आमीन हुसैन, RATLAM. रतलाम नगर निगम के सामने स्थित गांधी उद्यान को गोल्ड कांप्लेक्स बनाने के लिए बेच दिया गया। 19 अप्रैल की देर रात को गांधी उद्यान के आधे पेड़ काट दिए गए थे। कल रात को शेष बचे हुए 10 से अधिक 50 वर्ष पुराने विशाल पेड़ काट दिए गए। पेड़ों के कटने से 50 से ज्यादा पक्षी मर गए, दो दर्जन से ज्यादा घायल हो गए। पूरा बगीचा उजड़ने से पक्षियों कई अंडे खत्म हो गए। इस तरह से प्रशासन गैरकानूनी अपराधिक कृत्य कर रतलाम के पर्यावरण का सर्वनाश कर रहा है।
बगीचा नहीं उजाड़ने के आश्वासन के बाद भी काट डाले पेड़
70 साल पुराने गांधी उद्यान के 19 अप्रैल को जब 50 से अधिक विशाल पेड़ काटे थे तब प्रशासन ने इस प्रकरण की जांच कर बगीचा नहीं उजाड़ने का आश्वासन दिया था। पुलिस में लिखित शिकायत करने के बाद भी पेड़ काटने वाले नगर निगम तथा गोल्ड कांप्लेक्स के निवेशक पर कोई कार्यवाही नहीं की गई। सुप्रीम कोर्ट के नियमानुसार बगीचा बेचा नहीं जाता जा सकता है, लेकिन जिला प्रशासन ने सर्वे नंबर 100 पर स्थित 70 पुराने गांधी उद्यान को गोल्ड कांप्लेक्स के लिए आरक्षित कर ठेकेदार को बेचकर गैर कानूनी अपराधिक कार्य किया है।
पक्षी प्रेमियों ने पेड़ काटने वालों पर कार्रवाई करने की मांग की
वहीं पक्षी प्रेमी अपने समर्थकों के साथ गांधी उद्यान पहुंची और मरे हुए पक्षियों के लिए नगर निगम और स्थानीय विधायक को खूब खरी-खोटी सुनाई। साथ ही नगर निगम पहुंचकर संबंधित लोगों पर कार्रवाई की मांग की। वहीं पुलिस थाने पहुंच कर भी पेड़ काटने वाले और पेड़ काटने के चलते बड़ी संख्या में पक्षियों की मौत का जिम्मेदार बताते हुए पेड़ काटने वालों पर पुलिस कार्रवाई करने की मांग की। आदित्य दवे सर ने बताया कि पक्षियों को इस मौसम में वृक्षों को काटकर उन्हें बेहतर नहीं किया जा सकता। रतलाम के नगर निगम के सामने गांधी उद्यान में कई पेड़ पहले भी काट दिए और आज रात में भी कई पेड़ों को काट दिया गया है जिससे कई पक्षी मारे गए और कई पक्षी घायल हो गए कई पक्षियों के अंडे भी खराब हो गए।
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नगर निगम के अधिकारी भी इस मामले की सुध नहीं ले रहे हैं
यह सब नगर निगम के सामने चलता रहा और नगर निगम के अधिकारी है कि इस मामले की सुध नहीं ले रहे हैं। पुरानी परमिशन पर आज भी पेड़ काटे गए, जबकि परमीशन 50 पेड़ों की थी 50 से ज्यादा पेड़ पूर्व में काट लिए गए। आज भी 10 से ज्यादा हरे भरे पुराने पेड़ काट दिए गए। रतलाम शहर विधायक चैतन्य कश्यप अपनी वाहवाही के लिए पर्यावरण बचाने की शपथ दिला रहे हैं। यहां उन्हीं के महापौर उन्हीं की सरकार में वृक्षों को काटकर पक्षियों का श्मशान बनाया जा रहा है जिसे देखने वाला यहां कोई नहीं हैं।