बीजेपी ने पिछली बार से लिया सबक, इस बार कोई सांसद नहीं, कई चेहरे रिपीट, वसुंधरा राजे के कई विश्वस्तों को फिर मिला मौका

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Jitendra Shrivastava
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बीजेपी ने पिछली बार से लिया सबक, इस बार कोई सांसद नहीं, कई चेहरे रिपीट, वसुंधरा राजे के कई विश्वस्तों को फिर मिला मौका

मनीष गोधा, JAIPUR. चुनाव का मौका है, इसलिए सबक जितनी जल्दी लिए जाएं उतना ही बेहतर रहता है। राजस्थान में बीजेपी की दूसरी सूची कुछ ऐसा ही संदेश दे रही है। पहली सूची में 41 में से सात सांसदों को मैदान में उतारने वाली बीजेपी ने दूसरी सूची 83 प्रत्याशी जारी की है, लेकिन इनमें सांसद एक भी नहीं है। पार्टी के अभी 69 विधायक हैं और इनमें से 56 को फिर से मैदान में उतार दिया गया है, वहीं आठ के टिकिट काटे गए है। शेष पांच नाम अभी होल्ड पर हैं। वहीं 27 नाम ऐसे है, जो पिछली बार चुनाव हार गए थे, लेकिन उन्हें फिर से मौका दिया गया है। दूसरी सूची में पार्टी के तीन प्रमुख चेहरे पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे, नेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ और उपनेता प्रतिपक्ष सतीश पूनिया के नाम भी है। इनमें से राठौड़ को अपनी सीट बदलने का मौका भी दिया गया है। वहीं वसुंधरा राजे अभी भी पार्टी के लिए अहमियत रखती है, यह संदेश देने के लिए उनके कई विश्वस्तों को फिर से मौका दिया गया है। वहीं पिछली सूची मे जिन नरपत सिंह राजवी का टिकट काट दिया गया था, उन्हें चित्तोड़गढ़ से मैदान में उतार दिया गया है।

पहले बड़े नामों की बात

वसुंधरा राजे 5वीं बार झालरापाटन से ही चुनाव लड़ेंगी। उनके चुनाव लड़ने को लेकर इस बार कई तरह की अटकलें लगाई जा रही थी। माना जा रहा था कि पार्टी उनकी जगह उनके सांसद पुत्र दुष्यंत सिंह को मैदान में उतार सकती है और उन्हें सांसद का चुनाव लड़ाया जा सकता है, लेकिन अब सब कुछ साफ हो गया है। दूसरी ही सूची में उनका नाम है और उनके साथ ही उनके विश्वस्त भी सूची में है। वहीं नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ की सीट बदल दी गई है। उन्हें चूरू की बजाय तारानगर से टिकट दी गई है। वे पहले भी तारानगर से चुनाव लड़ चुके हैं। उनके सीट बदलने की अटकलें पहले से ही चल रही थी। उपनेता प्रतिपक्ष सतीश पूनिया के भी सीट बदलने की चर्चा थी, लेकिन आमेर में उनकी सक्रियता को देखते हुए उन्हें फिर से मौका दिया गया है। ऐसे में प्रदेश के तीन बड़े नाम अब क्लीयर हो गए है।

शेखावत की जन्मशती से पहले राजवी को मनाया

पूर्व उपराष्ट्रपति भैंरों सिंह शेखावत के दाामद नरपत सिंह राजवी का टिकट पहली सूची में काट दिया गया था। अब उन्हें चित्तौड़गढ़ से टिकट दिया गया है। पहली बार वे यहीं से चुनाव जीते थे। टिकट कटने के बाद राजवी की तीखी प्रतिक्रिया सामने आई थी। बाद में प्रदेश प्रभारी अरूण सिंह उनसे मिले और मामला शांत हुआ। अब सोमवार को शेखावत का 100वां जन्मदिन है और पार्टी ने उससे पहले ही राजवी को टिकट दे कर मामले को बहुत हद तक सम्भाल लिया है। राजवी के लिए मौजूदा विधायक चंद्रभान सिंह आक्या का टिकट काट दिया गया है।

