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Photograph: (the sootr)
DURG. 15 नवंबर से छत्तीसगढ़ में धान खरीदी की प्रक्रिया पर असर पड़ रहा है। सहकारी समितियों के कर्मचारी और कंप्यूटर ऑपरेटर 3 नवंबर से अपनी मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं।
हड़ताल अब 13वें दिन भी जारी है, और इससे पूरे राज्य में धान खरीदी की प्रक्रिया सीधे तौर पर प्रभावित हो रही है। हड़ताल के दौरान, दुर्ग के मानस भवन में करीब 2500 कर्मचारी रोज धरने पर बैठते हैं।
हड़ताल के कारण
कर्मचारियों का आरोप है कि सरकार उनकी मांगों पर कोई ठोस कदम नहीं उठा रही है। वो मध्य प्रदेश की तर्ज पर वेतनमान लागू करने की मांग कर रहे हैं। इसके साथ ही लंबित भत्तों का भुगतान और सेवा शर्तों में सुधार की भी मांग की जा रही है।
सुरक्षा प्रावधानों में सुधार के बिना वे धान खरीदी का काम नहीं कर पा रहे हैं। धान खरीदी से जुड़े तकनीकी काम जैसे रजिस्ट्रेशन और तौल की जिम्मेदारी कर्मचारियों पर है। कर्मचारियों का कहना है कि उचित वेतन और सुरक्षा के बिना यह काम करना मुश्किल हो रहा है।
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क्या हैं कर्मचारियों की 4 मुख्य मांगें?
सहकारी समिति कर्मचारी महासंघ और कंप्यूटर ऑपरेटर महासंघ मिलकर यह आंदोलन चला रहे हैं। वे समर्थन मूल्य पर धान खरीदी से जुड़े हुए हैं और उनकी चार सूत्रीय मांगें हैं।
मध्यप्रदेश की तर्ज़ पर वेतनमान: उनकी पहली मांग है कि उन्हें मध्य प्रदेश के समान वेतनमान दिया जाए।
लंबित भत्तों का तुरंत भुगतान: दूसरी बड़ी मांग है कि उनके सालों से रुके हुए भत्तों का भुगतान जल्द से जल्द हो।
सेवा शर्तों में जरूरी सुधार: वे अपनी सेवा शर्तों को बेहतर बनाने की मांग कर रहे हैं।
सुरक्षा और कानूनी प्रावधान: उनकी चौथी मांग है कि उन्हें काम के दौरान पूरी सुरक्षा और कानूनी प्रावधान मिलें।
बर्खास्त किए गए 7 कर्मचारियों के नाम
प्रशासन ने जिन सात कर्मचारियों को बर्खास्त किया है, वे मुख्य रूप से दुर्ग और राजनांदगांव जिलों से हैं।
गिरधर सोनी – प्रभारी समिति प्रबंधक, उतई (दुर्ग)
किसुन देवांगन – प्रभारी समिति प्रबंधक, गठला (राजनांदगांव)
ईश्वर श्रीवास – प्रदेश महासचिव, सदस्य समिति प्रबंधक, बोरतलाव (राजनांदगांव)
नरेन्द्र साहू – प्रभारी समिति प्रबंधक
जागेश्वर साहू – प्रभारी समिति प्रबंधक बोरीगारका (दुर्ग)
भीखम चंद जैन – प्रभारी समिति प्रबंधक, पनियाजोब (राजनांदगांव)
भाई लाल देवांगन – प्रभारी समिति प्रबंधक, भेजटोला (राजनांदगांव)
इन पर बार-बार अनुपस्थित रहने और नोटिस का जवाब न देने का आरोप है। इसके अलावा, रबी ऋण वितरण, खाद-बीज वितरण, और PDS (Public Distribution System) जैसी जरूरी सेवाओं में रुकावट डालने के आधार पर भी कार्रवाई हुई है।
सहकारी समिति कर्मचारी महासंघ का विरोध
सहकारी समिति कर्मचारी महासंघ के कोषाध्यक्ष जागेश्वर साहू ने कहा कि सरकार की तरफ से उनकी मांगों पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। उन्होंने चेतावनी दी है कि अगर बर्खास्त कर्मचारियों को बहाल नहीं किया गया, तो आंदोलन और तेज होगा। उनके मुताबिक, अब तक 13 दिन हो चुके हैं और कर्मचारियों का उत्साह कम नहीं हुआ है। हड़ताल की वजह से सातों जिलों से रोज 2000-2500 कर्मचारी धरने पर पहुंच रहे हैं।
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प्रशासन का वैकल्पिक व्यवस्था
अप्रैल में राज्य सरकार ने धान खरीदी पर असर न पड़े, इसके लिए वैकल्पिक व्यवस्था की थी। दुर्ग कलेक्टर अभिजीत सिंह ने बताया कि नए नोडल अधिकारियों को ट्रेनिंग दी गई है।
सरकार ने धान खरीदी जारी रखने के लिए खरीदी प्रभारी कर्मचारियों को भी ट्रेनिंग दी है। प्रशासन ने ये भी सुनिश्चित किया है कि हर गांव में नए कंप्यूटर ऑपरेटरों को भी ट्रेनिंग दी जाएगी। कलेक्टर ने कहा कि धान खरीदी में कोई रुकावट न आए, इसके लिए पूरी तैयारी की गई है और वैकल्पिक व्यवस्था लागू की गई है।
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