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RAIPUR. छत्तीसगढ़ में इस साल की धान खरीदी 15 नवंबर से होने वाली है। लेकिन, प्राथमिक कृषि साख सहकारी कर्मचारियों के हड़ताल से साल 2025-26 की धान खरीदी संकट में है। कोई रास्ता नहीं निकलने के बाद सरकार ने इन कर्मचारियों पर अपना सबसे शक्तिशाली अस्त्र चला दिया है।
धान खरीदी के एक दिन पहले देर शाम सरकार ने मामले में एक आदेश जारी किया है। इसमें कहा गया है धान खरीदी कार्य में लगे कर्मचारियों द्वारा कार्य से इंकार नहीं किया जा सकता है। गृह विभाग ने यह स्पष्ट किया है कि ऐसा करने वाले पर कार्रवाई की जाए।
पत्र में क्या कहा गया है
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छत्तीसगढ़ सरकार ने यह स्पष्ट कर दिया है कि 15 नवंबर से 31 जनवरी तक धान खरीदी का काम अति आवश्यक है। सभी कर्मचारियों को काम से इंकार करने की अनुमति नहीं होगी। धान खरीदी कार्य में शामिल कर्मचारियों द्वारा कार्य से इंकार करना प्रतिबंधित होगा।
यह आदेश तत्काल प्रभाव से लागू हो गया है और खरीदी की संपूर्ण अवधि तक लागू रहेगा। कर्मचारियों को अत्यावश्यक सेवा में कार्य करना अनिवार्य होगा। इसके उल्लंघन पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
लोगों के लिए महत्वपूर्ण है सेवा
इस आदेश का उद्देश्य किसानों को उनके धान का समर्थन मूल्य समय पर मिले और खरीदी केंद्रों पर अव्यवस्थाओं से बचा जा सके। धान खरीदी राज्य के किसानों के लिए आर्थिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है और सरकारी आदेश से खरीदी प्रक्रिया में निरंतरता बनी रहेगी।
इस आदेश से छत्तीसगढ़ में धान खरीदी की तैयारी को और मजबूती मिली है। राज्य सरकार ने किसानों और कृषि विभाग दोनों को आश्वस्त किया है कि खरीफ विपणन वर्ष 2025-26 में धान खरीदी सुचारू और व्यवस्थित तरीके से होगी।
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वैकल्पिक व्यवस्था काम नहीं आई
प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों के कर्मचारियों के हड़ताल पर जाने से सरकार चिंतित थी। कई बार बातचीत के बाद भी कोई हल नहीं निकला तो शासन ने वैकल्पिक व्यवस्था लागू करने के निर्देश जारी किए। लेकिन उससे भी समस्या जस की तस बनी रही। जिसके बाद सरकार ने यह आदेश जारी किया है।
इन मांगों को लेकर है हड़ताल -
- धान परिवहन में हुए देरी के कारण हुए नुकसान का पैसा समितियों को मिले
- सहकारी कर्मचारी को शासकीय कर्मचारियों की तरह नियमित वेतनमान
- सातवां वेतनमान
- समिति प्रबंधकों को 50 प्रतिशत के स्थान पर 100 प्रतिशत के दर प्रबंधक के पद पर पदोन्नाति
- जिला सहकारी बैंक में प्लेसमेंट भर्ती पर रोक
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