ज्योति मिर्धा और विश्वराज सिंह भी उम्मीदवार

पार्टी की पिछली सूची में भी कुछ ऐसे नाम थे, जिन्होंने कुछ समय पहले ही पार्टी की सदस्यता ली थी और उन्हें विधायक का टिकट मिल गया था। इस सूची में भी दो ऐसे नाम है। नागौर में कांग्रेस का पर्याय रहे मिर्धा परिवार कीे ज्योति मिर्धा कुछ समय पहले ही पार्टी में आई थी और अब उन्हें पार्टी ने नागौर से टिकिट दे दिया है। इसी तरह उदयपुर राजघराने के सदस्य विश्वराज सिंह तो दो दिन पहले ही पार्टी में आए थे। उन्हें नाथद्वारा से मैदान में उतारा गया है। हालांकि, उन्हें काफी मुश्किल सीट दी गई है। उनका मुकाबला विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सीपी जोशी से होगा, जिन्हें कांग्रेस ने आज ही टिकिट दिया है।

वसुंधरा के कई विश्वस्तों को मिला टिकट

बीजेपी ने वसुंधरा राजे के कई विश्वस्तों को इस बार टिकट दिया है। इनमें मालवीय नगर से कालीचरण सराफ, बारां के छबड़ा से प्रताप सिंह सिंघवी, संगरिया से गुरदीप सिंह शाहपीणी, निंबाहेड़ा से श्रीचंद कृपलानी, नोहर से अभिषेक मटोरिया, सूरजगढ़ से संतोष अहलावत, डग से कालूलाल मेघवाल, खानपुर से नरेंद्र नागर, मनोहरथाना से गोविंद रानीपुरिया, नीमकाथाना से प्रेम सिंह बाजौर, बगरू से कैलाश चंद वर्मा शामिल हैं, सिरोही से ओटाराम देवासी, बीकानेर पूर्व से सिद्वी कुमारी, फुलेरा से निर्मल कुमावत, थानागाजी से हेमसिंह भडाना, डीग-कुम्हेर से डॉ. शैलेष, नसीराबाद से रामस्वरूप लाम्बा, बाली से पुष्पेन्द्र सिंह राणावत के नाम प्रमुख है। इनमें से कुछ ऐसे भी है, जो पिछली बार चुनाव हार गए थे, लेकिन पार्टी ने उन्हें फिर से मौका दिया है। हालांकि, राजे के विश्वस्त माने जाने वाले अशोक लाहोटी का टिकट काट दिया गया है। बताया जा रहा है कि संघ परिवार से उनकी नाराजगी उनके लिए भारी पड़ गई है।

कई पूर्व मंत्रियों को टिकट

बीजेेपी ने कई पूर्व मंत्रियों को भी टिकट दिया है। इनमें प्रताप सिंह सिंघवी, श्रीचंद कृपलानी, नरपत सिंह राजवी, ओटाराम देवासी, पुष्पेंद्र सिंह राणावत, अनिता भदेल, वासुदेव देवनानी, कालीचरण सर्राफ, राजेंद्र राठौड़, हेमसिंह भडाना, ओटाराम देवासी शामिल हैं।

8 विधायकों के टिकट काटे

बीजेपी ने दूसरी सूची में 8 विधायकों का टिकट काट दिया है। इसमें सूरसागर से सूर्यकांता व्यास, सांगानेर से अशोक लाहोटी, चित्तौड़गढ़ से चंद्रभान सिंह आक्या, सूरजगढ़ से सुभाष पूनिया, नागौर से मोहन राम चैधरी, मकराना से रूपाराम और बड़ी सादड़ी से ललित कुमार ओस्तवाल, घाटोल से हरेंद्र नीनामा शामिल हैं। इनमें सूर्यकांता व्यास उम्र के कारण सूची से बाहर हुई है। वे सात बार की विधायक है, लेकिन अब 85 वर्ष की उम्र पार कर चुकी हैं और हाल में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की तारीफ कर विवादों में भी आ गई थी, हालांकि जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जोधपुर आए थे, तो मंच पर उन्होंने सूर्यकांता व्यास से मुलाकात की थी और बताया जा रहा है कि उस समय भी व्यास ने टिकिट मांग लिया था।

अब तक 124 नाम घोषित

बीजेपी ने इससे पहले 9 अक्टूबर को 41 विधानसभा सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा की थी। अब 83 नाम घोषित कर पार्टी 200 में स ेअब तक 124 नाम घोषित कर चुकी है। बताया जा रहा है कि पार्टी की एक्सरसाइज सभी सीटों के लिए हो चुकी है। अब धीरे-धीरे बाकी नाम भी घोषित कर दिए जाएंगे।

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