गंगेश द्विवेदी/ RAIPUR. पूर्व वित्तमंत्री पी चिदंबरम ने कहा कि बीजेपी सरकार के तीसरे कार्यकाल के अंत में, कृषि गहरे संकट में थी। पूर्व वित्त मंत्री और कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने कांग्रेस मुख्यालय राजीव भवन में प्रेसवार्ता के मौके पर प्रेसवार्ता में कांग्रेस सरकार के पांच सालों की उपलब्धियां गिनाए। मई 2003 से नवंबर 2018 के बीच, हजारों किसानों ने अपनी जान ले ली। 2017 में, सरकार ने 21 जिलों की 96 तहसीलों में सूखे की घोषणा की, लेकिन किसानों को फसल बीमा योजना के तहत वादा की गई राशि नहीं मिल पाई। बीजेपी सरकार वादे के मुताबिक एमएसपी देने में भी विफल रही। ऐसे बुरे हालात से कांग्रेस ने उबारकर प्रदेश के किसानों का जीवन खुशहाल बनाया है।
सरकार ने 5 वर्षों में सिंचाई सुविधाओं को दोगुना किया
चिदंबरम ने कहा कि कृषि को प्राथमिकता देकर कांग्रेस ने छत्तीसगढ़ के धान के कटोरे को हरा-भरा बना दिया है। छत्तीसगढ़ में समर्थन मूल्य पर धान का उपार्जन 2018 में 62 लाख मीट्रिक टन से बढ़कर 2022 में 1 करोड़ 7 लाख मीट्रिक टन हो गया है। पिछले 5 वर्षों में सिंचाई सुविधाओं को दोगुना कर दिया गया है, जिससे कई किसान दूसरी फसल उगाने में सक्षम हो गए हैं। लगभग 19 लाख किसानों को लाभान्वित करते हुए 9272 करोड रुपए के कृषि ऋण माफ किए गए। 350 करोड़ रुपए का सिंचाई कर भी माफ किया गया। धान की खरीदी 2640 रुपए प्रति क्विंटल की दर से की जाती है। प्रत्येक भूमिहीन कृषि मजदूर को वार्षिक वित्तीय सहायता के रूप में 7000 रुपए मिलते हैं। आज, राज्य की जीडीपी में कृषि का योगदान 32 प्रतिशत है।
15 साल बनाम 5 साल
चिदंबरम ने बीजेपी के 15 साल की कांग्रेस के 5 साल के शासन से तुलना करके तथ्य मीडिया के सामने रखे। उन्होंने कहा कि स्वर्गीय अजीत जोगी के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार के कार्यकाल के बाद, बीजेपी लगातार तीन बार चुनी गई और 2003 से 2018 के बीच रमन सिंह ने तीन सरकारें बनाई। 2018 से भूपेश बघेल के नेतृत्व में कांग्रेस सरकार है। उन्होंने कहा कि यह स्वाभाविक है कि हम 2018 और 2023 में छत्तीसगढ़ राज्य की स्थिति की तुलना करें।
छत्तीसगढ़ गरीब राज्यों में था बीजेपी शासनकाल में
चिदंबरम ने कहा कि बीजेपी शासन काल में छत्तीसगढ़ भारत के सबसे गरीब राज्यों में से एक था। 39 प्रतिशत आबादी गरीबी में जी रही थी, 37 प्रतिशत बच्चे कुपोषित थे और 15-59 वर्ष की आयु वर्ग की 47 प्रतिशत महिलाएं एनीमिया से पीड़ित थीं। प्रति व्यक्ति आय राष्ट्रीय औसत से 11 प्रतिशत अंक कम थी। नियोजित लोगों में से केवल 10 प्रतिशत ही वेतनभोगी नौकरियों में थे। युवाओं (20-29 वर्ष) के लिए बेरोजगारी दर 22.2 प्रतिशत प्रतिशत थी। महिला श्रम भागीदारी और महिला रोजगार दोनों बेहद कम थे। शिक्षा के क्षेत्र में शैक्षिक विकास सूचकांक के मामले में छत्तीसगढ़ सभी राज्यों में 22वें स्थान पर है।
बच्चों के नामांकन में 12 फीसदी की कमी
रिपोर्ट से पता चला कि 2010 से 2016 के बीच सरकारी प्राथमिक विद्यालयों में नामांकन में 12 प्रतिशत की कमी आई। सरकार ने 2010 से 2016 के बीच शिक्षा के लिए 13,379 करोड़ रुपए का बजट रखा, लेकिन सिर्फ 7592 करोड़ रुपए खर्च किए। 20 प्रतिशत स्कूलों में कोई पुस्तकालय नहीं था। 37 प्रतिशत के पास कोई खेल का मैदान नहीं था, 22 प्रतिशत में लड़कियों के लिए अलग शौचालय नहीं थे। 2016 में 11,963 अप्रशिक्षित शिक्षक पद पर थे। बीजेपी शासन के दौरान एससी और एसटी समुदाय सबसे ज्यादा प्रभावित हुए। बीजेपी सरकार के तहत एससी और एसटी के खिलाफ अपराध दर में वृद्धि हुई थी। सरकार वन अधिकार कानून लागू करने में विफल रही। वन अधिकार अधिनियम के तहत आवदनों में मनमाने ढंग से खारिज कर दिया गया।
