कमलेश सारड़ा, NEEMUCH. नीमच विधायक दिलीप सिंह परिहार ने नीमच कांग्रेस जिलाध्यक्ष अनिल चौरसिया को खूब खरी खोटी सुनाई है। विधायक दिलीप सिंह परिहार द्वारा खुलासा करते हुए कहा गया है की यदि अनिल चौरसिया सोच समझ कर नहीं बोले तो उनके संस्थान द्वारा किए गए अतिक्रमण पर कार्रवाई करवाएंगे। विधायक परिहार ने यह भी कहा की अनिल चौरसिया द्वारा संचालित कॉलेज में छात्रों का शोषण किया जा रहा है और छात्रों के लिए मुख्यमंत्री शिवाराज सिंह यानी मप्र शासन द्वारा भेजी गई छात्रवृत्ति की राशि को हजम किया जा रहा है। यह बड़ा आरोप है। विधायक दिलीप सिंह परिहार ने अनिल चौरसिया के सामने एक कंडीशन रख दी है की यदि उन्हें, यह सब गलत काम करना है तो सोच समझ कर बोलें। यानी अनिल चौरसिया मप्र की बीजेपी सरकार, विधायक दिलीप सिंह परिहार और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के खिलाफ कुछ ना बोलें। विधायक परिहार की बात से स्पष्ट है की यदि चौरसिया इस चेतावनी को नहीं मानते हैं तो वो अनिल चौरसिया द्वारा संचालित कॉलेज और अस्पताल की फाईल निकलवाएंगे। साथ ही अतिक्रमण और छात्रों के शोषण की जांच करवाकर कार्रवाई करवाएंगे।
शिकायतें मीडिया के माध्यम से भी आती रही हैं
दिलीप सिंह परिहार आरोप लगा रहे हैं की अनिल चौरसिया के कॉलेज द्वारा शासकीय भूमि पर अतिक्रमण किया गया है। साथ ही चौरसिया के कॉलेज में मप्र शासन द्वारा छात्रों के लिए भेजी गई छात्रवृत्ति की राशी हजम की जा रही है। अब विधायक परिहार के बयान के अनुसार इस अतिक्रमण और छात्रों के शोषण पर चौरसिया को छूट मिल सकती है। मगर तब, जब अनिल चौरसिया, दिलीप सिंह परिहार के मुताबिक चले और चुप रहें। अब सवाल यह उठता है की विधायक परिहार जो आरोप लगा रहे हैं यह शिकायतें मीडिया के माध्यम से आती भी रही हैं। विधायक दिलीप सिंह परिहार जो यह खुलासा कर रहे हैं और उनकी जानकारी में है तो वो और उनकी सरकार अब तक क्या कर रही है ?
चौरसिया के खिलाफ अब तक कार्रवाई क्यों नहीं की गई
क्या जनता ने छात्रों ने और उनके अभिभावकों ने क्या सिर्फ डायलॉग बाजी के लिए विधायक को चुना है ? शासन, प्रशासन और सरकार का क्या यही मतलब होता है की आप छात्रों का शोषण करने वालों को तब तक छूट देंगे जब तक की वो सरकार या प्रशासन के विरुद्ध ना बोलें ? यदि दिलीप सिंह परिहार के आरोपों में सच्चाई है तो छात्र हितों को नजरअंदाज कर अब तक क्यों चौरसिया के कॉलेज के खिलाफ कारवाई नहीं की गई ? जबकी शिवराज सिंह चौहान दावा करते हैं की वे छात्र-छात्राओं के मामा है। तो आखिर क्यों अभी तक छूट दे रखी है कि अनिल चौरसिया का संस्थान छात्रों का शोषण करता रहे और उनकी छात्रवृत्ति हजम कर सके ? साथ ही अनिल चौरसिया का संस्थान शासकीय भूमि पर भी अतिक्रमण करता रहे ?
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क्या यही है पीएम मोदी का “सबका साथ, सबका विकास”
दरअसल जिला कांग्रेस अध्यक्ष अनिल चौरसिया ने एक प्रदर्शन के दौरान नीमच में कांग्रेस कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को मिस्टर नटवरलाल कहा था। अनिल चौरसिया के इस बयान पर मीडिया द्वारा सवाल पूछे जाने पर विधायक दिलीप सिंह परिहार ने डायलॉग बाजी करते हुए अनिल चौरसिया को चमकोमाइसिन दी है। और तो और विधायक परिहार प्रधानमंत्री मोदी के ‘सबका साथ सबका विकास’ नारे की व्याख्या भी कर दी। क्या यही है प्रधानमंत्री मोदी के “सबका साथ, सबका विकास” की अवधारणा कि जब तक कोई भी विपक्षी दल या उसका नेता बीजेपी सरकार या मुख्यमंत्री के खिलाफ बयान ना दे, तब तक तो उसे विकास करने दिया जाएगा और उसका साथ दिया जाएगा।
यह तो दायित्व है आपका जिम्मेदारी है
विधायक दिलीप सिंह परिहार के अनुसार अनिल चौरसिया के संस्थान ने अतिक्रमण कर रखा है ? तो यह सवाल भी उनसे बनता है की आपका राजस्व विभाग, पटवारी, नायब तहसीलदार कर क्या रहे हैं? क्या इन सभी जिम्मेदार लोगों ने अब तक अनिल चौरसिया के संस्थान को उसी तरह छूट दे रखी है जिस तरह विधायक दिलीप सिंह परिहार ने स्वयं दे रखी है? विधायक परिहार ने कहा की इस सब के बावजूद हम बदला नहीं लेते? विधायक परिहार से पूछा जाना चाहिए की शासकीय भूमि को अतिक्रमण से मुक्त कराना, बदला कहां होता है? यह तो दायित्व है आपका जिम्मेदारी है आपकी की जनप्रतिनिधि होने के नाते और सरकार में होने के नाते कोई भी संस्थान व्यापारी या माफिया शासकीय भूमी पर अतिक्रमण ना कर पाएं और कर भी लें तो आपको मुक्त करवाना है शासकीय जमीन को।
दरअसल यही चलन है इस क्षेत्र में राजनीति का। बयानबाजी ही यहां पर कानून है, बयानबाजी ही सुशासन है।