स्पोर्ट्स डेस्क. बुधवार यानी 1 मार्च से इंदौर में बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी का तीसरा टेस्ट खेला जाएगा। टीम इंडिया इस सीरीज में 2-0 से आगे है। भारत ने नागपुर और दिल्ली टेस्ट में कंगारू टीम को बुरी तरह हराया था। टीम इंडिया ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में 2-0 से आगे हैं। भारतीय टीम ने नागपुर और दिल्ली टेस्ट में कंगारुओं को बुरी तरह हराया था। वहीं, इस सीरीज का तीसरा टेस्ट इंदौर में खेला जाएगा, लेकिन इंदौर की पिच पर गेंदबाजों के लिए मददगार होगी या फिर बल्लेबाज आसानी से रन बना पाएंगे।
होल्कर स्टेडियम में आखिरी टेस्ट 2019 में खेला गया था
आंकड़े बताते हैं कि इंदौर के होल्कर स्टेडियम में अब तक 2 टेस्ट मैच खेले गए हैं। इस स्टेडियम में आखिरी टेस्ट मैच साल 2019 में खेला गया था। उस मैच में टीम इंडिया ने बांग्लादेश को पारी और 130 रनों से हराया था। अब यह स्टेडियम तकरीबन 3 साल बाद भारत-ऑस्ट्रेलिया टेस्ट की मेजबानी के लिए तैयार है।
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कैसी होगी इंदौर होगी पिच?
आंकड़े बताते हैं कि इंदौर की पिच बल्लेबाजों के लिए हमेशा मददगार रही है। इस विकेट पर रन बनाना आसान रहा है। होल्कर स्टेडियम की पिच पर बल्लेबाजों ने जमकर रनों की बारिश की है। वहीं, ऐसा माना जा रहा है कि भारत-ऑस्ट्रेलिया टेस्ट के लिए भी पिच के स्वभाव में बदलाव नहीं होगा। यानि, इस विकेट पर बल्लेबाज आसानी से रन बना पाएंगे। वहीं, होल्कर की विकेट पर गेंदबाजों के लिए हालात अनुकूल नहीं होंगे। हालांकि, इंदौर की विकेट पर तेज गेंदबाजों को मदद मिल सकती है, लेकिन बल्लेबाजी के लिए पिच आसान रहेगी
टीम इंडिया में क्या-क्या बदलाव हो सकते हैं?
इंदौर के होल्कर स्टेडियम की पिच पर टेस्ट मैचों में पहली पारी का औसत स्कोर 353 रन रहा है। बहरहाल, इस विकेट पर टॉस जीतने वाले कप्तान पहले बल्लेबाजी करना पसंद कर सकते हैं। भारतीय टीम इंदौर में आखिरी बार साल 2019 में बांग्लादेश के खिलाफ टेस्ट मैच खेली थी। उस मैच में उमेश यादव के अलावा मोहम्मद शमी और ईशांत शर्मा प्लेइंग इलेवन का हिस्सा थे। इन तीनों भारतीय तेज गेंदबाजों ने मैच में कुल 14 बांग्लादेशी बल्लेबाजों को अपना शिकार बनाया था। ऐसा माना जा रहा है कि इंदौर टेस्ट में अक्षर पटेल की जगह तेज गेंदबाज उमेश यादव को प्लेइंग इलेवन में जगह मिल सकती है।