BHOPAL. मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव की वोटिंग 17 तारीख को संपन्न हो चुकी है। आने वाले 3 तारीख को वोटों की काउंटिंग होगी। जिसको लेकर सभी पार्टियों के प्रत्याशियों की सांसे अपने प्रतिद्वंदियों के डर से अटकी हुई हैं। वहीं दूसरी ओर नोटा का डर भी सता रहा है। पिछले 2018 विधानसभा चुनाव में नोटा ने कुल 16 सीटों प्रत्याशियों का खेल बिगाड़ दिया था।
15 सीटों पर नोटा को 5 हजार से अधिक वोट
2018 के विधानसभा चुनाव में कुल 16 सीटों पर हार-जीत का अंतर नोटा को मिले वोट से कम था। जिनमें कुल 15 सीटों पर नोटा को 5 हजार से अधिक वोट मिले थे। कुल 34 सीटों पर नोटा दूसरे नंबर पर था। इन आंकड़ों से प्रत्याशियों को चिंता है कि यह वोट कटेंगे तो उनके वोटों की गणित बिगड़ सकती है। उन सीटों पर तो ज्याद डर है जहां पिछले चुनाव में नोटा को ज्यादा वोट मिले थे।
भैंसदेही सीट पर सबसे अधिक 7948 वोट नोटा को थे
नोटा को मिले वोटों के पिछले आंकड़ों को देखें तो वर्ष 2018 के चुनाव में नोटा को 5 लाख 40 हजार वोट मिले थे। वर्ष 2013 के विधानसभा चुनाव में 6 लाख 51 हजार 510 वोट मिले थे। 2018 के चुनाव में भैंसदेही सीट पर सबसे अधिक नोटा को 7 हजार 948 वोट मिले थे। दूसरे नंबर पर महाकोशल और मालवा-निमाड़ की सीटें थी जहां पर नोटा को सबसे अधिक वोट मिले थे। वहीं अगर विन्ध्य क्षेत्र की बात करें तो यहां पर नोटा को तीन हजार से अधिक वोट मिले थे।
नोटा से यहां हुई थी ज्यादा अंतर से हार-जीत
पिछले विधानसभा चुनाव में कोलारस, बीना, थांदला, राजनगर, दमोह, नागोद, बांधवगढ़, जबलपुर उत्तर, टिमरनी, नेपानगर, राजपुर, जोबट, पेटलावद, इंदौर-5, सुवासरा और गरोठ सीट पर जीत-हार के अंतर से ज्यादा वोट नोटा को मिले थे।