आज देश में सबसे कम बेरोजगारी दर
काग्रेस के पांच साल के कार्यकाल में छत्तीसगढ़ में देश में सबसे कम बेरोजगारी दर है, केवल 0.5 प्रतिशत। 5 साल में 5 लाख रोजगार पैदा हुईं, नियमित पदों पर सरकारी विभागों में 85 हजार से अधिक भर्ती की गई। आने वाले 5 साल में 15 लाख रोजगार के नये अवसर पैदा करने छत्तीसगढ़ रोजगार मिशन का गठन किया गया। 2019 से 2024 के लिये बनाई गई नई उद्योग नीति के तहत स्थानीय युवाओं को प्रमुखता से रोजगार के अवसर मिले है। बेरोजगार युवाओं को 2500 रुपए प्रतिमाह भत्ता मिल रहा है।
स्वास्थ्य संकेतकों में आश्चर्यजनक सुधार
स्वास्थ्य संकेतकों में आश्चर्यजनक रूप से सुधार हुआ है। सभी बीपीएल एवं एपीएल परिवारों को एक व्यापक स्वास्थ्य बीमा योजना द्वारा कवर किए गए हैं जो प्रति वर्ष 5,00,000 रुपए और 50 हजार तक मुफ्त चिकित्सा उपचार प्रदान करता है। सरकारी स्वास्थ्य सुविधाओं में सभी परीक्षण, उपचार और दवाएं निशुल्क हैं। महिलाओं और बच्चों की कुशलता व प्रगति प्राथमिकता है। महिलाओं और बच्चों से संबंधित हर पैरामीटर पर अद्भुत सुधार हुआ है।
एससी एसटी समुदाय ने शानदार प्रगति की
चिदंबरम ने कहा कि एससी और एसटी समुदाय का प्रगति सर्वोपरि है। कुल बजट का 45 प्रतिशत खर्च एससी और एसटी समुदाय पर होता है। वन अधिकार अधिनियम के तहत 5 लाख 18 हजार दावे स्वीकार किए गए और भूमि स्वामित्व वितरित किए गए। खरीदे गए लघु वनोपजों की संख्या 7 से बढ़ाकर 67 कर दी गई। तेंदूपत्तों का एमएसपी 2500 रुपए से बढ़ाकर 4000 रुपए प्रति मानक बोरा कर दिया गया। प्रति व्यक्ति आय 2018 में 88,793 रुपए से बढ़ाकर 2023 में 1,33,897 रुपए प्रतिवर्ष हो गई है। नीति आयोग की रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले 5 वर्षों में 40 लाख लोग गरीबी से बाहर आए हैं। समृद्धि में वृद्धि, लोगों विशेषकर किसानों के चेहरों पर दिखाई दे रही है।
कांग्रेस की नई घोषणाएं गिनाई...
चिदंबरम ने कांग्रेस की ओर से की गई अब की 9 घोषणाएं गिनाई और दावा किया कि ये सभी घोषणाएं पार्टी के घोषणापत्र में शामिल रहेंगी।
1. सरकार द्वारा प्रति एकड़ 20 क्विंटल धान खरीदेगी।
2. बकाया कृषि ऋण माफ किए जाएंगे।
3. कांग्रेस सरकार जातीय जनगणना कराएगी।
4. मुख्यमंत्री आवास योजना के तहत 17.50 परिवारों को आवास उपलब्ध कराए जाएंगे।
5. तेंदूपत्ता संग्राहकों को 4000 रुपए वार्षिक प्रोत्साहन देगी।
6. लघु वन उपज के एमएसपी में सरकार आने पर प्रति किलो 10 रुपए बढ़ोतरी करने की घोषणा की।
7. KG से PG तक सरकारी स्कूल-कॉलेजों में कोई फीस नहीं।
8. भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना में मिलने वाली राशि 7000 रुपए में 3000 रुपए को बढ़ोतरी कर 10,000 रुपए प्रतिवर्ष दिया जाएगा।
9. डॉ. खूबचंद बघेल स्वास्थ्य सहायता के तहत गरीब वर्ग के हितग्राहियों को अब 5 लाख से बढ़ाकर 10 लाख तक मुफ्त ईलाज की सुविधा तथा अन्य सभी लोगों को 50 हजार से बढ़कार 5 लाख तक मुफ्त ईलाज की सुविधा मिलेगी।