इंदौर में व्यापारी संगठन की मांग; त्योहारी सीजन में नकदी रखने पर न हो कार्रवाई, अभी 50 हजार से अधिक रखने पर होती है पूछताछ

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Jitendra Shrivastava
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इंदौर में व्यापारी संगठन की मांग; त्योहारी सीजन में नकदी रखने पर न हो कार्रवाई, अभी 50 हजार से अधिक रखने पर होती है पूछताछ

संजय गुप्ता, INDORE. चुनाव की आचार संहिता लगने के बाद स्टेटिकल सर्विलेंस टीम (एसएसटी) सक्रिय हो गई है और गुरुवार को ही देपालपुर और सांवेर में कुल 30 लाख की नगदी जब्त की गई है। वहीं अब दो दिन में ही नवरात्रि, दशहरा, दिवाली का देश का सबसे बड़ा त्योहारी सीजन शुरू हो रहा है। ऐसे में मप्र की व्यावसायिक राजधानी दिल्ली के व्यापारी चिंता में हैं। कारण है कि यहां पर दूसरे शहर, राज्यों से भी व्यापारी खरीदी-बिक्री के सौदों के लिए लाखों रुपए नकदी लेकर आते-जाते हैं। यदि अधिक सख्ती हुई तो त्योहार का सीजन खराब हो जाएगा।

राष्ट्रीय व्यापारी कल्याण बोर्ड के सदस्य खंडेलवाल ने लिखा पत्र

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इस मामले को लेकर इंदौर के सबसे व्यापारि संगठन अहिल्या चेंबर के अध्यक्ष रमेश खंडेलवाल जो राष्ट्रीय व्यापारी कल्याण बोर्ड के सदस्य (भारत सरकार द्वारा मनोनीत) भी है, उन्होंने इंदौर कलेक्टर को लेकर चिट्‌ठी लिखी है। इसमें कहा है कि- नवरात्रि, दशहरा, लग्नसरा (शादियां) जैसे अहम त्योहार व महोत्सव है। इस दौरान बाजार में खासी मांग रहती है, नई फसल भी आ रही है, इससे गांव वाले भी खरीदी के लिए निकल रहे हैं। साथ में नकदी लाना जरूरी होता है, पुलिस विभाग द्वारा व्यापारियों को रोककर उनके विरुद्ध अनावश्यक ही परेशान करने वाली कार्रवाई की जाने लगी है।

जनहित में इस पर विचार कर राहत दी जाए

चुनाव आचार संहिता का यह मतलब नहीं है कि व्यापारियों पर गैरजरूरी रोक लगातार आमजन की त्योहार के समय आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति को रोका जाए। यदि इस तरह नगदी लाने-ले जाने पर परेशान किया गया तो पूरा त्योहारी सीजन पर गंभीर प्रतिकूल प्रभाव होगा। इसलिए जनहित में इस पर विचार कर राहत दी जाए। यदि किसी व्यापारी के पास उसके संगठन का परिचय पत्र है और उसके पास आधार कार्ड है तो ऐसे में उसे नहीं रोका जाए।

क्या है आचार संहिता में नियम

आचार संहिता के नियमों के मुताबिक 50 हजार तक की नगदी में पूछताछ नहीं है लेकिन इससे अधिक की नकदी होने पर पूछताछ की जाएगी और जरूरी दस्तावेज उसे दिखाने होंगे कि यह नकदी कहां से आई जैसे कि बैंक से विड्राल फार्म, बैंक पासबुक, एटीएम रसीद, मंडी से खरीदी-बिक्री की रसीद आदि दस्तावेज दिखाने होंगे। ऐसा नहीं होने पर दस लाख से कम राशि को जब्त कर कलेक्टर कोषालय में रखा जाएगा और कमेट के सामने सभी दस्तावेज पेश करने पर ही राशि को रिलीज किया जाएगा। वहीं यदि राशि दस लाख से अधिक है तो फिर एसएसटी इसे लेकर तत्काल आयकर विभाग को सूचित कर विभाग के अधिकारियों को राशि सौंपेगा और इसकी आगे जांच आयकर विभाग ही करेगा।

जांच कर नकदी लौटाने के लिए बनाई कमेटी

उधर, जिला निर्वाचन अधिकारी और कलेक्टर डॉ. इलैयाराजा टी ने भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार नगदी और अन्य वस्तुओं की जब्ती और छोड़ने हेतु कमेटी बना दी है। आचार संहिता के अनुसार उड़नदस्ता (FST), स्थैतिक निगरानी टीम (SST) एवं पुलिस अधिकारियों द्वारा संदेह होने पर नगद राशि/बहुमूल्य वस्तुएं जब्त की जाती है। यह नगदी व बहुमूल्य वस्तुएं किसी अभ्यर्थी, किसी राजनीतिक दल या किसी निर्वाचन अभियान से जुड़ी नहीं है, तब इन्हें मुक्त (Release) करने के लिए समिति गठित की गई है। इसमें जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी सिद्धार्थ जैन, संयुक्त संचालक कोष एवं लेखा एवं नोडल अधिकारी व्यय लेखा प्रबंधन टी.एस. बघेल, जिला कोषलाय अधिकारी शमोनिका सोनी को रखा गया है। जब्त की गई नगदी एवं बहुमूल्य वस्तुएं कोषालय में मतदान की तारीख के पश्चात 7 दिवस से अधिक नहीं रखी जाएगी, जब तक की एफआईआर दर्ज नहीं हो।

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