अरुण तिवारी, BHOPAL. वोटिंग के महज पांच दिन पहले जारी हुआ बीजेपी का संकल्प पत्र महज रस्म अदायगी ही माना जा रहा है। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने संकल्प पत्र जारी करते हुए नई घोषणाओं से ज्यादा पुरानी उपलब्धियों का जिक्र किया। बीजेपी के संकल्प पत्र में महिला, किसान, गरीब कल्याण, रोजगार और आदिवासियों पर फोकस किया गया है। दीपावली से एक दिन पहले यानी नरक चतुर्दशी को जारी हुए संकल्प पत्र पर सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि इस दिन भगवान कृष्ण ने नरकासुर को मारकर 16 हजार बंधक रानियों को मुक्त कराया था। यह दिन महिलाओं की मुक्ति और उनके सशक्तिकरण का दिन है, यह कांग्रेस नेताओं को समझ नहीं आता।
पुरानी पेंशन योजना का बीजेपी के संकल्प पत्र में नहीं कोई तोड़
अब बीजेपी ने संकल्प पत्र और कांग्रेस ने वचन पत्र के द्वारा एक-दूसरे को चुनौती दी है और यह दिखाने का प्रयास किया है कि हम जनता के सबसे बड़े हितचिंतक हैं। हालांकि, कांग्रेस ने कर्मचारियों की पुरानी पेंशन योजना लागू करने का बीजेपी के संकल्प में कोई तोड़ नहीं है। इसी तरह ओबीसी वर्ग को 27 प्रतिशत आरक्षण देने के मुद्दे पर भी बीजेपी एकदम चुप है। बिजली जैसे अहम समले पर कांग्रेस ने बड़ी राहत का ऐलान किया है। बाकी दोनों की चुनावी घोषणाएं करीब-करीब सीधे कान पकड़े और हाथ घुमाकर कान पकड़ने की तरह हैं। दोनों के चुनावी घोषणा पत्र के सामने आने के बाद जनता के मन में कुछ अहम सवाल उठ रहे हैं कि बीजेपी ने लाड़ली बहना योजना को चुनाव से ऐन पहले क्यों लागू किया। इसके अलावा किसानों के लिए एमएसपी पर गेहूं और धान खरीदी के जो समर्थन मूल्य का वादा किया है। उसे पहले से क्यों लागू नहीं किया।
महिला पर फोकस
बीजेपी ने लाड़ली बहनों को आवास देने का वादा किया है। ग्रामीण महिलाओं को लखपति बनाने की बात की गई है। इसके तहत 15 लाख ग्रामीण महिलाओं को कौशल प्रशिक्षण दिया जाएगा। लाड़ली लक्ष्मियों को 21 साल तक कुल 2 लाख रुपए मिलेंगे। सभी छात्राओं को केजी से पीजी तक मुफ्त शिक्षा भी दी जाएगी। महिलाओं को 450 रुपए में रसोई गैस सिलेंडर मिलेगा।
किसानों को खुश करने की कोशिश
बीजेपी ने किसानों को भी खुश करने की कोशिश की है। 27 सौ रुपए प्रति क्विंटल गेहूं और 3100 रुपए प्रति क्विंटल धान खरीदने का वादा किया है। किसानों को किसान सम्मान निधि के रुप में 12000 रुपए सालाना मिलते रहेंगे।
आदिवासियों पर नजर
आदिवासी विकास पर अगले पांच सालों में 3 लाख करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। तेंदूपत्ता संग्रहण की दर चार रुपए प्रति क्विंटल की गई है। हर एसटी ब्लॉक में एकलव्य स्कूल होगा और एसटी जिलों में मेडिकल कॉलेज खोले जाएंगे। सौ करोड़ रुपए से उनके पूजा स्थलों का विकास होगा। तेंदूपत्ता की खरीदी अब 4 हजार प्रति क्विंटल की जाएगी।
रोजगार का वादा
बीजेपी ने हर परिवार के एक सदस्य को सरकारी, प्राइवेट या स्वरोजगार के तहत नौकरी का वादा किया है। गरीब परिवार के छात्रों मुफ्त शिक्षा के साथ 12 हजार रुपए वार्षिक की आर्थिक सहायता भी की जाएगी। मिड डे मील के साथ पौष्टिक नाश्ता भी दिया जाएगा। आईआईटी की तर्ज पर हर संभाग में इंस्टीट्यूट आफ टेक्नोलॉजी बनाई जाएगा।
इस तरह होगा गरीब कल्याण
सभी गरीब परिवारों को मुफ्त राशन के साथ दाल, सरसों का तेल और शक्कर भी रियासती दरों पर दी जाएगी। वरिष्ठ और दिव्यांग नागरिकों को 1500 रुपए मासिक पेंशन दी जाएगी। अटल गृह ज्योति योजना के तहत सौ रुपए में सौ यूनिट बिजली देंगे।
संकल्प पत्र से वचन पत्र की काट तलाशने की कोशिश
बीजेपी ने संकल्प पत्र के जरिए कांग्रेस के वचन पत्र की काट तलाशने की कोशिश की है। बीजेपी की कई घोषणाएं कांग्रेस के वचन पत्र की तर्ज पर ही की गई हैं।
बिजली: कांग्रेस ने सौ यूनिट मुफ्त बिजली और दो सौ यूनिट का बिल हाफ करने का वचन दिया है। बीजेपी ने सौ रुपए में सौ यूनिट बिजली का वादा किया है। यह वचन कांग्रेस ने 2018 में किया था।
किसान: वचन पत्र में गेहूं 2600 रुपए, धान 2500 रुपए और तेंदूपत्ता 4 हजार रुपए प्रति क्विंटल का वचन दिया गया है। वहीं बीजेपी ने गेहूं 2700 रुपए, धान 3100 रुपए और तेंदूपत्ता 4 हजार प्रति क्विंटल खरीदी करने का वादा किया है।
महिला: कांग्रेस ने नारी सम्मान योजना के तहत 1500 रुपए मासिक के साथ 500 रुपए में गैस सिलेंडर का वचन दिया है। बीजेपी ने लाड़ली बहना के साथ 450 रुपए में गैस सिलेंडर का वादा किया है।
छात्रों की शिक्षा: कांग्रेस ने एक से 12वीं तक मुफ्त शिक्षा और छात्रों को 5 सौ 1500 रुपए देने का वचन दिया है। जबकि बीजेपी ने मुफ्त शिक्षा के साथ स्कूल बैग, यूनिफॉर्म और किताबों के लिए 1200 रुपए सालाना देने का वादा किया है।