीसगढ़ के अधिकारी तो वाकई कमाल के हैं। कमाल भी ऐसा कि दांतो तले उंगलियां दबाने को मजबूर कर देता है। फर्जीवाड़ा भी इतनी सफाई से करने की कोशिश करते हैं कि वो नजर में आ ही जाता है।
ऐसा ही कुछ छत्तीसगढ़ की आईपीएस मेडम ने किया है। क्या है ये फर्जीवाड़ा आपको बताएंगे। इसके अलावा बीजेपी के एक सांसद समस्याएं दूर करने की बजाए लोगों को नींबू मिर्ची लटकाने और नीबू काटने की सलाह देते रहते हैं।
एक मंत्रीजी ऐसे हैं जिन्होंने अपना पीए बनाने के लिए 8वीं पास की सिफारिश कर दी। छत्तीसगढ़ के राजनीतिक और प्रशासनिक गलियारों की ऐसी ही अनसुनी खबरों के लिए पढ़िए साप्ताहिक कॉलम द सूत्र सिंहासन छत्तीसी।
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मेडम की सरकारी कार का बिल महज 179 रुपए
छत्तीसगढ़ सरकार में एक आईपीएस मेडम हैं। मेडम के पास सरकारी कार सियाज आवंटित की गई है। मेडम कमाल की मितव्ययी या यूं कहें कि कंजूस निकलीं कि उनकी कार का एक साल का बिल महज 179 रुपए आया। अब मेडम यह तो समझ में आता है कि यह न तो मितव्ययिता है और न ही कंजूसी, तो फिर ये क्या है।
जाहिर है कोई फर्जीवाड़ा है। 179 रुपए का पेट्रोल तो एक स्कूटर में एक दिन में जल जाता है और आप एक साल में इस कार का इतना ही उपयोग कर पाईं। हैरान करने वाली बात तो यही है। जब हमने एक 179 रुपए के बिल का पता लगाया तो हमें एक कागज में 179 रुपए का कच्चा बिल थमा दिया गया। पीएचक्यू से पूछा तो जवाब आया कि कहीं कोई गड़बड़ी नहीं है सब कुछ ठीक है।
असल में इसमें अचरज की बात ये है कि पुलिस एक साल में सैकड़ों करोड़ रुपए किराए की गाड़ी में उड़ा देती है तो मेडम से विभाग को पूछना चाहिए कि वो कौन सा जादू है जिसमें एक साल का सरकारी गाड़ी का बिल महज 179 रुपए आता है।
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स्वस्थ्य रहना है तो नीबू काटो :
बीजेपी ने इस बार कमाल के लोगों को सांसद बनाया है। एक सांसद महोदय तो नींबू से आगे बढ़ते ही नहीं हैं। जनता से कहते हैं कि स्वस्थ्य रहना है तो नींबू चाटो। और अधिकारियों को ठीक करने के लिए कहते हैं नींबू काटो। अब नेताजी नींबू से ही सब कुछ होगा तो फिर आपकी क्या जरुरत है।
हाल ही में एक स्वास्थ्य शिविर लगा जिसमें नेताजी मुख्य अतिथी के तौर पर पहुंचे। लोगों ने नेताजी से कहा कि सरकारी कर्मचारी अधिकारी किसी का फोन नहीं लगता। बस फिर क्या था नेताजी शुरु हो गए। नेताजी ने कहा कि ऐसी बात है तो हम सारे अधिकारी कर्मचारियों का नीबू काटेंगे।
अब लोग सोच में पड़ गए कि नेताजी मोबाइल टॉवर ठीक कराने की जगह नींबू का स्टॉक रखने की सलाह क्यों दे रहे हैं। यह वही नेताजी जिन्होंने कहा था कि अधिकारी पुरानी मानसिकता छोड़ दें नहीं तो भूत उतार देंगे नींबू काटकर।
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मंत्रीजी को चाहिए 8वीं पास पीए :
एक नए नवेले मंत्रीजी को 8वीं पास पीए चाहिए। दरअसल मंत्रीजी ने जिसको पीए बनाने की सिफारिश की वह उनका पुराना शागिर्द है। विधायक जी के साथ वो महीनों से काम कर रहा है और उनका खास बन गया है। जब विधायकजी मंत्री बने तो उन्होंने अपने शागिर्द को आशीर्वाद देने की सोची। उन्होंने उसे पीए बनाने के लिए नोटशीट चला दी। अब शागिर्द की योग्यता देगी गई तो वो 8वीं पास ही निकला।
अब पीए बनने के लिए कम से कम 12वीं पास होना जरुरी है। जीएडी ने मंत्रीजी की फाइल लौटा दी और कहा कि पीए बनाना है तो किसी पढ़े लिखे को लाइए। अब जिन साहब का पीए 8वी पास होगा तो क्या वो करेगा और क्या वे करेंगे। मंत्रीजी को कम से कम इतना तो सोचना ही चाहिए था।
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मंत्री का एक्शन,अधिकारियों का रिएक्शन :
किसी अफसर की पहुंच कितनी हो सकती है इसका अनुमान तो लगाया ही जा सकता है। वो भी जब अफसर छत्तीसगढ़ का हो। स्कूल शिक्षा विभाग के मंत्री बनने के बाद गजेंद्र यादव कड़े तेवर दिखा रहे हैं। कई जेडी, डीईओ को सस्पेंड करने के बाद उन्होंने डीपीआई के कुछ अधिकारियों को बदलने का प्रयास शुरू किया। शिक्षकों के ट्रांसफर की नोटशीट लीक करने की वजह से कुछ अफसर उनके निशाने पर थे। लेकिन इसकी भनक नौकरशाही को लग गई। और एक्शन का रिएक्शन शुरु हो गया।
अधिकारी की सिफारिश लेकर कुछ मंत्री गजेंद्र यादव के पास धमक गए। गजेंद्र तब एक जिले के दौरे पर सर्किट हाउस में रुके थे। मंत्रियों को देख वे हैरान रह गए।अब बताइये अधिकारियों को बचाने के लिए अब मंत्री ही मैदान में कूदने लगे हैं। वाकई अधिकारी हैं तो पहुंच वाले।
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