सिंहासन छत्तीसी : सीएम हाउस से बेआबरु होकर निकली मैडम, पेंशन पर रोक लेकिन साहब का पांच मंजिला शॉपिंग काम्पलेक्स फुल

बड़े बेआबरु होकर तेरे कूचे से हम निकले। छत्तीसगढ़ की एक बड़ी महिला नेता गईं तो थीं सीएम से मिलने लेकिन सीएम हाउस में उनको एंट्री तक नहीं मिली। एक घंटे सीएम हाउस से बाहर खड़े रहने के बाद वे नाराज होकर वापस लौट गईं। 

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Pratibha ranaa
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अरुण तिवारी, RAIPUR.  शहर के साथ छत्तीसगढ़ का सियासी पारा भी चढ़ा हुआ है। राजनीतिक गलियारों में किस्म किस्म की चर्चाओं का बाजार गर्म है। बीजेपी नेता बल्ले बल्ले कर रहे हैं तो कांग्रेस उम्मीद से है। इन दिनों अफसरों की शामत आई हुई है। कभी मैडम के सीएम से मुलाकात न होने की चर्चा से पारा चढ़ जाता है तो कभी बिना पेंशन के जिंदगी गुजार रहे पूर्व आईएएस का पांच मंजिला शॉपिंग काम्पलेक्स चर्चा में आ जाता है जिसकी बुकिंग फुल हो गई है। 

बड़ी बेआबरु होकर सीएम हाउस से निकलीं मेडम 

बड़े बेआबरु होकर तेरे कूचे से हम निकले। छत्तीसगढ़ की एक बड़ी महिला नेता गईं तो थीं सीएम से मिलने लेकिन सीएम हाउस में उनको एंट्री तक नहीं मिली। एक घंटे सीएम हाउस से बाहर खड़े रहने के बाद वे नाराज होकर वापस लौट गईं। हुआ कुछ यूं कि मैडम ने सीएम के स्टॉफ से सीएम से मिलने का समय मांगा। उनको सीएम हाउस बुला लिया गया। लेकिन जब वे सीएम हाउस पहुंची और सीएम के स्टॉफ को फोन लगाया तो किसी ने फोन नहीं उठाया। यहां तक कि जिन्होंने उन्हें समय दिया था उनका फोन भी नहीं उठा। मैडम एक घंटे तक बाहर खड़ी रहीं। आखिरकार वे नाराज होकर पूर्व मुख्यमंत्री के यहां पहुंची। उन्होंने सीएम को फोन कर ये बात बताई तो सीएम ने इस पर खेद जताया और कहा कि वे हमारी सम्मानीय नेता हैं, उनका पूरा सम्मान है। बता दें कि ये मैडम विधायक हैं, पूर्व केंद्रीय मंत्री और सीएम पद की भी बड़ी दावेदार रही हैं। 

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ये अंदाज_ए_मोदी है या उनकी नाराजगी 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हाल ही में छत्तीसगढ़ दौरे पर आए। मोदी इस दौरान एक राज राजभवन में रुके। इस दौरान वे किसी अफसर या नेता से नहीं मिले। वे देर रात तक पीएम हाउस की फाइल देखते रहे, लेकिन उन्होंने किसी से मुलाकात नहीं की। उनसे मिलने की कोशिश मंत्री और अफसरों ने की लेकिन किसी की मुलाकात नहीं हो सकी। राजभवन में मोदी ने अकेले ही खाना खाया। अब लोग ये अंदाजा नहीं लगा पा रहे कि ये पीएम मोदी का अपना अलग अंदाज है या फिर किसी बात पर वे किसी से खफा हैं। 

चर्चा में साहब का पांच मंजिला शॉपिंग काम्प्लेक्स 

एक पूर्व आईएएस का पांच पंजिला शॉपिंग काम्प्लेक्स बहुत चर्चा में है। ये शापिंग काम्प्लेक्स राजधानी के पॉश इलाके में है। इसकी बुकिंग भी साहब के परिजन ही कर रहे हैं। ये शॉपिंग काम्प्लेक्स इसलिए चर्चा में है क्योंकि इन साहब पहले की सरकारों के बहुत खास रहे हैं। इन दिनों कुछ अफसर ईडी के गिरफ्त में हैं। इसमें कुछ के रिटायर होने के बाद उनको पेंशन तक नहीं मिल रही है और न ही उनको प्रोविडेंट फंड का पैसा मिला है। लोगों में चर्चा है कि फिर से शापिंग काम्प्लेक्स कहां से तन गया। साहब पिछली दो सरकारों के खास होने के साथ अहम पदों पर रहे हैं। 

दलबदलुओं की टोह लेने बीजेपी ने छोड़े जासूस  

बीजेपी ने कांग्रेस नेताओं को अपने पाले में लाने के लिए जासूस छोड़ रखे हैं। ये जासूस कोई और नहीं बीजेपी के वे नेता हैं जिनके कांग्रेस नेताओं से परिवारिक संबंध हैं। कुछ नेता तो आपस में रिश्तेदार भी हैं। ये नेता ही कांग्रेस के लोगों से संपर्क कर बीजेपी में शामिल करा रहे हैं। ये जासूस नेता कांग्रेस के नेताओं का वजन देखकर अपनी पार्टी संगठन से बात करते हैं और उनको पार्टी में शामिल करा लेते हैं। इस बात की तस्दीक कांग्रेस नेता भी करते हैं। वे कहते हैं कि उनके लूप होल्स जानकर उन पर राजनीतिक और भावनात्मक दबाव डालकर बीजेपी में शामिल किया जा रहा है। 

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अब पछताए होत का जब चिड़िया चुग गई खेत 

चुनावी सीजन में धड़धड़ दल बदलने वाले नेता अब पछता रहे हैं। दरअसल बीजेपी में शामिल होने वाले इन नेताओं के पास कोई काम नहीं है। बस एक दिन खबर में आकर सीएम या किसी बड़े नेता के साथ माला पहनने की फोटो छपती है और फिर इनकी कोई पूछ परख नहीं हो रही है। जितने भी नेता शामिल हुए हैं न उनका प्रचार में नाम है, न वे किसी बड़े नेता के साथ प्रचार पर जा रहे हैं और न ही उनको कोई चुनावी सभा लेने अकेले भेजा जा रहा है। ये नेता बीजेपी में शामिल होकर घर बैठ गए हैं। वहीं कुछ बड़ी महिला नेता भी बीजेपी में शामिल हुईं, उनके हिस्से सिर्फ एक प्रेस कान्फ्रेंस आई बस। इन नेताओं को लगने लगा है कि अभी तो चुनाव है लेकिन बाकी के चार साल अब क्या करेंगे। कुछ नेता कहते हैं कि उनसे गलती तो हो गई है। बीजेपी नेताओं का दावा है कि अब तक बीस हजार से ज्यादा लोग उनकी पार्टी में शामिल हो चुके हैं।

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